उम्मीद का टीका लगवाकर खिलखिलाए, उत्सव की तरह मनाया दिन

नया टीका है हल्की की चिता सभी को थी लेकिन मेडिकल क्षेत्र से जुड़ा होने के कारण सभी को पता था कि वैक्सीन मानकों पर खरी है। टीका लगवाने के बाद मैंने आफिस का पूरा काम निपटाया कोई दिक्कत नहीं हुई।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Jan 2021 07:15 AM (IST) Updated:Sun, 17 Jan 2021 07:15 AM (IST)
उम्मीद का टीका लगवाकर खिलखिलाए, उत्सव की तरह मनाया दिन
उम्मीद का टीका लगवाकर खिलखिलाए, उत्सव की तरह मनाया दिन

जागरण संवाददाता, पानीपत : कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर हेल्थ वर्कर्स में तो जबरदस्त उत्साह था, उनके स्वजनों को उतनी ही चिता थी। टीका लगने और आब्जर्वेशन रूम में 30 मिनट बिताने के बाद अधिकांश ने स्वजनों को फोन कॉल कर स्वस्थ होने की सूचना दी। इसके बाद ड्यूटी के घंटे पूरे किए। घर पहुंचने के बाद फुर्सत के कुछ पल स्वजनों के संग व्यतीत भी किए।

सिविल सर्जन डा. संतलाल वर्मा ने बताया कि पत्नी भी करनाल में डाक्टर है। बेटा एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है। नया टीका है, हल्की की चिता सभी को थी, लेकिन मेडिकल क्षेत्र से जुड़ा होने के कारण सभी को पता था कि वैक्सीन मानकों पर खरी है। टीका लगवाने के बाद मैंने आफिस का पूरा काम निपटाया, कोई दिक्कत नहीं हुई।

डिप्टी एमएस डा. अमित पोरिया ने बताया कि मेरे परिवार ने इसे उत्सव के रूप में लिया है। ड्यूटी पूरी करने के बाद घर पहुंचा। कई दिन के व्यस्त शेड्यूल के बाद पहली बार परिवार के साथ कुल पल बिताए। कोरोना वैक्सीन का पहला टीका लगवाने वाली पूनम ने बताया कि पति और बच्चे चितित थे। आब्जर्वेशन रूम से बाहर निकलने के बाद स्वजनों को स्वस्थ होने की सूचना दी। घर पहुंचकर मोबाइल फोन से परिवार संग कराया, ताकि इस ऐतिहासिक दिन की याद बनी रहे।

डाटा एंट्री आपरेटर अशोक भारद्वाज ने भी घर में पत्नी और पुत्र के साथ बैठकर चाय की चुस्कियां लेते हुए वैक्सीनेशन केंद्र की प्रक्रिया बताई। टीका लगवाने वाले सभी डाक्टर्स ने भी ड्यूटी टाइम पूरा होने तक जिम्मेदारी निभाई।

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