पानीपत में यात्रियों की धड़कनें बढ़ गईं, बिना पटरी घसीटती गई हिमालय क्वीन ट्रेन
पानीपत में समालखा के पास हुआ हादसा। गार्ड का डिब्बा ट्रैक से उतरा। जब तक पायलट के पास सूचना पहुंची तब तक गाड़ी हो चुकी थी बेपटरी। रेल यातायात हुआ बाधित।
समालखा/पानीपत, जेएनएन। दिल्ली से कालका जा रही हिमालय क्वीन ट्रेन में बैठे यात्रियों की जान उस समय खतरे में पड़ गई, जब इस ट्रेन के गार्ड वाला डिब्बा झटके के साथ बेपटरी हो गया। गार्ड समुंदर ने किसी तरह से सूचना पायलट तक पहुंचाई। जब तक पायलट ने ट्रेन को रोका, तब तक गार्ड का डिब्बा पीछे बेपटरी होकर करीब छह सौ मीटर तक रेलवे ट्रैक पर घसीट चुका था। गनीमत ये रही की हादसे में अन्य यात्रियों वाले डिब्बे सुरक्षित रहे और किसी तरह का जान-माल का नुकसान नहीं हुआ। हालांकि ट्रैक को काफी नुकसान पहुंचा है। कुछ घंटे तक रेल यातायात बाधित रहा।
एडीआरएम नवीन परशुराम का कहना है कि हादसा कैसे हुआ, इसके बारे में जानने के लिए टीम लगी हुई है। ट्रेन का सिर्फ गार्ड वाला डिब्बा ही पटरी से उतरा। फिलहाल डाउन ट्रैक से हम धीरे-धीरे गाड़ियों को निकाल रहे है।
ट्रैक में आई दरार
हिमालय क्वीन का दिल्ली से चलने के बाद सोनीपत और गन्नौर में भी ठहराव है। गाड़ी ने गन्नौर स्टेशन से कुछ किलोमीटर चलकर स्पीड पकड़ी ही थी की भोड़वाल माजरी स्टेशन से करीब तीन सौ मीटर पहले ही अचानक झटके के साथ गार्ड वाला डिब्बा बेपटरी हो गया। डिब्बे ने ट्रैक पर घसीटना शुरू किया और इससे न केवल ट्रैक को अनेक जगह से नुकसान हुआ, बल्कि दरार तक आ गई। इसे दुरुस्त कर उसके ऊपर से धीरे धीरे से गाड़ी गुजारी जा रही है।
त्योहार के दिनों में ज्यादा भीड़
त्योहार के दिन चल रहे हैं। होली का पर्व है। इस वजह से लोग अपने घर जा रहे हैं। ट्रेनों में भीड़ बढ़ गई है। इन दिनों में छोटी सी लापरवाही भी बेहद भारी पड़ सकती है। दशहरे के दिन अमृतसर में ट्रेन ने 50 से ज्यादा लोगों को कुचल दिया था।