बाजार का रुख भांप बेमौसमी सब्जियों से कमा रहे मुनाफा, यही बनी इनकी पहचान Panipat News

जींद के हवा सिंह के आधा एकड़ जमीन है। इसके बावजूद हवा सिंह ने वो कर दिखाया जो कई एकड़ जमीन वाले किसान भी नहीं कर पाते हैं। हवा सिंह आधा एकड़ जमीन पर 36 तरह की सब्जियां उगाते हैं।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Wed, 24 Jul 2019 03:53 PM (IST) Updated:Wed, 24 Jul 2019 03:53 PM (IST)
बाजार का रुख भांप बेमौसमी सब्जियों से कमा रहे मुनाफा, यही बनी इनकी पहचान Panipat News
बाजार का रुख भांप बेमौसमी सब्जियों से कमा रहे मुनाफा, यही बनी इनकी पहचान Panipat News

पानीपत/जींद, [बिजेंद्र मलिक]। अमरहेड़ी गांव के 54 वर्षीय हवा सिंह। खेती किसानी करने वालों के लिए प्रेरणा। इनके हुनर के चर्चे दूर तक सुनाई देते हैं। सिर्फ आधा एकड़ जमीन पर 36 तरह की सब्जियां उगाने का जो कारनामा जो इन्होंने किया है वह मिसाल है। इनके पास वो सब्जियां भी 12 महीने मिल जाती हैं, जो दिल्ली जैसे महानगर की मंडियों में भी नहीं मिलतीं। इनकी आमदनी एक से डेढ़ लाख रुपये सालाना तक पहुंच गई है। यहां तक कि बेमौसमी सब्जियों के मुरीद खुद चलकर इनके खेत तक आते हैं। 

मांग के मुताबिक उगाते हैं सब्जी
सिर्फ आठवीं कक्षा तक पढ़ाई करने वाले हवा सिंह बाजार का रुख बखूबी भांप लेते हैं। यही वजह है कि इनके खेत में सबसे ज्यादा वही सब्जी उगाई जाती है, जिसकी मांग शादी समारोह में सबसे ज्यादा होती है। 

पिता के पास थी तीन एकड़ जमीन
हवा सिंह के पिता किशन सिंह के पास तीन एकड़ जमीन थी। हवा सिंह समेत उनके छह बेटे थे। जमीन का बंटवारा हुआ तो हवा सिंह के हिस्से में आधा एकड़ जमीन आई। जमीन कम होने के बाद भी हवा सिंह ने हार नहीं मानी। इन्होंने पालक, धनिया व मेथी की खेती से शुरूआत की। साल 2000 में स्ट्रॉबेरी की खेती की। अच्छी आमदनी हुई तो पैकिंग करके खुद ही बिक्री शुरू कर दी।  

 

बीच में छोड़ दी थी खेती
एक दौर वह भी आया, जब हवा सिंह को खेती से मुंह मोडऩा पड़ा। कारण यह था कि उनके खेत में लगा ट्यूबवेल खराब हो गया था, जिसकी मरम्मत करा पाना उनके लिए मुमकिन नहीं था। चार साल पहले दोबारा खेती में हाथ आजमाना शुरू किया। स्ट्रॉबेरी के साथ बेमौसमी गोभी, पालक, भिंडी, मूली, हल्दी, पुदीना, करेला, तोरी व अन्य सब्जियां उगानी शुरू की। धीरे-धीरे हालात बदले और आमदनी बढ़ती गई। मौजूदा वक्त में भी उनके खेत में पहाड़ी बथूआ देखा जा सकता है, जो शादियों में 80 से 90 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा है। 

वीआइपी फ्रूट है स्ट्रॉबेरी
हवा सिंह बताते हैं कि स्ट्रॉबेरी की दो किलो की पैकिंग होती हैं। इसमें 250 ग्राम की चार डिब्बी होती हैं। दिसंबर  व जनवरी में एक पैकिंग 500 रुपये के भाव बिक जाती है। उस समय शादियों का सीजन होता है। ये वीआइपी फ्रूट में शुमार होता है। अब अपने खेत में उन्होंने चार-पांच नीबू, चार-पांच अमरूद, जामुन और केले के पौधे भी लगाए हैं। 

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