हरियाणा की एक सुखद तस्वीर, दाग लगाते नहीं मिटाते हैं यहां के लेाग

हरियाणा बोर्ड परीक्षाएं शुरू हो चुकी हैं। कई जगहों से सूचना आ रही कि स्कूल में खुलकर नकल हो रही। वहीं कुछ केंद्रों की तस्वीर सुखद का अहसास कराती हैं।

By Edited By: Publish:Fri, 06 Mar 2020 09:06 AM (IST) Updated:Fri, 06 Mar 2020 06:19 PM (IST)
हरियाणा की एक सुखद तस्वीर, दाग लगाते नहीं मिटाते हैं यहां के लेाग
हरियाणा की एक सुखद तस्वीर, दाग लगाते नहीं मिटाते हैं यहां के लेाग

पानीपत, जेएनएन। नकलचियों और इनके मददगारों की तस्वीरों और खबरों के बीच कुछ ऐसे उदाहरण भी हैं, जो ये बताते हैं कि अगर ठान लें तो कुछ गलत नहीं हो सकता। समाज सही दिशा में आगे बढ़ सकता है। यहां के गांव कालखा में ग्रामीणों ने एकजुट होकर नकल को ही बंद करवा दिया।  

करीब पांच वर्ष पूर्व तक जिले के कालखा गांव की बेटियां नौवीं के बाद पढ़ी नहीं। इसका मुख्य कारण गांव में परीक्षा केंद्र नहीं होना था। ग्रामीणों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र ङ्क्षसह हुड्डा की मदद से बेटियों को पढ़ाने के लिए गांव के स्कूल को परीक्षा केंद्र बनवाया। परीक्षा केंद्र बना तो आसपास के गांवों के बच्चों को नकल कराने के लिए लोगों की भीड़ जुटने लगी। नकल के कारण गांव का स्कूल बदनाम हुआ और सेंटर गंवाने की नौबत आ गई। गांव की बेटियों को पढ़ाने और सेंटर बचाने के लिए ग्रामीण बीते तीन वर्षों से परीक्षा के दौरान पहरा दे रहे हैं। 

 

दैनिक जागरण की टीम बृहस्पतिवार को कालखा गांव पहुंची। यहां परीक्षा केंद्र के पास अन्य केंद्रों की तरह युवकों की भीड़ नहीं थी। अन्य केंद्रों की तरह कोई पुलिसकर्मी भी नहीं था। क्योंकि कालखा में खुद ग्रामीण ही नकल रोकने के लिए पहरेदारी करते हैं। प्रदीप कल्याण ने बताया कि गांव के बुजुर्ग और युवा परीक्षा के दौरान लाठियां लेकर डयूटी देते हैं। गांव के बच्चे तो नकल नहीं करते लेकिन आसपास के गांवों के बच्चों को नकल कराने के लिए उनके स्वजन केंद्र के आसपास एकत्र हो जाते हैं। इन लोगों को हटाते हैं तो बात झगड़े तक पहुंच जाती है। हालांकि बुजुर्गों के समझाने पर केंद्र के आसपास लोग जमा नहीं होते। डीईओ सतपाल ङ्क्षसह ने बताया कि कालखा के अलावा कुराना, अहर, अलूपुर और नैन गांव में भी ग्रामीण नकल रोकने के लिए पहरेदारी करते हैं।

केंद्र बनने के बाद उच्च शिक्षित बेटियों की बढ़ी संख्या

गांव के बुजुर्ग रघुवीर ने बताया कि 10वीं का सेंटर दूर होने के कारण गांव की बेटियां पढ़ नहीं पाती थी। करीब पांच वर्ष पूर्व तत्कालीन सरपंच होशियार ङ्क्षसह और सदस्य ऋषिराम व सुनहरी तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मिलकर गांव के स्कूल को परीक्षा केंद्र बनवाया था। बीते पांच वर्षों में गांव की उच्च शिक्षित बेटियों की संख्या में वृद्धि हुई है। 

सभी ग्राम पंचायतें आगे आएं

डीईओ सतपाल सिंह ने कहा कि कालखा समेत कई ग्राम पंचायतें नकल रोकने के लिए आगे आईं हैं। बोर्ड परीक्षा को पूरी तरह नकल विहीन बनाने के लिए अन्य ग्राम पंचायतों को भी पहल करने की जरूरत है। 

यहां चलती है अक्ल, नहीं होती नकल

क्षेत्र के पुराने परीक्षा केंद्रों में निसिंग के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय का नाम सबसे पहले आता है। यहां एक साथ दो-दो केंद्र बनाकर परीक्षाएं कराई जाती हैं। इसका एक कारण यहां नकल नहीं होना है। हालांकि कस्बे और क्षेत्र के अन्य केंद्रों पर भी बाहरी हस्तक्षेप न के बराबर है। इस स्कूल में बाहर से पर्ची नहीं डाली जाती। अब भी यहां शांतिपूर्ण परीक्षा चल रही हैं।

 स्कूल इन कारणों से बना बाहरी पर्चीमुक्त

कस्बे के मुख्य बाजार से गुजरते कैथल रोड के पास स्कूल बस्ती में स्थित है, इसके सामने पशु अस्पताल बना है। स्कूल की दूसरी तरफ थाना है। प्रवेश करके यहां पर्ची डालना असंभव है। स्कूल के पिछली तरफ लोगों के घर बने हैं, जबकि गली की तरफ ऊंची दीवार है। दीवार और स्कूल भवन के बीच काफी दूरी भी है। वहीं, पुलिस का भी केंद्र पर कड़ा पहरा रहता है। इन्हीं कारणों से परीक्षा के दौरान केंद्र में बाहरी हस्तक्षेप नहीं हो पाता।

एसटीएफ की टीम ने किया निरीक्षण

बोर्ड की 10वीं और 12वीं वार्षिक परीक्षाओं के लिए ग्राम पंचायत और पुलिस प्रशासन ने इंतजाम किए हैं। नकल रहित परीक्षाओं के संचालन के लिए शिक्षा विभाग और प्रशासन की ओर से भी प्रबंध किए जा रहे हैं। राजकीय सीनियर सेकेंडरी ब्वॉयज के केंद्र अधीक्षक वजीर ङ्क्षसह ने बताया कि परीक्षा के नकल रहित संचालन के लिए ग्राम पंचायत का सहयोग लिया गया है। राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय गल्र्स में केंद्र अधीक्षक गौतम नायक का कहना है कि ग्रामीणों व पुलिस के सहयोग से बाहरी हस्तक्षेप बिलकुल भी नहीं है। अभी तक नकल के मात्र दो केस सामने आए हैं। परीक्षा केंद्र में ड्यूटी पर तैनात चौकी इंचार्ज सूरजभान ने बताया कि आउटसाइडर को रोकने के उद्देश्य से उन्होंने गांव के मौजिज लोगों की बैठक बुलाई थी। बारहवीं के फिजिकल के पेपर में एसटीएफ की टीम ने दोनों परीक्षा केंद्रों में करीब एक-एक घंटे तक निरीक्षण किया, लेकिन नकल का कोई भी केस सामने नहीं आया।

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