पोती के प्रमाण पत्र मे त्रुटियां, चक्कर लगा रहा दादा

प्रदेश के मुख्यमत्री ने वर्ष 2015 मे राज्य की बालिकाओ के लिए आपकी बेटी योजना शुरू की।

By Edited By: Publish:Sun, 28 Jan 2018 02:06 AM (IST) Updated:Sun, 28 Jan 2018 10:48 AM (IST)
पोती के प्रमाण पत्र मे त्रुटियां, चक्कर लगा रहा दादा
पोती के प्रमाण पत्र मे त्रुटियां, चक्कर लगा रहा दादा
जागरण संवाददाता, पानीपत<ढ्डह्म> प्रदेश के मुख्यमत्री ने वर्ष 2015 मे राज्य की बालिकाओ के लिए आपकी बेटी हमारी बेटी योजना का शुभारंभ किया था। योजना से संबंधित विभाग द्वारा जारी प्रमाण पत्र की त्रुटियो को ठीक कराने के लिए बच्ची का दादा पन्द्रह दिनो से विभागीय अधिकारियो के यहां चक्कर लगा रहा है। <ढ्डह्म> गांव जाटल निवासी हुकुम सिंह ने बताया कि उसकी पुत्रवधू इंदु ने 9 मई 2015 को दूसरी बेटी को जन्म दिया, जिसका नाम अराध्या रखा गया। आपकी बेटी हमारी बेटी योजना के तहत विभागीय कार्यालय मे आवेदन किया गया। महिला एवं बाल विकास विभाग, हरियाणा सरकार ने 1 मई 2017 को सदस्यता प्रमाण पत्र जारी किया। सदस्यता प्रमाण पत्र मे सदस्यता क्रमांक, मां का नाम, पिता का नाम और बच्ची की जन्मतिथि गलत दर्शायी गई है। इस संबंध मे महिला एवं बाल विकास कार्यक्रम अधिकारी (डब्ल्यूसीडीपीओ), पानीपत ग्रामीण को 23 जनवरी 2018 मे शिकायत पत्र सौपा गया। डब्ल्यूसीडीपीओ ने लाल इंक के पेन से सदस्यता प्रमाण पत्र की त्रुटियो को ठीक कर दिया। <ढ्डह्म> नया प्रमाण पत्र जारी करने से अधिकारी ने स्पष्ट इन्कार कर दिया। हुकुम सिंह को डर है कि उसकी पौत्री 18 वर्ष की हो जाएगी तो प्रमाण पत्र मे कई त्रुटियो के चलते आपलिा लगना तय है। <ढ्डह्म> <ढ्डह्म> यह है योजना का लाभ : <ढ्डह्म> ग्रामीण व शहरी क्षेत्रो मे 22 जनवरी 2015 के बाद जन्मी पहली, दूसरी और तीसरी बेटी के नाम से सरकार द्वारा 21 हजार रुपये भारतीय जीवन बीमा मे जमा कराए जाते है। लड़की के बालिग होने पर यह रकम ब्याज सहित उसके खाते मे ट्रांसफर कर दी जाती है। योजना के लाभ के लिए पंजीकरण जन्म के एक माह के भीतर हो जाना चाहिए।<ढ्डह्म> <ढ्डह्म> वर्जन : <ढ्डह्म> सदस्यता प्रमाण पत्र नया बनना संभव नही है। विभाग के मुख्यालय से चूक हुई है। शिकायतकर्ता को संतुष्ट करने के लिए लाल इंक के पेन से त्रुटियो को ठीक किया गया है। रकम लेते समय क्रमांक संख्या बतानी होती है, वहां पूरा डाटा होता है। <ढ्डह्म> सरला यादव, डीपीओ-महिला एवं बाल विकास विभाग।
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