Fraud Alert: किसान से क्रेडिट कार्ड के नाम पर लाखों की धोखाधड़ी, अधिकारियों से नहीं मिली मदद तो अदालत का लिया सहारा

कैथल में बैंक से किसान क्रेडिट कार्ड पर लोन दिलवाने के नाम दस लाख 60 हजार रुपये की धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है। आरोपित ने असंध स्थित इंडसइंड ब्रांच में उसका खाता खुलवा दिया। लोन की सिक्योरिटी के नाम पर उससे हस्ताक्षर किए हुए खाली चेक ले लिए।

By Naveen DalalEdited By: Publish:Sat, 11 Sep 2021 07:05 AM (IST) Updated:Sat, 11 Sep 2021 07:21 AM (IST)
Fraud Alert: किसान से क्रेडिट कार्ड के नाम पर लाखों की धोखाधड़ी, अधिकारियों से नहीं मिली मदद तो अदालत का लिया सहारा
कैथल में किसान से लाखों की धोखाधड़ी।

कैथल, जागरण संवाददाता। कैथल में बैंक से किसान क्रेडिट कार्ड पर लोन दिलवाने के नाम दस लाख 60 हजार रुपये की धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है। जांच अधिकारी विरेंद्र सिंह ने बताया कि पुलिस ने कोर्ट के आदेशानुसार केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इस मामले में गांव पौंखरी खेड़ी जिला जींद निवासी अशोक कुमार की शिकायत पर सदर थाने में केस दर्ज कर लिया गया है।

अशोक कुमार ने बताया कि धोखाधड़ी का मुख्य आरोपित गांव घोघड़ियां जिला जींद निवासी मोनू है। आरोपित मोनू जींद एचडीएफसी बैंक में काम करता था। उसके बाद उसने गांव जगदीशपुरा स्थित इंडसइंड बैंक में काम करना शुरू कर दिया। मार्च 2016 को आरोपित ने उसको कहा कि वह इंडसइंड बैंक से किसान क्रेडिट कार्ड बनवाकर लोन दिलवा देगा। लोन के लिए आरोपित ने असंध स्थित इंडसइंड ब्रांच में उसका खाता खुलवा दिया। लोन की सिक्योरिटी के नाम पर उससे हस्ताक्षर किए हुए दस खाली चेक और आठ एकड़ कृषि भूमि के कागजात ले लिए।

दूसरे के खाते में भेज दी राशि

कुछ दिन बाद उसे सूचना मिली कि उसका 15 लाख 60 हजार रुपये का लोन पास हो गया है। वह लोन की रकम खाते में डलवाने को लेकर आरोपित माेनू के पास गया। वहां जाकर पता चला कि आरोपित ने गांव सौंगरी निवासी सुरेंद्र के खाते में अशोक के खाली चेक से 15 लाख 60 हजार रुपये भेज दिए। मोनू से पैसे वापस मांगे तो उसने कहा कि दो चार दिन में वह पैसे उसके खाते में वापस डलवा देगा। कुछ दिनों तक चक्कर लगाने के बाद भी आरोपित ने राशि उसके खाते में नहीं डाली। उसके बाद 29 जून को आरोपित ने गांव धनौरी निवासी राममेहर के खाते से अशोक के खाते में पांच लाख रुपये जमा करवा दिए। पैसे जमा करवाने के बाद बकाया दस लाख 60 हजार रुपये जमा करवाने के लिए कहा तो आरोपित माेनू उसे गुमराह करता रहा। आरोपित के खिलाफ बैंक के उच्च अधिकारियों को लिख दिया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। सीएम विंडो में शिकायत दी गई, लेकिन उसे पैसे वापस नहीं मिले।

हादसे में हो गया था घायल

अशोक ने बताया कि दिसंबर 2016 में वह एक सड़क हादसे में घायल हो गया था। करीब एक साल बाद ठीक होने के बाद उसने दोबारा से आरोपित के खिलाफ शिकायत कर दी। इंडसइंड के मौजूदा बैंक मैनेजर थे, उन्हें भी शिकायत दी। साल 2017 के अंत में आरोपित ने बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर उस पर चार लाख 35 हजार रुपये का चेक बाउंस का केस दर्ज कर दिया। उसके बाद लगातार उसने बैंक के उच्चाधिकारियों को मामले के बारे में अवगत करवाया। कहीं भी सुनवाई ना होने पर उसने अगस्त माह में कैथल कोर्ट में अपील डाली थी। अब कोर्ट के आदेशों के बाद आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।

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