Immunity बढ़ाने के लिए पड़ोसियों के घर से तुलसी की चोरी, हरियाणा में रात को गमले हो रहे गायब

Immunity Booster Plant चंडीगढ़ करनाल हिसार गुरुग्राम और फरीदाबाद में इन दिनों तुलसी के चोरी के मामले सामने आ रहे हैं। लोग इम्युुनिटी को बढ़ाने के लिए इसकी चोरी तक कर रहे हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Fri, 24 Jul 2020 09:46 AM (IST) Updated:Fri, 24 Jul 2020 01:09 PM (IST)
Immunity बढ़ाने के लिए पड़ोसियों के घर से तुलसी की चोरी, हरियाणा में रात को गमले हो रहे गायब
Immunity बढ़ाने के लिए पड़ोसियों के घर से तुलसी की चोरी, हरियाणा में रात को गमले हो रहे गायब

जेएनएन, चंडीगढ़। Immunity Booster Plant: आपने सोने चांदी के जेवर, नगदी, टीवी, फ्रिज और पशुधन की चोरी की खबरें सुनी होंगी, लेकिन आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि अब औषधीय गुणों वाली तुलसी (Basil) की भी चोरी होने लगी है। कोरोना महामारी के इस दौर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने तथा खांसी व कफ को कम करने में तुलसी का इस्तेमाल किया जाता है। जिन लोगों के घर में तुलसी का पौधा नहीं है, वह अपने पड़ोस के घर में लगी तुलसी के पत्तों से काम चलाते रहे हैं, लेकिन तुलसी की नियमित मांग ने उन्हेंं पूरे पौधे के पौधे ही गायब कर देने के लिए मजबूर कर दिया है।

चंडीगढ़ समेत पूरे प्रदेश से ऐसी खबरें आ रही हैं कि जिन लोगों ने तुलसी के पौधे गमले में लगाकर अपने मकान की दीवारों पर रखे हुए थे, वह सुबह होते ही गायब हो जा रहे हैं। तुलसी के चाहवान लोग अब पौधे में से कुछ पत्ते तोड़ने के बजाय पूरा गमला ही उठाकर ले जाने लगे। यह स्थिति हालांकि अच्छी नहीं है, लेकिन इससे तुलसी की अहमियत और लोगों की जरूरत का पता चलता है।

चंडीगढ़, करनाल, हिसार, गुरुग्राम और फरीदाबाद से ऐसी खबरें मिल रही हैं। हालांकि नर्सरी में भी तुलसी के पौधों की उपलब्धता कम हो गई है, क्योंकि जरूरतमंद लोग उन्हेंं खरीदकर ले जा रहे हैं। साथ ही उनके रेट भी बढ़ गए हैं। पंसारी की दुकान पर सूखी तुलसी के रेट बढ़ गए हैं। 70 रुपये किलो वाली तुलसी करीब ढ़ाई सौ रुपये किलो में मिल रही है।

पांच प्रकार की तुलसी का अर्क लाभदायक

हिंदू धर्म में तुलसी को मां लक्ष्मी का रूप मानकर घर के आंगन में पूजनीय स्थान दिया जाता है। लेकिन इसके अलावा भी तुलसी के वैज्ञानिक व आयुर्वेद की दृष्टि से कई लाभ मिलते हैं। इस अनमोल पौधे के कुल पांच प्रकार होतेे हैं, जो स्वास्थ्य से लेकर वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इनमें श्यामा तुलसी, राम तुलसी, श्वेत/विष्णु तुलसी, वन तुलसी और नींबू तुलसी शामिल है। तुलसी के पांचों प्रकारों को मिलाकर इनका अर्क निकाला जाए, तो यह पूरे विश्व की सबसे प्रभावकारी और बेहतरीन दवा बन सकती है। यह अर्क एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल, एंटी-फ्लू, एंटी-बायोटिक, एंटी-इफ्लेमेंट्री व एंटी- डिजीज की तह कार्य करने लगता है।

तुलसी के यह हैं फायदे

तुलसी में विटामिन व खनिज प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। यह सभी रोगों में लाभप्रद मानी जाती है। वह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ कफ, वात दोष, पाचन शक्ति बढ़ाने, बुखार, पेटदर्द, बैक्टीरियल संक्रमण खत्म करने में काम आती है।

ये है धार्मिक मान्यता

मान्यता है कि रोजाना तुलसी के पौधे को जल चढ़ाने से आयु लंबी होती है। तुलसी का अपमान कभी भी नहीं करना चाहिए। जिस घर में तुलसी लगी हो वहां रोज पूजा पाठ किया जाना चाहिए। 

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