हरियाणा में एक और धान घोटाला, 3 राइस मिलरों ने वेयरहाउस कार्पोरेशन का 96 लाख का धान हड़पा

हरियाणा में एक और धान घोटाला सामने आया है। यमुनानगर की तीन राइस मिलरों ने वेयर हाउस कॉर्पोरेशन का 96 लाख का धान हड़प लिया है। राइस मिलरों को धान कुटाई के लिए दी गई थी। पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Fri, 29 Jan 2021 01:24 PM (IST) Updated:Fri, 29 Jan 2021 01:24 PM (IST)
हरियाणा में एक और धान घोटाला, 3 राइस मिलरों ने वेयरहाउस कार्पोरेशन का 96 लाख का धान हड़पा
यमुनानगर में चावल घोटाला सामने आया है।

पानीपत/यमुनानगर, जेएनएन। गोविंद राइस मिल किशनपुरा प्रतापनगर के तीन पार्टनरों ने हरियाणा स्टेट वेयरहाउस कार्पोरेशन का 96 लाख 4350 रुपये का चावल हड़प लिया। राइस मिलराें को वर्ष 2019-20 में कार्पोरेशन की तरफ से धान कुटाई के लिए दी गई थी। परंतु निर्धारित अवधि बीतने के बाद भी उन्होंने चावल नहीं लौटाया। जिस पर वेयरहाउस के एमडी ने तीनों के खिलाफ थाना प्रतापनगर में विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कराया है।

हरियाण स्टेट वेयरहाउस कार्पोरेशन के डीएम धर्मेंद्र कुमार पांडे ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि वर्ष 2019-20 में किसानों से धान खरीदने के बाद इसकी कुटाई के लिए मैं. गोविंद राइस मिल किशनपुरा के तीन पार्टनर मुजाफत कलां निवासी गुलाब सिंह, नीरज व पंजाब के जिला पटियाला के गनोर बीर निवासी रामशरण के साथ एग्रीमेंट किया गया था। तब राइस मिल को 3753.600 मीट्रिक टन धान दिया गया था। 27 दिसंबर 2019 को मिल को दिए गए धान की फिजिक वेरिफिकेशन की गई जिसमें 36.410 मीट्रिक टन धान कम पाया गया। इसके बाद मिल में 3717.190 एमटी धान बचा था।

इसमें से मिलरों को 2490.517 एमटी चावल वापस करना था। परंतु उन्होंने 243.063 एमटी चावल वापस नहीं किया। धान खरीद इंचार्ज हरियाणा वेयरहाउस कार्पोरेशन मुलाना के टेक्निकल असिस्टेंट राकेश कुमार ने मिल की फिजिकल वेरिफिकेशन कर 19 अक्टूबर 2020 को रिपोर्ट दी जिसके अनुसार वहां 362.780 एमटी धान नहीं मिला। जिसकी कीमत 96 लाख 4350 रुपये थी। इसकी सूचना उन्होंने मुख्यालय में दी जहां से तीनों राइस मिलरों के खिलाफ थाने में केस दर्ज कराने के आदेश दिए।

मामले की जांच कर रहे थाना प्रतापनगर के एसआइ सुभाष चंद का कहना है कि गुलाब सिंह, नीरज व रामशरण के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है। मामले की जांच की जा रही है।

पहले भी दर्ज हो चुके हैं कई केस

राइस मिलरों पर इससे पहले भी सरकारी धान के गबन के केस दर्ज हो चुके हैं। राइस मिलर सरकारी खरीद एजेंसियों से धान लेते हैं परंतु चावल वापस नहीं करते। एक साल में ही चार मामले दर्ज हो चुके हैं। जिन्होंने 20 करोड़ रुपये से ज्यादा के धान का गबन किया था। इन पर रादौर, थाना छप्पर व छछरौली थाना में केस दर्ज किए जा चुके हैं।

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