जींद में यूरिया के लिए सुबह ही दुकानों पर लगी किसानों की लाइन, हंगामा, मौके पर पहुंची पुलिस

जींद में यूरिया खरीदने को लेकर सुबह से ही दुकानों के बाहर किसानों की लंबी लाइन लग गई। हंगामे को देख पुलिस को भी मौके पर बुलाया गया। मंगलवार को 2600 मीट्रिक टन यूरिया खाद जिले में पहुंची है। जो सरकारी दुकानों पर भिजवाई गई है।

By Rajesh KumarEdited By: Publish:Wed, 19 Jan 2022 03:42 PM (IST) Updated:Wed, 19 Jan 2022 03:42 PM (IST)
जींद में यूरिया के लिए सुबह ही दुकानों पर लगी किसानों की लाइन, हंगामा, मौके पर पहुंची पुलिस
जींद में यूरिया के लिए किसानों की लगी लंबी लाइन।

जींद, जागरण संवाददाता। जींद में यूरिया के लिए किसानों की दुकानों पर लाइन लग रही हैं। बुधवार सुबह जैसे ही किसानों को सरकारी दुकानों पर खाद पहुंचने की सूचना मिली, किसान खाद लेने के लिए पहुंच गए। जींद पुरानी अनाज मंडी में सरकारी दुकान पर सुबह आठ बजे से पहले ही किसान खाद लेने के लिए पहुंच गए। किसानों की संख्या ज्यादा होने के कारण पुलिस भी बुलानी पड़ी। उसके बाद लाइन बनवा कर किसानों को खड़ा किया गया और उनको टोकन दिए गए। मंगलवार को 2600 मीट्रिक टन यूरिया खाद जिले में पहुंची है। जो सरकारी दुकानों पर भिजवाई गई है।

बुधवार को खाद का वितरण शुरू किया गया। खाद लेने पहुंचे अहिरका गांव के किसान जगपाल, राममेहर ने कहा कि बारिश के बाद गेहूं की फसल में यूरिया खाद डालनी है। एक सप्ताह पहले खाद डालनी थी। लेकिन उन्हें खाद नहीं मिल रही। बुधवार सुबह आठ बजे से पहले ही जींद पुरानी अनाज मंडी में पहुंच गए थे। यहां लंबी लाइन लगी है। पता नहीं, खाद मिलेगी या नहीं। जब सरकार व प्रशासन को पता है कि जिले में कितने खाद की जरूरत है, तो उसके हिसाब से समय रहते उपलब्ध क्यों नहीं कराई जा रही। 

2600 मीट्रिक टन यूरिया खाद का रैक आया है

कृषि विभाग के क्वालिटी कंट्रोल इंस्पेक्टर नरेंद्र पाल ने बताया कि 2600 मीट्रिक टन खाद का रैक आया है। जिसे बंटवाया जा रहा है। अब तक रबी सीजन में करीब 62 हजार मीट्रिक टन यूरिया जिले में पहुंच चुकी है। सीजन में कुल 76 हजार मीट्रिक टन यूरिया की जरूरत होती है। गेहूं में यूरिया फरवरी के महीने तक डाली जाती है। जल्द ही यूरिया के और भी रैक आएंगे। 

नैनो यूरिया डालें किसान, मिलेंगे बेहतर परिणाम

इफको की तरफ से यूरिया के विकल्प के तौर पर नैनो यूरिया मार्केट में लाई गई है। यूरिया का बैग जहां 45 किलो का होता है। वहीं नैनो यूरिया तरल है और 500 एमएल की पैकिंग में है। इफको का दावा है कि ये एक यूरिया के बैग से ज्यादा काम फसल में करता है। इफको के जींद क्षेत्रीय अधिकारी डा. अभय यादव ने बताया कि गेहूं की फसल में नैनो यूरिया के दो स्प्रे करने होते हैं। पहला स्प्रे गेहूं की फसल 45 दिन या इससे ज्यादा की होने पर और दूसरा स्प्रे बालियां आने से एक सप्ताह पहले करें। नैनो यूरिया की एक बोतल की कीमत 240 रुपये और यूरिया का बैग 270 रुपये का आता है। 

जींद में 81 हजार नैनो यूरिया की बोतल बिक चुकी

इस सीजन में जींद जिले में अभी तक 81 हजार नैनो यूरिया की बोतल बिक चुकी हैं। डा. अभय यादव ने बताया कि जिन किसानों ने एक बार नैनो यूरिया एक बार अपने खेत में डाल लिया, वे दोबारा नैनो यूरिया लेने के लिए आ रहे हैं। बाकी किसान भी धीरे-धीरे इसकी तरफ बढ़ेंगे। जब यूरिया खाद आई, तब भी किसानों ने एकदम से उसे अपनाया नहीं। जब यूरिया से फसल उत्पादन बढ़ता दिखा, तो किसान यूरिया खरीदने लगे। नैनो यूरिया के मामले में भी यही होगा।

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