Weather update: बेेेेेेेमौसमी बारिश ओलावृष्टि से परेशानी में किसान, खरीद तिथि ने और संकट में डाला

Weather update मौसम के बदले मिजाज ने किसानों की परेशानी को बढ़ा दिया है। मजदूरों की मार और फसल खरीद तिथि ने भी किसानों को परेशानी में डाल दिया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Fri, 27 Mar 2020 07:49 PM (IST) Updated:Fri, 27 Mar 2020 07:49 PM (IST)
Weather update: बेेेेेेेमौसमी बारिश ओलावृष्टि से परेशानी में किसान, खरीद तिथि ने और संकट में डाला
Weather update: बेेेेेेेमौसमी बारिश ओलावृष्टि से परेशानी में किसान, खरीद तिथि ने और संकट में डाला

जेएनएन, चंडीगढ़। Weather update: मौसम के बदले मिजाज ने किसानों की परेशानी को बढ़ा दिया है। खेतों में सरसों की फसल पक चुकी है और गेहूं की फसल भी पकने को तैयार है। ऐसे में बेमौसमी बारिश व ओलावृष्टि और इसकी बिक्री की चिंता ने किसानों को परेशानी में डाल दिया है। सरसों की खरीद 15 अप्रैल और गेहूं की खरीद 20 अप्रैल से होगी, ऐसे में फसल को घर पर ही स्टॉक करना होगा। वहीं, सब्जी उत्पादक किसानों को भी परेशानी हो रही है। किसानों को भाव कम मिल रहा है, लेकिन लोगों को वही सब्जी महंगे दामों पर मिल रही है।

पिछले 36 घंटों में मौसम में तेजी से बदलाव हुुुआ है। कहीं-कहीं तेज बारिश व हवा के कारण फसलों को नुकसान पहुंचा है। अब किसानों की चिंता यह है कि वह फसल को काटें या नहीं। किसान मजदूरों के संकट का सामना भी कर रहे हैं। जो मजदूर हैं भी, वह भी कोरोना वायरस के भय से काम करने को तैयार नहीं है। हरियाणा में आमतौर पर एक अप्रैल से गेहूं की सरकारी खरीद शुरू हो जाती है, लेकिन अब सरकार 20 अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू करेगी। बीच में बैसाखी है। किसान यदि बैसाखी तक भी फसल न काटें तो उनके सामने यह संकट है कि प्राकृतिक आपदा की मार कैसे झेल सकेंगे।

अभी बना रहेगा बारिश का मौसम

राज्य के कई हिस्सों में वीरवार रात से ही बारिश होती रही। इसके कारण फसलों को भारी नुकसान पहुंचा। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार शनिवार को भी मौसम इसी तरह बना रहेगा। शुक्रवार को हिसार में अधिकतम तापमान में भी गिरावट देखने को मिली और अधिकतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस तो वहीं न्‍यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, पानीपत में अधिकतम तापमान 27 डिग्री तो न्यूनतम तापमान 13 डिग्री दर्ज किया गया। ऐसे में बढ़ती गर्मी जरूर कम हुई है मगर फसलों के लिए बारिश बेहद नुकसानदायी है। विशेषज्ञों के अनुसार बार-बार बारिश होने का कारण पश्चिमी विक्षोभ है। पहाड़ी इलाकों में बनने वाले हवा के दबाव के कारण बार बार मैदानी इलाकों की ओर बारिश का वेग बनता है। बीत दो महीनों में दस से ज्‍यादा पश्चिमी विक्षोभ आ चुके हैं।

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