पत्नी की हत्या का आरोपित कोरोना पाजिटिव बंदी कंबल की रस्सियों के सहारे अस्पताल की तीसरी मंजिल से नीचे उतरकर फरार
जागरण संवाददाता पानीपत सिविल अस्पताल की तीसरी मंजिल स्थित आइसोलेशन वार्ड में दाखिल पत्नी की ह
जागरण संवाददाता, पानीपत : सिविल अस्पताल की तीसरी मंजिल स्थित आइसोलेशन वार्ड में दाखिल पत्नी की हत्या के आरोपित कोरोना पाजिटिव हवालाती बंदी ने कमरे की खिड़की खोल खोलकर कंबल की रस्सी बनाई और उसी के सहारे नीचे उतरा और फरार हो गया। इससे ड्यूटीरत चार पुलिसकर्मियों में हड़कंप मच गया। लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों पर गाज गिरना तय है। पुलिस की तीन टीमें आरोपित की तलाश कर रही हैं। इसी आइसोलेशन वार्ड से खिड़की खोलकर 14 दिन में दो बंदी फरार हो चुके हैं। इसके बावजूद पुलिस और अस्पताल प्रबंधन ने सुरक्षा के प्रबंध नहीं किए हैं।
पश्चिम बंगाल के जिला उत्तर दिनाजपुर के हरियानी गांव का फिरदौस अपने ही गांव की पड़ोस में रहने वाली हुसने से प्रेम करता था। पांच साल पहले दोनों ने घर से भागकर कोर्ट में शादी कर ली थी। दोनों तीन बच्चों सहित एक साल से सेक्टर-29 पार्ट-टू कृष्णा गार्डन के पास ओम पहलवान कालोनी में रहते थे। साथ लगते कमरे में रहने वाली पश्चिम बंगाल की शादीशुदा महिला से फिरदौस प्रेम करने लगा। पत्नी हुसने विरोध करती थी। 11 दिसंबर की सुबह चार बजे फिरदौस ने पत्नी हुसने की गला घोंटकर हत्या कर दी। थाना चांदनी बाग पुलिस ने आरोपित फिरदौस को गिरफ्तार किया और सामान्य अस्पताल नें कोरोना का टेस्ट कराया। पाजिटिव पाए जाने पर फिरदौस को अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में दाखिल कराया। यहां पर पुलिस लाइन की गार्द में शामिल एसआइ अभयपाल, हवलदार हरेंद्र, इएचसी पुनीत और इएचसी रणबीर की आइसोलेशन वार्ड के बाहर ड्यूटी लगाई। कमरे के दरवाजे पर बाहर से ताला लगा था। 14 दिसंबर को रात 2:30 बजे फिरदौस ने ग्लूकोज टांगने वाले स्टैंड के कुंडे में हथकड़ी उलझाकर तोड़ दी। इसके बाद कंबल की दो रस्सी बनाई और उसी के सहारे तीसरी मंजिल से नीचे उतरकर फरार हो गया। अस्पताल का स्टाफ कमरे में गया और तभी फिरदौस के फरार होने का पता चला। मौके पर हथकड़ी पड़ी थी। इससे ड्यूटीरत कर्मचारियों ने आनन-फानन में पुलिस कंट्रोल रूम में सूचना दी। थाना शहर पुलिस ने एसआइ बिजेंद्र सिंह की शिकायत पर आरोपित फिरदौस के खिलाफ धारा 223, 224, 269 और 270 के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
सिविल अस्पताल से 14 दिन में दो बंदी भाग चुके हैं
सिविल अस्पताल से 14 दिन में दो बंदी फरार हो चुके हैं। आंगनबाड़ी केंद्र से सोलर बैट्री व अन्य सामान चुराने के आरोपित सौदापुर के गौरव को 25 दिन पहले सीआइए-टू ने गिरफ्तार कर जेल भिजवा दिया था। 25 नवंबर को जेल में गौरव की तबीयत बिगड़ गई और सिविल अस्पताल में टेस्ट कराया तो कोरोना पाजिटिव मिले। इसके बाद उसको आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया और उसके हाथों में हथकड़ी लगा रखी थी। 30 नवंबर की रात को गौरव ने हाथों से हथकड़ी निकाली और वार्ड की पार्क की ओर लगते खिड़की खोली। पाइप के सहारे नीचे उतरा और फरार हो गया। कंबल देने कमरे में गई नर्स ने गौरव नहीं मिला। पुलिसकर्मी अंदर गया और हथकड़ी पड़ी देखी। पुलिस गौरव को काबू नहीं कर पाई है। फरार बंदियों ने दोनों विभागों की तालमेल और सुरक्षा की पोल खोली बंदी गौरव की फरारी के बाद भी अस्पताल प्रबंधन और पुलिस विभाग सचेत नहीं हुआ। खिड़की पर जाली नहीं लगाई गई और न ही नीचे पुलिस का पहरा लगाया गया। पुलिसकर्मी आइसोलेशन वार्ड के बाहर चैन से बैठे रहे। बंदी फिरदौस खिड़की खोलकर आसानी से भाग गया। इस तरफ सीसीटीवी कैमरे भी नहीं लगे हैं। अब दोनों विभागों का बहाना है कि कोरोना पाजिटिव के पास अन्य कोई व्यक्ति नहीं जा सकता है। दोनों ही घटनाओं ने विभागों की सुरक्षा की पोल खोल दी है।
--------------
बंदी फिरदौस को पकड़ने के लिए पुलिस की तीन टीमें संभावित ठिकानों दबिश देने के साथ-साथ उसके परिचितों से पूछताछ कर रही हैं। सिविल अस्पताल प्रबंधन के सहयोग से कोरोना पाजिटिव बंदियों को ऐसी जगह पर रखा जाएगा जहां से वे फरार न हो सकें। ड्यूटी में लापरवाही पाए जाने पर ड्यूटीरत पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
सतीश कुमार वत्स, डीएसपी मुख्यालय