बदल दीजिए मास्क पहनने का तरीका, नहीं बदला तो होगी कड़ी कार्रवाई, जानें हाई कोर्ट ने क्या कहा...

अकसर लोग मास्क तो पहन लेते हैं लेकिन मुंह व नाक नहीं ढकते। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं। हाई कोर्ट ने ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कदम उठाने को कहा है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Sat, 24 Apr 2021 11:51 AM (IST) Updated:Sat, 24 Apr 2021 08:22 PM (IST)
बदल दीजिए मास्क पहनने का तरीका, नहीं बदला तो होगी कड़ी कार्रवाई, जानें हाई कोर्ट ने क्या कहा...
मास्क तरीके से नहीं पहना तो होगी कार्रवाई।

जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जो व्यक्ति मास्क पहनकर अपने मुंह या नाक को खुला छोड़ते हैं, उनके खिलाफ भी दंडात्मक कार्रवाई की जाए। हाई कोर्ट ने पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के निकाय व स्वास्थ्य अधिकारियों के अधिकारियों को लोगो को मास्क पहनना सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया।

कोर्ट ने साफ कर दिया कि सार्वजनिक और निजी संस्थानों के प्रमुख अपने कर्मचारियों को उचित शिष्टाचार में मास्क पहनने के लिए जागरूक करेंगे। लापरवाही व खानापूर्ति से मास्क पहनकर मुंह और नाक खुला रखने वालों के लिये दंडात्मक कार्रवाई के कोर्ट ने आदेश दिए। जस्टिस राजन गुप्ता और जस्टिस करमजीत सिंंह की खंडपीठ ने कोविड़-19 स्थिति के बारे में राज्य सरकार की व्यवस्था से संबंधित मुद्दे पर एक याचिका का निपटारा करते हुए ये आदेश पारित किए हैं।

मामले की सुनवाई के दौरान, हरियाणा सरकार के वकील ने हाई कोर्ट को बताया कि कोरोना के लिए उपायुक्त, संबंधित पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में हर जिले में नोडल एजेंसियां बनाई गई हैंं, जिसमें नगर परिषद, नगर निगम के एक प्रतिनिधि और सिविल सर्जन को शामिल किया गया है। यह भी तय किया गया है कि प्रत्येक जिले में सचिव, कानूनी सेवा प्राधिकरण भी उक्त समिति के सदस्य होंगे, क्योंकि उन्हें कोविड-19 स्थिति से उत्पन्न कई शिकायतें मिलती हैं। हाई कोर्ट को यह भी आश्वासन दिया गया कि हर जिले में, संकट के मद्देनजर, यदि आवश्यक हो, तो प्रशासन की बैठक दैनिक आधार पर आयोजित की जाएगी।

पंजाब सरकार के वकील ने कोर्ट को बताया कि राज्य में कोरोना बारे जनता की शिकायतों पर विचार करने के लिए एक समिति का गठन किया जा रहा है, हेल्पलाइन नंबर 104 पहले ही काम कर रहा है। चंडीगढ़ प्रशासन के वकील ने कहा कि शहर में पहले से ही एक वार रूम चल रहा है जो लोगों की शिकायतों पर विचार कर रहा है। सुनवाई के दौरान, हाई कोर्ट को एक वकील द्वारा सूचित किया गया कि कुछ निजी अस्पताल अत्यधिक शुल्क ले रहे हैं और मरीजों को दाखिल भी नही कर रहे, यह सब अधिकारियों द्वारा नियंत्रण नहीं होने के कारण हो रहा है।

इस पर, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ ने आश्वासन दिया कि ऐसी शिकायतों पर तुरंत गौर किया जाएगा। ऐसे निजी अस्पतालों और चिकित्सा संस्थानों के खिलाफ दंडात्मक कदम उठाए जाएंगे। कोर्ट ने दोनों राज्यों और केंद्रशासित चंडीगढ़ को कहा कि वह एक सप्ताह के भीतर हाई कोर्ट की रजिस्ट्री में एक हलफनामे के माध्यम से हर जिले के घटनाक्रम के बारे में स्थिति रिपोर्ट दर्ज करें।  

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