हरियाणा में कैबिनेट मंत्रियों से अधिक दौड़ रही राज्यमंत्रियों की गाड़ियां

हरियाणा में मंत्री हर रोज औसतन 200 से 700 किलोमीटर तक का सफर तय कर रहे हैं। 16 माह के सफर की आरटीआइ से मिली जानकारी के अाधार पर यह खुलासा हुआ।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Mon, 16 Jul 2018 12:09 PM (IST) Updated:Tue, 17 Jul 2018 05:28 PM (IST)
हरियाणा में कैबिनेट मंत्रियों से अधिक दौड़ रही राज्यमंत्रियों की गाड़ियां
हरियाणा में कैबिनेट मंत्रियों से अधिक दौड़ रही राज्यमंत्रियों की गाड़ियां

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे राज्य सरकार के मंत्रियों की गतिविधियां तेज हो गई हैैं। प्रदेश सरकार के मंत्री लगातार दिन-रात सफर कर रहे हैैं। उनकी गाड़ियां बिना रुके एक दिन में औसतन 200 से 700 किलोमीटर तक सफर कर रही हैैं। हालांकि राज्य मंत्री की गाड़ियां कैबिनेट मंत्रियों से कहीं ज्यादा दौड़ रही हैैं।

आरटीआइ में मिली जानकारी में पता चला कि मनोहर कैबिनेट के तीन राज्य मंत्रियों की गाड़ियां हर रोज औसतन 570 किलोमीटर से 724 किलोमीटर तक का सफर कर रही हैैं। मंत्री अपनी गाड़ी से दिन रात सफर कर रहे हैैं। उनके पास न तो आराम करने का समय है और न ही खाने-पीने का। जनवरी 2017 से अप्रैल 2018 तक 16 माह की जानकारी में पता चला कि मंत्रियों ने बिना रुके हर रोज औसतन 500 किलोमीटर तक सफर किया है। मंत्रियों को हालांकि दो ही गाड़ी मिली हुई हैैं, लेकिन उन्होंने 16 माह में अलग-अलग गाड़ियों में सफर किया।

सबसे ज्यादा सफर सहकारिता राज्य मंत्री मनीष ग्रोवर ने प्रतिदिन 724 किलोमीटर का तय किया और उन्होंने चार गाड़ियां इस्तेमाल की हैैं। दूसरे नंबर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने तीन गाड़ियों का इस्तेमाल करते हुए 16 माह में हर रोज औसतन 667 किलोमीटर का सफर तय किया है। वहीं तीसरे नंबर पर खाद्य एवं आपूर्ति राज्य मंत्री कर्ण देव कांबोज ने तीन गाड़ियों का इस्तेमाल करते हुए हर रोज 573 किलोमीटर सफर किया है।

कैबिनेट मंत्रियों में सबसे ज्यादा सफर करने वाले रामबिलास शर्मा

कैबिनेट मंत्रियों में सबसे ज्यादा सफर शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने किया है। 16 माह में उनकी दो गाड़ियां हर रोज औसतन 554 किलोमीटर दौड़ी। दूसरे नंबर पर उद्योग मंत्री विपुल गोयल की तीन गाड़ियां औसतन 513 किलोमीटर रोजाना चली। वहीं कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ की गाड़ियों ने हर रोज औसतन 477 किलोमीटर की दूरी तय की।

सीएम की पांच गाड़ियां हर रोज चली 213 किलोमीटर

मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पास पांच गाड़ियां हैैं। उनकी गाड़ियां मंत्रियों से काफी कम चली। उनकी गाड़ियों ने 16 माह की अवधि में औसतन 213 किलोमीटर का सफर तय किया है। उनकी तीन गाड़ियों का औसत 23, 30 और 34 किलोमीटर का रहा, जबकि दो गाड़ियों ने हर रोज 68 और 86 किलोमीटर की दूरी तय की।

पीडब्ल्यूडी मंत्री राव नरबीर की गाड़ी का औसत मात्र 121 किलोमीटर

पीडब्ल्यूडी मंत्री राव नरबीर हालांकि चंडीगढ़ से सबसे अधिक दूर गुरुग्राम में रहते हैैं, लेकिन उनकी गाड़ियां सबसे कम चली। राव नरबीर के पास दो गाड़ियां हैैं, जो कि 16 माह की अवधि में हर रोज औसतन 121 किलोमीटर तक चली। वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु की दो गाड़ियों ने औसतन 247 किलोमीटर की दूरी तय की। शहरी निकाय मंत्री कविता जैन की दो गाड़ियां 287 किलोमीटर हर रोज चली।

वहीं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की गाड़ियां 315 किलोमीटर दौड़ी, जबकि चंडीगढ़ से अंबाला की दूरी मात्र 60 किलोमीटर है। जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी राज्य मंत्री बनवारी लाल की तीन गाड़ियां 307 किलोमीटर, श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री नायब सिंह सैनी की दो गाड़ियां 380 और परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार की दो गाड़ियां 381 किलोमीटर प्रतिदिन चली।
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भाजपा के मुख्य सचेतक की गाड़ी भी 397 किलोमीटर दौड़ी

भाजपा विधायक दल के मुख्य सचेतक ज्ञानचंद गुप्ता ने भी अपनी गाड़ी खूब दौड़ाई। पंचकूला के विधायक को राज्य सरकार ने राज्य मंत्री का दर्जा दिया हुआ है। ज्ञानचंद गुप्ता की तीन गाड़ियां हर रोज औसतन 397 किलोमीटर तक चली।

चंडीगढ़ से दिल्ली जाने-आने में ही खर्च हो जाते हैैं साढ़े आठ घंटे

चंडीगढ़ से दिल्ली की दूरी लगभग 250 किलोमीटर है। बस से सफर करने में पांच घंटे और कार से सफर करने में सवा चार घंटे का समय बिना रुके लगता है। ऐसे में आने-जाने में बिना रुके हुए साढ़े आठ घंटे का समय लगेगा। अगर मंत्री को दिल्ली में काम है तो यह समय अधिक खर्च होगा। ऐसे में मंत्रियों की इतनी गाड़ी दौडऩे पर सवाल खड़े हो रहे हैैं। हालांकि मंत्रियों की दलील है कि गाड़ियों का रखरखाव, पेट्रोल का हिसाब, उनकी मेंटीनेंस और सफर की दूरी का हिसाब मंत्री कार अनुभाग का है। इससे मंत्रियों का कोई लेना देना नहीं होता।

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