इकोफ्रेंडली मैटीरियल और कृत्रिम सामान बढ़ा रहे घर की सुंदरता

अंदरुनी साज-सज्जा के बिना छोटा हो या बड़ा मकान, सूना-सूना लगता है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 21 Sep 2018 01:51 PM (IST) Updated:Fri, 21 Sep 2018 01:51 PM (IST)
इकोफ्रेंडली मैटीरियल और कृत्रिम सामान बढ़ा रहे घर की सुंदरता
इकोफ्रेंडली मैटीरियल और कृत्रिम सामान बढ़ा रहे घर की सुंदरता

जागरण संवाददाता, पानीपत : अंदरुनी साज-सज्जा के बिना छोटा हो या बड़ा मकान, सूना-सूना लगता है। खासकर जब निर्माण में खूब पैसा खर्च किया गया हो। इंटीरियर डेकोरेशन के मामले में कंजूसी नहीं बरतनी चाहिए। घरों को सजाने के लिए अब कृत्रिम सजावटी सामान के साथ इकोफ्रेंडली मैटीरियल से बने सजावट की वस्तुओं का ज्यादा क्रेज है। ड्राईंग रूम, बेडरूम, मुख्य द्वार, गैलरी से लेकर बालकनी में आपको लकड़ी और मिट्टी की कलाकृतियां रखी हुई दिख जाएंगी।

घर की सजावट के लिए सामान की लिस्ट बनाते समय सभी के दिमाग में एक बात जरूर रहती है कि शोपीस परिवार के स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह न हो। यही कारण है कि री-साइकिल किए जा सकने वाले मार्बल, लकड़ी, मिट्टी, पीतल और सिल्वर से बने सजावटी शोपीस से घरों को सजाया जा रहा है। लकड़ी को बिना काट छांट किए बनाए फर्नीचर, पशुओं-जानवरों की आकृतियां, कुशन समेत कपड़े से बने सजावट के आइटम ड्राइंग रूम की शोभा बनते हैं। ग्लोबल नोमैडिक विभिन्न संस्कृतियों से प्रेरित है। इसमें मोरोकन पाउफ, टसेल और पोम पोम्स के साथ सजाए गए सामान और पेस्टल रंगों में मिट्टी के बर्तन बेडरूम में पहुंच गए हैं। पॉलिश की हुई धातुओं, रंगीन ग्लास और कंक्रीट के मिश्रित इस्तेमाल कर बनाए गए आइटम भी परिवार के हर सदस्य को आकर्षित करते हैं। नामचीन कलाकार की कलाकृति भी ड्राइंग रूम में टंगी दिखती हैं। बेडरूम की दीवार के लिए रोमांटिक पोज की कलाकृतियां नवविवाहित जोड़ों की पहली पसंद बनी हुई हैं। डि•ाइनर क्रोम के साथ पीतल, तांबा, स्टेनलेस स्टील के फूलदानों में ताजा गुलाब सजाने का भी चलन है। इससे पूरा घर महकता है।

झूमर

झूमर तो अधिकांश घरों में टंगा मिल जाएगा। बड़े और आलीशान महलों जैसे दिखने वाले घरों में आज भी ड्राईंग रूम, मी¨टग रूम, मुख्य द्वार और बालकनी को स्टील-पीतल से बनी ढाल-तलवार के सेट को दीवारों पर टांगने का चलन बना हुआ है। बच्चों वाले घरों के किसी न किसी कोने में टैडीबियर, बार्बी डॉल रखी हुई दिख जाएगी। वर्जन :

कृत्रिम सजावटी सामान कुछ समय बाद ही बोझिल लगने लगते हैं। भारतीय लोगों को हमेशा से सदाबहार और प्रकृति के नजदीक वाली वस्तुएं पसंद है। यही कारण है कि कपड़ा, लकड़ी, मार्बल, मिट्टी के अलावा धातुओं से बने शोपीस इस समय खूब पसंद किए जा रहे हैं।खास बात यह कि इकोफ्रेंडली और लॉन्ग लाइफ होते हैं।

मोहित आहूजा, चीफ ऑपरे¨टग ऑफिसर, कासा ब्लेंका द फर्नी¨शग स्टोर

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