अंबाला के डॉक्टर का देशभक्ति का ऐसा जज्बा, दिन रात की कोरोना संक्रमितों की सेवा, दोहरा वेतन ठुकराया

देश सेवा के लिए सिर्फ बॉर्डर पर तैनाती जरूरी नहीं। जरूरत है जज्बे की। यह साबित किया है अंबाला के डॉ. विजय ने। फ्रंटलाइन वर्करों को मिलने वाली डबल सैलरी उन्होंने ठुकरा दी है। उनका कहना है कि देश सेवा के लिए दोगुना वेतन नहीं ले सकते।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Tue, 01 Jun 2021 04:44 PM (IST) Updated:Tue, 01 Jun 2021 04:44 PM (IST)
अंबाला के डॉक्टर का देशभक्ति का ऐसा जज्बा, दिन रात की कोरोना संक्रमितों की सेवा, दोहरा वेतन ठुकराया
अंबाला सिविल अस्पताल के एएसएमओ डा. विजय वर्मा।

अंबाला, जेएनएन। कोरोना काल में संस्थाएं गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा में जुटी हैं। इस दौरान संस्था गरीबों को भोजन बांटने की सेवा में लगी हैं। वहीं ऐसी भी संस्थाएं हैं, जिन्होंने कोरोना संक्रमित मरीजों के मुफ्त एंबुलेंस सेवा शुरू की है। अब समाज में ऐसे भी चिकित्सक भी सामने आए हैं, जिन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज किया। वहीं सरकार से फ्रंट लाइन में काम करने पर मिलने वाले दोहरे वेतन को लेने से इन्कार कर दिया है। उनका कहना है कि कोरोना काल में देश की सेवा करने का मौका मिला है। इसके बदले में दोगुना वेतन नहीं लिया जाएगा। 

बता दें कि सरकार ने कोरोना काल में कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज करने वाले फ्रंटलाइन चिकित्सकों को दोगुना वेतन देने के आदेश दिए थे। अंबाला सिविल अस्पताल के एएसएमओ डा. विजय वर्मा ने कोरोना काल में गर्भवती महिलाओं और कोरोना संक्रमित मरीजों का अल्ट्रासाउंड करने का काम किया। वहीं ट्रॉमा सेंटर में आने वाले सभी मरीजों का अल्ट्रासाउंड करने का काम किया। यहां तक गंभीर कोरोना संक्रमित मरीजों का अल्ट्रासाउंड भी किया। इसके बाद भी सरकार से दोहरा वेतन लेने से मना कर दिया। जिले में  डा. विजय वर्मा पहले डाक्टर हैं। जिन्होंने देश सेवा में दोहरा वेतन लेने लिखित में मना किया है। 

देशी की सेवा करने का मिला मौका

इस दौरान चिकित्सक डा. विजय वर्मा ने कहा कि देश संकट के दौरा से गुजर रहा है। हम लोगों को देश की सेवा करने का मौका मिला है। ऐसे में सरकार से दोहरा वेतन नहीं लिया जा सकता है। इसके लिए लिखित में दोहरा वेतन लेने से मना कर दिया है। वहीं उन्होंने कहा कि सेना के जवान बॉर्डर पर देश की रक्षा करते हैं, तो क्या वे सरकार से दोहरा वेतन लेते हैं। इसलिए मैंने भी वेतन लेने से इन्कार कर दिया।

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