तहसील में अव्यवस्था पर डीसी नाराज, एक साल से सीट पर जमे बाबू बदले जाएंगे
जमीन की रजिस्ट्रियों की डिलीवरी समय पर ना होने से नाराज डीसी सुमेधा कटारिया ने शुक्रवार को तहसील कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। रजिस्ट्रियों के रिकार्ड चेक किए। अव्यवस्था मिलने पर कड़ी नाराजगी जाहिर की। एक वर्ष से तहसील कार्यालय में विभिन्न सीटों पर बैठे बाबूओं को बदलने के निर्देश दिए। तहसीलदार से दिसंबर माह में की गई जमीन की रजिस्ट्रयों का विवरण भी मांगा है।
जागरण संवाददाता, पानीपत : जमीन की रजिस्ट्रियों की डिलीवरी समय पर ना होने से नाराज डीसी सुमेधा कटारिया ने शुक्रवार को तहसील कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। रजिस्ट्रियों के रिकार्ड चेक किए। अव्यवस्था मिलने पर कड़ी नाराजगी जाहिर की। एक वर्ष से तहसील कार्यालय में विभिन्न सीटों पर बैठे बाबूओं को बदलने के निर्देश दिए। तहसीलदार से दिसंबर माह में की गई जमीन की रजिस्ट्रयों का विवरण भी मांगा है।
डीसी सुमेधा कटारिया ने कानूनगो कार्यालय, नायब तहसीलदार के कमरे और तहसीलदार कोर्ट रूम का भी निरीक्षण किया। एक साल से रीडर के पद पर कार्यरत विक्रम और प्रदीप कुमार सहित रजिस्ट्री कलर्क रणबीर सिंह, सहायक रजिस्ट्री कलर्क कृष्ण जुनेजा, कम्प्यूटर ऑपरेटर राकेश को बदलने के निर्देश दिए। डीसी ने सर्वप्रथम ई-दिशा केन्द्र पहुंचीं। रजिस्ट्री कलर्क रणबीर सिंह से रजिस्ट्रियों की डिटेल जाननी चाही। क्लर्क ने जवाब दिया कि कुल 75 रजिस्ट्री की गई है। सभी डिलीवर कर दी गई। रजिस्टर चेक करने पर उन्होंने पाया कि
कुछ रजिस्ट्रियों की डिलवरी हो चुकी है लेकिन उनके हस्ताक्षर नहीं करवाए गए हैं। पूछने पर क्लर्क जवाब नहीं सका। इंतकाल रूम का निरीक्षण
इंतकाल रूम के निरीक्षण के दौरान पटवारी सुधांशु स्वयं कम्प्यूटर ऑपरेटर के द्वारा ऑनलाइन इंतकाल दर्ज करवाता हुआ मिला। डीसी ने नाराजगी जताते हुए कहा कि आपका यहां आना वाजिब नहीं है। उन्होंने इस बारे तहसीलदार डॉ. कुलदीप मलिक को रिपोर्ट देने के निर्देश दिए। ऐसे कर्मचारियों की सूची बनाने के निर्देश दिए जो छह महीने से अधिक समय से एक ही सीट पर लगातार कार्य कर रहे हैं। इन सभी कर्मचारियों की ट्रांसफर होगी। औचक निरीक्षण में दो लाख बिजली की शिकायत
डीसी गोहाना रोड़ स्थित बिजली कार्यालय में भी बिना बताए औचक निरीक्षण करने पहुंचीं। अव्यवस्था देख कर बिजली निगम के अधिकारी और कर्मचारियों के प्रति नाराजगी जताई। कच्चा काबड़ी फाटक से बिल सुधार कराने आए धीरज कुमार ने उन्हें बताया कि वह एक फैक्ट्री में मजदूरी का काम करता है। निगम की तरफ से उसे दो लाख रुपये का घरेलू बिजली बिल आया है। एक साल से अधिकारियों का चक्कर काट रहा है। कोई उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है। जेई विरेन्द्र नांदल को मौके पर बुलाकर पूछा कि इसका समाधान क्यों नहीं किया जा रहा है। जेई ने कहा कि फिजिकल वेरिफिकेशन कर इसे ठीक करवा देंगे। डीसी ने जेई के व्यवहार के प्रति नाराजगी जताते हुए एक दिन में कितने फिजिकल वेरीफिकेशन करते हैं उसका लिखित में जवाब मांगा है। बिझौल से आए राजबीर सिंह ने 1 लाख 86 हजार के घरेलू बिल को ठीक करवाने के लिए कार्यालय के बार बार चक्कर लगाने की शिकायत की। 77 साल के एक बुजुर्ग ने भी बिल की व्यथा डीसी को सुनाई। कार्रवाई करने के दिए निर्देश
बिजली उपभोक्ताओं से बात करने के बाद जेई राजेश को बुलवाया। अधीक्षण अभियंता से सब अर्बन और ग्रामीण कार्यालय में कार्यरत तीन एलडीसी क्लर्क, जेई विरेन्द्र नांदल व राजेश से संबंधित सभी लंबित शिकायतों की जांच कर इसकी रिपोर्ट सौंपने और इनके विरूद्ध कार्रवाई करने के निर्देश दिए।