हरियाणा में डेंगू और मलेरिया का खतरा सिर पर, स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां अधूरी

कुरुक्षेत्र में मलेरिया विभाग 28 डेंगू के मरीजों की पुष्टि कर चुका है जबकि संदिग्ध मरीजों की संख्या इससे कहीं गुणा ज्यादा है। ऐसे में साफ है कि पिछले दो साल के मुकाबले इस साल डेंगू लोगों के स्वास्थ्य पर भारी पड़ता दिखाई दे रहा है।

By Naveen DalalEdited By: Publish:Sun, 29 May 2022 06:02 PM (IST) Updated:Sun, 29 May 2022 06:02 PM (IST)
हरियाणा में डेंगू और मलेरिया का खतरा सिर पर, स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां अधूरी
हरियाणा में बढ़ने लगा डेंगू का खतरा।

कुरुक्षेत्र, जागरण संवाददाता। मई माह में रुक-रुक कर हो रही बारिश के बाद डेंगू और मलेरिया का खतरा सिर पर मंडराना शुरू हो गया है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां अभी अधूरी पड़ी हैं। पहली मई से एक्टिवेट होने वाली मलेरिया विभाग की स्प्रै गैंग को अब तक उच्चाधिकारियों से मंजूरी ही नहीं मिली। मगर यह मामला अभी तक फाइलों में ही चल रहा है, जबकि डेंगू की जांच करने वाली एलाइजा किट भी अभी तक नहीं आई है। पिछले साल भी शुरुआती दौर में किट की कमी आ गई थी।

विभाग ने इस उम्र के लोगों का डाटा मांगा

डेंगू मलेरिया मच्छर के लारवा को पनपने से रोकने के लिए स्प्रै गैंग एक मई से ही जिले में एक्टिवेट हो जाती थी। यह गैंग हाई रिस्क क्षेत्रों में जाकर नालियों और जलभराव वाली जगहों पर एंटी लारवा दवा डालती है, ताकि वहां पर मच्छर न पनपे। इस टीम में पांच छिड़काव करने वाले कर्मचारी और एक सुपरवाइजर होता है। इस बार इस गैंग की भर्ती का मामला अटका हुआ है। पहले तो कौशल रोजगार निगम में भर्ती करने के आदेश आए फिर 58 साल से नीचे के लोगों का डाटा मांग लिया गया। जबकि स्प्रे गैंग में ज्यादातर कर्मचारी ही 58 वर्ष से ऊपर है।

डेंगू की जांच की किट भी नहीं आई अब तक

स्वास्थ्य विभाग 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मना चुका है। मगर स्वास्थ्य विभाग की लैब में अब तक डेंगू की जांच करने वाली एलाइजा किट ही नहीं आई है। जबकि बारिश रुकने के साथ ही मच्छर पनपने लगते हैं और बारिश रुकने के साथ ही बीमारियां बढ़ने लगती हैं।

इस तरह से बढ़ते रहे डेंगू के केस  

पिछले साल वर्ष 2021 में डेंगू के 195 मामले मिले थे। वहीं वर्ष 2020 में डेंगू के महज पांच केस सामने आए थे। जबकि वर्ष 2019 में डेंगू के 24 केस सामने आए थे। वहीं अब तक जिले के मलेरिया विभाग 28 डेंगू के मरीजों की पुष्टि कर चुका है, जबकि संदिग्ध मरीजों की संख्या इससे कहीं गुणा ज्यादा है। ऐसे में साफ है कि पिछले दो साल के मुकाबले इस साल डेंगू लोगों के स्वास्थ्य पर भारी पड़ता दिखाई दे रहा है। इससे पहले वर्ष 2018 में डेंगू के 150 से ज्यादा केस दर्ज हुए थे।

टीमें जागरुकता अभियान में जुटीं : डा. जगमेंद्र

डिप्टी सिविल सर्जन डा. जगमेंद्र सिंह ने कहा कि मलेरिया विभाग का स्टाफ जागरूकता अभियान चला रहा है। घर-घर जाकर पानी की टंकी, गमले, फ्रिज चैक किए जा रहे हैं। लोगों को भी सहयोग करना चाहिए और खुद भी जागरूक रहना चाहिए।

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