'संतुष्टि' पत्र पर पार्षद असंतुष्ट, छह और मैदान में कूदे

ठेकेदारों को पार्षदों के संतुष्टि पत्र देकर भुगतान करवाने के मामले में घमासान जारी है। अब छह पार्षद मैदान में कूद गए हैं। इन पार्षदों ने मेयर को पत्र देकर कहा कि वे ठेकेदारों को संतुष्टि पत्र नहीं देंगे। वार्डों में विकास कार्यों को लेकर कोई शिकायत होगी तो वे सीधे मेयर और आयुक्त को शिकायत देंगे।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 Feb 2020 09:41 AM (IST) Updated:Tue, 18 Feb 2020 09:41 AM (IST)
'संतुष्टि' पत्र पर पार्षद असंतुष्ट, छह और  मैदान में कूदे
'संतुष्टि' पत्र पर पार्षद असंतुष्ट, छह और मैदान में कूदे

जागरण संवाददाता, पानीपत :

ठेकेदारों को पार्षदों के संतुष्टि पत्र देकर भुगतान करवाने के मामले में घमासान जारी है। अब छह पार्षद मैदान में कूद गए हैं। इन पार्षदों ने मेयर को पत्र देकर कहा कि वे ठेकेदारों को संतुष्टि पत्र नहीं देंगे। वार्डों में विकास कार्यों को लेकर कोई शिकायत होगी तो वे सीधे मेयर और आयुक्त को शिकायत देंगे। उधर, पूर्व मेयर भूपेंद्र सिंह भी अपने पुराने रंग में आए गए हैं। उन्होंने नगर निगम आयुक्त को ज्ञापन देकर अल्टीमेटम दिया है कि सेक्टर 25 मॉल के सामने की सड़क का निर्माण कार्य दो दिनों में शुरू नहीं कराया गया तो वे धरना देंगे।

संतुष्टि पत्र का भ्रष्टाचार से सीधा संबंध

विकास कार्यों के लिए ठेकेदारों को संतुष्टि पत्र देने का मामला सीधे-सीधे भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ है। पार्षदों के जो ऑडियो वीडियो में लेन-देन के मामले आए हैं वे सब संतुष्टि पत्र देने की एवज में हैं। नगर निगम हाउस की बैठक में पार्षदों ने मांग की थी कि वार्डों में विकास कार्यों का भुगतान ठेकेदार को देने से पहले पार्षदों से संतुष्टि पत्र लेने अनिवार्य किया जाए। हाउस ने इस प्रस्ताव को पास किया था। इसके बाद से ये पत्र जारी होने लगे। आरोप है कि पत्र के एवज में कमिशन मांगा जाने लगा। पार्षदों के पास लैब नहीं

संतुष्टि पत्र मिलने पर निगम ठेकेदारों का भुगतान कर देता है। विकास कार्यों को जांच करने के लिए पार्षदों के पास कोई लैब तो नहीं है। न ही उन्हें कोई तकनीकी जानकारी है। विकास कार्यों की जांच की जिम्मेवारी एमई, जेई, एक्सईएन की होती है। वही जांच कर सकता है कि काम ठीक हुआ या नहीं। पूर्व मेयर ने उठाई आवाज

पूर्व मेयर भूपेंद्र ने एक दिन पहले संतुष्टि पत्र को लेकर आवाज उठाई थी। उन्होंने कहा था कि संतुष्टि पत्र पार्षद दुष्यंत भट्ट ने देकर स्ट्रीट लाइट की मेंटेनेंस का भुगताना कराया था। संतुष्टि पत्र के माध्यम से भ्रष्टाचार हो रहा है। पार्षदों को यह पत्र देना बंद करना चाहिए। अब उन्होंने सभी पार्षदों से संतुष्टि पत्र न देने की अपील की है ताकि भ्रष्टाचार पर अकुंश लग सके। उनकी मुहिम के तहत ही छह पार्षदों ने मेयर को पत्र देकर कहा कि वे संतुष्टि पत्र नहीं देंगे। सभी पार्षद के सहमति देते हैं तो यह मामला खत्म हो जाएगा। हाउस की बैठक में इसको रखने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। इन पार्षदों ने दिया मेयर को पत्र

अतर सिंह रावल वार्ड16, शिव कुमार शर्मा वार्ड 13, अशोक कटारिया वार्ड 07, प्रमोद देवी वार्ड 17, रविद्र भोला वार्ड 04, रविद्र वार्ड 6

ने संतुष्टि पत्र न देने का सहमति पत्र दिया है। ''छह पार्षदों ने संतुष्टि पत्र न देने के लिए सहमति पत्र दिया है। यदि सभी दे देते हैं तो मुद्दा नहीं रहेगा। मामला हाउस में रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी।''

अवनीत कौर, मेयर पानीपत।

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