वकीलों के दिए 23 लाख के चेक बाउंस

पानीपत बार चैंबर फेस-2 के 130 चैंबर बनकर तैयार हैं लेकिन इसके लिए वकीलों ने जो 23 लाख रुपये का चेक कमेटी को दिया था वह बाउंस हो गया है।

By Edited By: Publish:Sat, 23 Feb 2019 07:09 AM (IST) Updated:Sat, 23 Feb 2019 07:09 AM (IST)
वकीलों के दिए 23 लाख के चेक बाउंस
वकीलों के दिए 23 लाख के चेक बाउंस
पानीपत, जेएनएन। पानीपत बार चैंबर फेस-2 के 130 चैंबर बनकर तैयार हैं। दो फरवरी को बि¨ल्डग का उद्घाटन भी हो चुका है। करीब 100 वकीलों पर 50 लाख से अधिक बकाया है। इनमें 23 लाख रुपये के बाउंस चेक भी शामिल हैं। नतीजा, अलॉटमेंट लेटर जारी करने में बाधा आ रही है। अब कमेटी देरी से भुगतान कर रहे वकीलों से मूल रकम के साथ 2 हजार रुपये जुर्माना भी वसूल रही है। गौरतलब है कि 24 अगस्त, 2017 को चैंबरों का ड्रॉ निकाला गया था। हर चैंबर में 4 वकीलों की साझेदारी है। (एक चैंबर की कीमत) ग्राउंड फ्लोर: 5 लाख 20 हजार प्रथम तल: 4 लाख 80 हजार द्वितीय तल: 4 लाख 40 हजार तृतीय तल: 4 लाख टॉप फ्लोर: 3 लाख 60 हजार पहचान में उलझी कमेटी एनहांसमेंट कार्य सहित लगभग सवा छह करोड़ रुपये कमेटी के पास आने हैं। वकीलों के दिए चेक थर्ड पार्टी के नाम पर थे। अब कमेटी सदस्यों को ये पता लगाना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है कि ये चेक किन-किन वकीलों ने दिए थे। कमेटी पड़ताल कर एक लिस्ट भी बना रही है। माह के अंत तक जारी कर देंगे चैंबरों के अलॉटमेंट लेटर जिला बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष एडवोकेट राजेश नागर ने बताया कि जिन चैंबरों की पूरी कीमत आ जाएगी, फरवरी के अंत तक अलॉटमेंट लेटर जारी कर दिए जाएंगे। मूल रकम के साथ हर वकील से 2 हजार रुपये जुर्माना भी वसूला जा रहा है। चार में से कोई एक वकील रकम जमा नहीं करता है तो बाकी तीन उस पर दबाव बनाकर भुगतान कराएंगे। लटक सकता है लिफ्ट का काम चैंबर बि¨ल्डग में दो लिफ्ट लगाई गई है। चैंबरों की निर्धारित कीमत पूरी नहीं आने पर लिफ्ट का काम अटक सकता है। यानि, कमेटी लिफ्ट चालू कराए बिना ही अलॉटमेंट लेटर जारी करने के मूड में है। इस बाबत एडवोकेट राजेश नागर ने कहा कि पूरी रकम मिलने पर लिफ्ट लगवा दी जाएगी। हंगामे के भी आसार बार एसोसिएशन के सदस्य एवं चैंबरों की पूरी पेमेंट भुगतान करने वाले कुछ वकील कमेटी के नियमों से खफा हैं। उनका कहना है कि हर चैंबर में 4 वकील की साझेदारी है। इनमें से किसी एक के भुगतान नहीं करने पर चैंबर की चाबी नहीं देना और सभी से जुर्माना वसूला जाना मनमानी है। अलॉटमेंट लेटर जारी होने पर यह गतिरोध तूल पकड़ सकता है। बिजली मीटर भी नहीं लगे फेज-1 के चैंबरों का बिजली निगम ने संयुक्त मीटर लगाया हुआ है। एसोसिएशन ने हर चैंबर में सब मीटर लगाए हैं। खपत के अनुसार बिजली बिल की वसूली होती है। वकीलों से बिल राशि की वसूली करना एसोसिएशन के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। इससे सबक लेते हुए एसोसिएशन ने हर चैंबर में अलग मीटर का निर्णय लिया है। चैंबरों में घरेलू कनेक्शन लग जाए, इसको लेकर एसोसिएशन के सदस्यों ने बिजली निगम के अधिकारियों से गुहार लगाई है।
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