जींद में आउटसोर्सिंग एजेंसी के खिलाफ उतरे सिविल अस्पताल कर्मचारी, काम छोड़ा, ढाई घंटे बंद रही ओपीडी
जींद में सिविल अस्पताल कर्मचारियों ने काम बंद कर दिया। आउटसोर्सिंग एजेंसी के एरिया मैनेजर पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया। ढाई घंटे ओपीडी बंद रही। सिविल सर्जन ने मध्यस्थता करते हुए एजेंसी के एरिया मैनेजर द्वारा सार्वजनिक रूप से माफी मंगवाई।
जागरण संवाददाता, जींद। सिविल अस्पताल के सीएमओ आफिस में कार्यरत लिपिक के साथ आउटसोर्सिंग एजेंसी के एरिया मैनेजर की ओर से दुर्व्यवहार करने से खफा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने शुक्रवार सुबह काम बंद कर दिया। स्वास्थ्य कर्मियों ने एजेंसी के एरिया मैनेजर पर दुर्व्यहवार करने के मामले में कानूनी कार्रवाई की मांग करते हुए सिविल सर्जन कार्यालय के बाहर धरना शुरू कर दिया।
पहले से ही आउटसोर्सिंग कर्मचारियों द्वारा दिए जा रहे धरने के बाद स्वास्थ्य कर्मियों के भी धरने पर चले जाने से अस्पताल प्रबंधन की सांसें फूल गई। इस पर सिविल सर्जन ने मध्यस्थता करते हुए एजेंसी के एरिया मैनेजर द्वारा सार्वजनिक रूप से माफी मंगवाई। जिसके बाद स्वास्थ्य कर्मी काम पर लौटे। सुबह आठ बजे से 11 बजे तक ओपीडी और दवा खिड़की से लेकर टीकाकरण बंद रहा, जिसके कारण मरीजों और टीका लगवाने वालों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
एमजे सोलंकी आउटसोर्सिंग एजेंसी की गलत नीतियों के खिलाफ आउटसाेर्सिंग कर्मचारी पिछले 14 दिनों से सिविल अस्पताल में धरना दे रहे हैं। इससे अस्पताल की व्यवथा पर असर देखने को मिल रहा था। इसी बीच एजेंसी के एरिया मैनेजर द्वारा सिविल सर्जन कार्यालय के लिपिक के साथ दुर्व्यवहार का मामला सामने आया। स्वास्थ्य कर्मियों ने एजेंसी एरिया मैनेजर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की।
कार्रवाई के लिए आज तक का दिया था समय
हरियाणा तालमेल स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने 25 जून तक का समय कार्रवाई के लिए दिया था। कार्रवाई नहीं होने पर शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग के पैरा-मेडिकल स्टाफ समेत दूसरे कर्मचारियों ने काम छोड़ दिया और धरने पर पहुंच गए। इससे अस्पताल की व्यवस्था गड़बड़ा गई। कर्मचारियों की लामबंद होने पर सिविल सर्जन डा. मनजीत सिंह आंदोलनरत कर्मियों के बीच पहुंचे। वहीं पर एरिया मैनेजर को बुलाया गया और उससे सार्वजनिक रूप से माफी मंगवाई गई।
30 जून तक जारी होगी आउटसोर्सिंग कर्मियों की लिस्ट
सिविल अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा काम छोड़ धरने पर बैठे आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के साथ आ जाने से आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को फायदा हुआ। पिछले 14 दिनों से जिन मांगों को लेकर आउटसोर्सिंग कर्मी धरना दे रहे थे, उनका 30 जून तक समाधान करने का आश्वासन उन्हें मिल गया। 30 जून तक सभी आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की लिस्ट जारी कर दी जाएगी। इसके बाद तालमेल कमेटी ने अपनी शिकायत वापस ले ली और मामला किसी तरह शांत हुआ। उसी समय धरना भी खत्म कर दिया गया।
उपचार ताे मिला लेकिन दवा के लिए भटकते रहे मरीज
सिविल अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा काम बंद किए जाने के बाद न तो ओपीडी की पर्ची बनी और न ही दवा खिड़की खोली गई। मरीज सीधे ही चिकित्सकों के कमरे के बाहर पहुंचने लगे तो वहां चिकित्सकों से उपचार तो मिला लेकिन दवा नहीं मिली, क्योंकि दवा खिड़की बंद पड़ी थी। मरीजों और उनके तिमारदारों ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के आपसी मामले में मरीजों काे परेशानी में डाल दिया। 11 बजे के बाद दवा खिड़की खोली गई। सुबह आठ से 11 बजे तक पीपी सेंटर में वैक्सीन अभियान भी नहीं शुरू हो सका। टीका लगवाने के लिए पहुंचे लोगों को 11 बजे तक इंतजार करना पड़ा। उसके बाद टीकाकरण शुरू किया गया।
एजेंसी के एरिया मैनेजर ने मांगी माफी : सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डा. मनजीत सिंह ने कहा कि कपंनी एरिया मैनेजरों द्वारा धरना स्थल पर आकर माफी मांग ली गई है। उच्च अधिकारियों द्वारा जो संदेश आंदोलनरत कर्मियों के लिए दिया गया था, वह उन्हें दे दिया गया है। स्वास्थ्यकर्मी भी काम पर वापस लौट आए हैं। सिविल अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मियों के काम छोड़ने पर कुछ देर के लिए मरीजों को दिक्कत हुई।
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