हरियाणा में गुलाबी सुंडी ने किसानों के अरमानों पर फेरा पानी, कपास की फसल बर्बाद
हरियाणा में कपास की फसल को गुलाबी सुंडी ने भारी नुकसान पहुंचाया है। हजारों एकड़ में लगी किसानों की फसल खराब हो गई है। इससे पहले जलभराव के कारण किसानों की हजारों एकड़ में लगाई फसल खराब हो गई थी।
जींद, जागरण संवाददाता। जींद में इस बार सामान्य से ज्यादा बारिश हुई। जिससे जिलेभर में हजारों एकड़ फसल जलभराव के कारण खराब हो गई। जलभराव के कारण किसानों को काफी नुकसान झेलना पड़ा।लेकिन जलभराव से भी ज्यादा नुकसान गुलाबी सुंडी ने पहुंचाया है। प्रदेश सरकार के आदेश पर प्रशासन द्वारा गिरदावरी कराई गई। जिसके अनुसार जिले में करीब 68 हजार एकड़ खरीफ फसल में नुकसान हुआ है। जिसमें उचाना क्षेत्र में करीब 50 हजार एकड़ में कपास की फसल में गुलाबी सुंडी की वजह से नुकसान हुआ है। गुलाबी सुंडी के प्रकोप के कारण किसानों को इस बार कपास की फसल को समय से पहले काटना पड़ा।
जींद में 70 हजार हेक्टेयर में कपाल की फसल
कपास की फसल की चुगाई 15 दिसंबर तक होती है। लेकिन इस बार ज्यादातर किसानों ने कपास की फसल अक्टूबर में काट कर गेहूं की बिजाई कर दी। जिले में करीब 70 हजार हेक्टेयर में कपास की फसल थी। जून में ही कपास की फसल के फूलों में गुलाबी सुंडी आ गई थी। जो टिंडे के अंदर चली गई और बिनौले को चट कर गई। इस वजह से कपास नहीं खिली। प्रति एकड़ कपास का उत्पादन 10 से 14 क्विंटल तक हो जाता है। लेकिन इस बार दो से चार क्विंटल उत्पादन ही प्रति एकड़ रहा।
भाव अच्छे पर उत्पादन कम होने से नुकसान
इस सीजन में कपास के भाव नौ हजार रुपये प्रति क्विंटल तक भी पहुंच चुके हैं। जबकि पिछले साल भाव पांच से छह हजार रुपये तक रहे थे। समर्थन मूल्य से ज्यादा भाव इस बार रहने के कारण कपास की इस साल सरकारी खरीद भी शुरू नहीं हुई। किसानों को मलाल है कि अगर प्रति एकड़ छह से आठ क्विंटल कपास का उत्पादन हो जाता, तो भी वे फायदे में रहते। लेकिन अब उनके पास कपास बेचने के लिए ही नहीं है, तो भाव किस काम के।