कैथल जिला परिषद में गोलमाल, फर्नीचर खरीद के नाम पर 20 लाख का गड़बड़झाला

कैथल जिला परिषद में फर्नीचर खरीद के नाम पर 20 लाख का गोलमाल किया गया है। स्टाफ ने अपने स्तर पर कर ली खरीद कार्यालय में नहीं पहुंचा फर्नीचर। जिला परिषद के सामान्य सत्र में स्वच्छता फंड का भी दुरुपयोग करने के आरोप।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Fri, 27 Nov 2020 04:33 PM (IST) Updated:Fri, 27 Nov 2020 04:33 PM (IST)
कैथल जिला परिषद में गोलमाल, फर्नीचर खरीद के नाम पर 20 लाख का गड़बड़झाला
कैथल जिला परिषद में 20 लाख रुपये का फर्नीचर घोटाला।

पानीपत/कैथल, जेएनएन। कैथल जिला परिषद में 20 लाख रुपये का फर्नीचर घोटाला सामने आया है। कागजों में स्टाफ ने अपने स्तर पर यह राशि कई चीजों की खरीद पर दिखा दी, लेकिन कार्यालय में कुछ नहीं पहुंचा। इतनी बड़ी राशि खर्च करने के लिए न तो जिला परिषद के सदन से अनुमति ली गई और न ही चेयरपर्सन सुखविंद्र कौर और मुख्य कार्यकारी अधिकारी कमलप्रीत काैर को इसकी जानकारी दी गई। शुक्रवार को जिला परिषद के दो दिवसीय सामान्य सत्र के आखिरी दिन पार्षदों ने यह मुद्​दा उठाया। वाइस चेयरमैन मुनीष कठवाड़ और रवि तारावंली ने चेयरपर्सन सुखविंद्र कौर और मुख्य कार्यकारी अधिकारी के कमलप्रीत कौर से कहा कि बिना हाउस की इजाजत के 20 लाख रुपये खर्च किए गए हैं। इसमें फर्नीचर के साथ-साथ एलईडी खरीद के बिल लगाए गए हैं। आरोप है कि स्टाफ के सदस्यों ने नई एलईडी अपने घर पर लगा ली और पुरानी एलईडी कार्यालय में।

कमेटी ही नहीं बनाई

सामान खरीद के मामले में जब जिला पार्षदों ने जांच कमेटी की रिपोर्ट जाननी चाही तो डीलिंग हैंड ओमप्रकाश ने सदन में बताया कि कमेटी का तो अभी तक गठन ही नहीं हुआ है। यह सुनकर चेयरपर्सन सुखविंद्र कौर को गुस्सा आ गया और बोलीं, यह कर्मचारी हमें समझते ही कुछ नहीं हैं। इस पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी कमलप्रीत कौर ने ओमप्रकाश को फटकार लगाई। पूछा कि जब चेयरपर्सन की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर सारा रिकॉर्ड सौंपने के लिए कहा गया था तो ऐसा हुआ क्यों नहीं? इसका ओमप्रकाश के पास कोई जवाब नहीं था। कमलप्रीत कौर ने उन्हें तत्काल कमेटी गठित कर खरीद का रिकॉर्ड सौंपने के आदेश दिए।

मौके पर मंगवाई रिपोर्ट

फर्नीचर खरीद में हुई गड़बड़ी पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी कमलप्रीत कौर ने आदेश दिए कि रिकॉर्ड की फाइल तत्काल सदन में पेश की जाए। कर्मचारी ओमप्रकाश दस मिनट में रिकॉर्ड लेकर बैठक में पहुंचे, जिसकी जांच के बाद चेयरपर्सन और वाइस चेयरपर्सन ने कहा कि इसमें कहीं भी खरीद के लिए हाउस की परमिशन नहीं ली गई है और न ही ऐसा कोई प्रस्ताव किसी बैठक में पास किया गया था।

स्वच्छता के बजट में भी गोलमाल

जिला परिषद के वाइस चेयरपर्सन मुनीष कठवाड़ और सदस्य रवि तारावंली व रति राम ने स्वच्छता बजट से हुई खरीद का मुद्​दा भी सदन में उठाया। बताया गया कि ग्रामीण क्षेत्र में साफ-सफाई के लिए सामान खरीदा गया है। इस पर पार्षदों ने पूछा कि क्या-क्या सामान खरीदा गया है? इसकी परमिशन किससे ली गई? इसका भी अधिकारियों के पास कोई जवाब नहीं था। इसके अलावा बैठक में शराब से मिलने वाले शेयर को विकास कार्यों पर खर्च करने को लेकर फिर से मुद्​दा उठा।

गांवों में सफाई बनी चुनौती

जिला पार्षद सुदेश उर्फ बबली चंदाना ने गांवों में सफाई नहीं होने का मुद्​दा रखा। कहा, डोर-टू-डोर कचरा उठान को लेकर लोग सवाल करते हैं। गांव में एक कूड़ादान तो बना दिया जाता है, लेकिन सफाई कर्मचारी काम नहीं करते। मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने इस पर संबंधित विभाग के अधिकारी से जवाबतलबी की। उन्होंने बताया कि जिले में 70 गांवों में डंपिंग प्लांट बनाए गए हैं और इन्हें पंचायत को सौंप दिया गया है। समस्या है कि कहीं भी सफाई कर्मचारी काम नहीं करते। इस पर हाउस ने एक प्रस्ताव पास किया कि ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को तबादले की जद में लाया जाए ताकि उनमें काम को लेकर गंभीरता और डर बना रहे। मुख्य कार्यकारी अधिकारी कमलप्रीत कौर ने कहा कि यह प्रस्ताव सरकार के पास भेजा जाएगा।

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