दफन है हत्‍या का राज, सामने लाने को मासूमों की कब्र पहचानने से हत्‍यारोपित बाप का इन्‍कार

Haryana Jind children murder case पांच बच्‍चों के हत्‍यारोपित बाप ने अपने ही मासूमों की कब्र पहचानने से इन्‍कार कर दिया है। पुलिस भी बिना पहचान के कब्र खोदने से पीछे हट गई है।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Mon, 27 Jul 2020 04:48 PM (IST) Updated:Mon, 27 Jul 2020 04:48 PM (IST)
दफन है हत्‍या का राज, सामने लाने को मासूमों की कब्र पहचानने से हत्‍यारोपित बाप का इन्‍कार
दफन है हत्‍या का राज, सामने लाने को मासूमों की कब्र पहचानने से हत्‍यारोपित बाप का इन्‍कार

पानीपत/जींद, जेएनएन। सफीदों के गांव डिडवाड़ा के जालिम पिता जुम्माद्दीन की निशानदेही पर पुलिस कब्र में शवों के अवशेषों की तलाश करने पहुंची। सोमवार को पुलिस जुम्मा को साथ लेकर ड्यूटी मजिस्ट्रेट की अगुआई में गांव पहुंची। जुम्मा ने करीब आठ साल पहले अपनी नौ माह की बेटी निशा, चार साल पहले बेटे आर्यन और करीब एक साल पहले बेटे नबी की योजनाबद्ध तरीके से हत्या कर मुस्लिम रीति रिवाजों से शवों को कब्रिस्तान में दफना दिया। एएसपी अजीत सिंह शेखावत ने बताया कि अवशेष निकालने की वीडियोग्राफी करवाई जाएगी। फोरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) के विशेषज्ञों से पुलिस संपर्क साध चुकी है।

दरअसल, हरियाणा के जींद के डिडवाड़ा में जुम्माद्दीन की दो बेटियां मुस्कान (11) और निशा (7) डूबकर मर गई थीं। बाद में बेटियों के पिता ने हत्‍या की बात ग्रामीणों के सामने कबूल की थी। यही नहीं, पहले भी तीन बच्‍चों की हत्‍या करने की बात स्‍वीकारी थी। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जांच शुरू कर दी थी।

पुलिस टीम जुम्‍मा को लेकर गांव पहुंची। पुलिस टीम को देख ग्रामीण भी मौके पर जुट गए। खुदाई के लिए एक्‍सपर्ट को भी बुला लिया गया था। लेकिन, यहां जुम्‍मा ने कब्रों को पहचानने से ही इन्‍कार कर दिया। वहीं गांव के लोगों को भी पुलिस ने बुलाया, लेकिन कोई भी कब्रों की पहचान नहीं कर पाया। गांव वालों का कहना है कि पहला बच्‍चा आठ साल पहले दफनाया गया था। इसके बाद से कब्रिस्‍तान में मिट्टी भी डलवाई गई। बारिश में काफी मिट्टी भी गई। ऐसे में पहचान करने में मुश्किल है। वहीं सफीदों सदर थाना प्रभारी धर्मबीर का कहना है कि बिना पहचान के कब्र को नहीं खोदा जाएगा। वहीं पुलिस ग्रमीणों के बयान लेकर वापस लौट गई।

चार अफसरों ने की पूछताछ

रविवार सुबह ही सदर थाना प्रभारी धर्मबीर सिंह सहित चार जांच अधिकारियों ने बारी-बारी आरोपित जुम्माद्दीन से पूछताछ की। प्रत्येक जांच अधिकारी ने आधे-आधे घंटे पूछताछ की और उसके बयानों को लिखा गया। हर जांच अधिकारी के समक्ष दिए गए बयानों में जुम्माद्दीन अलग-अलग बात करता रहा। जुम्मा शुरुआत में तांत्रिक के कहने पर हत्या की बात करता रहा। बाद में आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने। कड़ाई से पूछताछ करने पर साली के संपर्क में होने की बात कही।

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