फरेब की बैसाखी पर जिंदगी की दौड़, अमेरिका से डिपोर्ट हो रहे भारतीय, जानिए क्या है मामला
अमेरिका में फर्जी तरीके से घुसे भारतीयों को डिपोर्ट किया जा रहा है। साथ ही उन्हें भेजने वाले एजेंटों पर भी केस दर्ज किया गा जा रहा है।
पानीपत/करनाल, [सेवा सिंह]। कबूतरबाजी के गोरखधंधे की हर रोज नई परतें खुल रही हैं। अमेरिका से धोखा खाकर लौटे युवा ऐसी सच्चाई बयां कर रहे हैं, जिससे सुनकर हर कोई हैरान रह जाता है। किसी को जंगल से जंगल घुमाया, किसी को मैक्सिको की दीवार से कुदाया, कोई पानी के रास्ते जान जोखिम डालकर गया। पर आखिरकार उसे नसीब हुई जेल की चारदीवारी। महीनों तक सजा काटकर भी युवक वापस अपने वतन लौटे हैं। दो महीने में करीब डेढ़ केस दर्ज हो चुके हैं। संख्या बढ़ती जा रही है।
प्रदेश सरकार व एसआइटी की सख्त कार्रवाई को देख पीडि़तों में न्याय की आस जगी है। अभी तक जहां आधा दर्जन से अधिक पुराने मामले एसआइटी के पास पहुंच चुके हैं और चार केस भी दर्ज किए जा चुके हैं। प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज के अनुसार कबूतरबाजी का यह खेल पूरी तरह से खत्म किया जाएगा, जिसके लिए एसआइटी को कड़े आदेश दिए गए हैं। करनाल रेंज आइजी भारती अरोड़ा के नेतृत्व में एसआइटी ने भी सख्त रुख अपनाया हुआ है।
शानोशौकत की जिंदगी जीने का क्रेज पड़ रहा भारी
जानकारों की मानें तो विदेश में अधिक पैसा कमाकर शानोशौकत की जिंदगी जीने का क्रेज युवा में बढ़ रहा है। कथित एजेंट इसका जमकर फायदा उठाते रहे है। अमेरिका सहित विभिन्न देशों के मायाजाल में फंसे युवाओं को अधिकतर फर्जी एजेंट हवा दे रहे हैं, जिससे वे न केवल परिवार से दूर होकर विदेशों में प्रताडऩा के शिकार हो रहे हैं बल्कि विदेशी जेलों की हवा भी खा रहे हैं। कोरोना महामारी के चलते अमेरिका से डिपोर्ट होकर लौटे अधिकतर युवाओं की मानें तो प्रताडऩा का भी शिकार रहे हैं।
करनाल बना कबूतरबाजी का गढ़
करनाल कबूतरबाजी का गढ़ बना हुआ है। पिछले साल भी 55 से अधिक मामले पुलिस के पास पहुंचे थे। पुलिस ने साल के अंत तक 14 मामले ट्रेस किए थे, 37 मामलों की जांच नया साल शुरू होने तक लंबित रही थी। एक मामला अनट्रेस माना गया था। इन सभी मामलों में 6 करोड़ से अधिक की ठगी सामने आई थी।
हाल ही में सामने आए मामलों में ये आरोपित चढ़े पुलिस के हत्थे
कबूतरबाजी के आरोपों के चलते कैथल जिला से आरोपित जगतार को पूंडरी से गिरफ्तार किया है। उससे 10 हजार रुपये व कार बरामद की है। अंबाला में दर्ज एक मामले में आरोपित लाभ उर्फ काका वासी साहनीपुर जिला पटियाला को गिरफ्तार किया है। उसके कब्जे से पांच हजार रुपये बरामद किए हैं। करनाल में दर्ज मामले में आरोपित राजकुमार वासी ढांड जिला कैथल को गिरफ्तार किया और उससे एक लाख 37 हजार रुपये बरामद किए।
बख्शे नहीं जाएंगे आरोपित : आइजी
करनाल रेंज की आइजी भारती अरोड़ा का कहना है कि अवैध तौर पर युवाओं को विदेश के भ्रमजाल में फंसाकर ठगी करने वाले एजेंटों को बख्शा नहीं जाएगा। फिलहाल सबसे अधिक मामले करनाल के ही सामने आए है। अब 2018 तक के मामलों की जांच शुरू कर दी गई है।
जंगल में घुमाया, मरने के लिए छोड़ दिया
पानीपत लौटे युवक राजेश ने बताया कि अमेरिका जाने के लिए उसने बीस लाख रुपये चुकाए। एजेंट उसे जंगल के रास्ते ले गए। मैक्सिको के पास ले जाकर बोले कि यहां से कूद जाओ। जिंदा रहे तो दोबारा मिलेंगे। वह दीवार कूदकर अंदर चला गया। वहां पर पुलिस ने पकड़ लिया। छह महीने तक जेल रहा। यातनाएं झेलीं। अब दोबारा जाने की नहीं सोचेगा। बस एजेंट उसके पैसे लौटा दे।
138 लोग अमेरिका से डिपोर्ट किए हरियाणा में, सभी फर्जी तरीके से गए थे
143 केस दर्ज हुए पिछले दो महीने के दौरान कबूतरबाजी के
11 आरोपितों को पकड़ा जा चुका है
10 - लाख पचास हजार रुपये और कार बरामद
10 हजार रुपये जुंडला के रवींद्र से बरामद हुए
7 लाख पचास हजार रुपये इस्माईलाबाद के सोमनाथ से मिले
20 हजार रुपये पानीपत के जोशी गांव के दीपक से बरामद हुए
70 हजार रुपये जींद के जगदीश उर्फ जग्गी से बरामद हुए
40 हजार रुपये पानीपत के इसराना निवासी आरोपित से मिले
34 फीसद मामले अकेले करनाल के, यहां से गए थे अमेरिका
21 फीसद कैथल में दर्ज हुए दो महीने में
जिला डिपोर्ट हुए 28 मई तक दर्ज केस 3 जून तक दर्ज केस
करनाल 48 25 22
कुरुक्षेत्र 25 16 09
कैथल 30 15 12
अंबाला 22 11 11
जींद 05 04 01
यमुनानगर 02 01 01
पानीपत 05 01 04
सोनीपत 01 00 01