अतिक्रमण हटाने का काम नगरपालिका का, कर रही पुलिस
कस्बे की सड़कों से अतिक्रमण हटाने का काम पालिका है। पालिका अधिकारियों की अनदेखी से बाजार में जाम लगता है।
जागरण संवाददाता, समालखा : रेलवे रोड से अतिक्रमण हटाने को लेकर गतिरोध बढ़ रहा है। दुकानदार अब नगरपालिका के बदले पुलिस के खिलाफ रोष व्यक्त करने लगे हैं। बुधवार की सुबह रेलवे रोड पर ऐसा ही नजारा देखने को मिला। चालान के डर से पुलिस द्वारा दुकान के बाहर रखे सामानों की फोटो खींचने का विरोध करते हुए दुकानदारों ने रोष जताया। उन्होंने एएसपी से मिलने की बात कही।
उल्लेखनीय है कि कस्बे की सड़कों से अतिक्रमण हटाने का काम पालिका है। पालिका अधिकारियों की अनदेखी से बाजार में जाम लगता है। मजबूरी में पुलिस को अतिक्रमण हटाने का काम करना पड़ रहा है। इस दौरान पुलिसकर्मियों को दुकानदारों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
फिर भी नहीं खुल रही नगरपालिका अधिकारियों की नींद
नगर पालिका अधिकारियों की लापरवाही के चलते दुकानदारों ने फुटपाथ और दुकान के बाहर सामान रखना अपना अधिकार समझ लिया है। उनके 10 से 15 फीट के शेड भी दुकानों के बाहर लगे हैं। बिक्री अधिक होने की उम्मीद से वे बाहर सामान रखते हैं। एक-दूसरे की देखा-देखी ने पूरे बाजार का माहौल खराब कर दिया है।
दुकानदारों की कमाई का मुख्य साधन है रेहड़ी
दुकानों के बाहर रेहड़ी लगवाने से दुकानदारों को भाड़े की अतिरिक्त आमदनी होती है। दुकानों से उतनी आमदनी नहीं होती, जितनी रेहड़ी वाले उसे देकर जाते हैं। कोरोना में वैसे भी दुकानदारों की बिक्री कम है। लोगों के अनुसार रेहड़ी मालिक रोज दुकानदारों को 200 से 600 रुपये भाड़ा देते हैं। इतना मुनाफा सभी दुकानदारों को दिन में अपने समान बेचने से भी नहीं होता है।
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शहरी ट्रैफिक इंचार्ज राजेश राठी कहते हैं कि सुबह में बाहर सामान रखने से मना करने और फोटो खींचने पर दुकानदारों ने विरोध किया। एएसपी से मिलने की बात कही है। दुकानदार गलत काम भी कर रहे हैं। साथ ही रोकने पर विरोध करते हैं।