Deputy CM दुष्यंत चौटाला ऐसे बनाना चाहते हैं हरियाणा को आधुनिक प्रदेश

हरियाणा दिवस के मौके पर जेजेपी नेता व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत सिंह चौटाला की राजनीतिक सोच भविष्य की रणनीति को लेकर विशेष बातचीत के प्रमुख अंश।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Fri, 01 Nov 2019 07:20 PM (IST) Updated:Sat, 02 Nov 2019 12:03 PM (IST)
Deputy CM दुष्यंत चौटाला ऐसे बनाना चाहते हैं हरियाणा को आधुनिक प्रदेश
Deputy CM दुष्यंत चौटाला ऐसे बनाना चाहते हैं हरियाणा को आधुनिक प्रदेश

जेएनएन, चंडीगढ़। 2014 में पहला मौका था जब लोकसभा को दुष्यंत चौटाला के रूप में सबसे युवा सांसद मिला। अब महज 31 वर्ष की उम्र में वह पहली बार हरियाणा की विधानसभा पहुंचे और सूबे के डिप्टी सीएम बने। हरियाणा दिवस के मौके पर जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) नेता दुष्यंत सिंह चौटाला की राजनीतिक सोच, भविष्य की रणनीति और गठबंधन सरकार के रोडमैप को लेकर हरियाणा स्टेट ब्यूरो के विशेष संवाददाता बिजेंद्र बंसल ने विशेष बातचीत की। प्रस्तुत है प्रमुख अंश :

हरियाणा के समग्र विकास के लिए एक प्रभावी युवा प्रतिनिधित्व की क्या सोच है?

राजनीति में यह मैटर नहीं करता कि आप क्या सोचते हैं। आपकी सोच, आपके वर्करों और प्रदेश की जनता के साथ जुड़ी होनी जरूरी है। लगातार पांच वषों तक लोकसभा में बतौर सांसद मैंने युवाओं की आवाज उठाई और किसान-कमेरे वर्ग व मजदूरों की दुख-तकलीफों को भी केंद्र की सरकार के सामने रखा। 11 माह में प्रदेश का कोना-कोना नापा है। मेरी सोच हरियाणा को एक उन्नत और आधुनिक प्रदेश बनाने की है। एक ऐसा राज्य, जहां हर घर में रोजगार हो। हर मरीज को समय पर अच्छा और सस्ता इलाज मिले। किसान खुशहाल हों और युवाओं को उनकी मंजिल तक पहुंचने में किसी तरह की दिक्कत न आए। क्या प्राइवेट सेक्टर में राज्य के युवाओं को 75 फीसद रोजगार दे पाएंगे?

मैं मानता हूं कि जेजेपी-भाजपा गठबंधन सरकार हरियाणा के युवाओं को उनका अधिकार देगी। मैं प्रदेश के युवाओं को प्राइवेट सेक्टर में 75 फीसद रोजगार दिए जाने के प्रति वचनबद्ध हूं। हम इसे पूरा करेंगे और वह भी जल्द ही। मुझे इस बात का भी आभास है कि प्रदेश में किसानी लगातार घाटे का सौदा साबित हो रही है। युवा पीढ़ी खेत-खलिहान से पलायन कर रही है। मुझे लगता है कि हरियाणा जैसा कृषि प्रधान देश, बहुत आगे जाएगा। हमें थोड़ी प्लानिंग करनी होगी। हरियाणा के युवा जब नई तकनीक के साथ खेती की ओर आगे बढ़ेंगे तो वे रोजगार मांगेंगे नहीं बल्कि रोजगार देने की स्थिति में होंगे। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भी हम वचनबद्ध हैं।

हरियाणा को कृषि शक्ति से खेल शक्ति और फिर औद्योगिक शक्ति से आइटी हब बनने के लिए आपका अपना क्या विजन है?

मेरे पड़दादा चौ. देवीलाल हरियाणा के निर्माता के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने अलग हरियाणा के लिए भी संघर्ष किया और इसे अंजाम तक पहुंचाया। मैं यह भी नहीं कहता कि पूर्ववर्ती सरकारों ने हरियाणा का विकास नहीं किया। प्रदेश ने वह दौर भी देखा है जब यहां खाने के लिए पर्याप्त अन्न तक नहीं था और आज देश के अन्न भंडारण में हम अग्रणी हैं। इक्का-दुक्का खिलाड़ी ही हमारे यहां से बाहर निकलते थे। आधुनिक होते भारत के साथ हमें भी कदम-चाल करनी है। हमारी कोशिश रहेगी कि आइटी का विस्तार गुरुग्राम के साथ दूसरे जिलों में भी किया जाए।

हरियाणा का गौरवशाली अतीत आपको किस तरह प्रदेश के हित में कुछ अलग करने की प्रेरणा देता है?

हमारे जवान सीमाओं पर भी देश की रक्षा करते हैं। समुद्र में भी और आकाश में भी हरियाणवियों का जलवा है। हरियाणा की माटी के जर्रे-जर्रे में देशभक्ति आपको मिलेगी। मैं अगर यह कहूं कि जय जवान-जय किसान का नारा, हरियाणा के लिए ही बना है तो इसमें अतिश्योक्ति नहीं होगी। युवाओं के समग्र विकास में रोजगारोन्मुखी शिक्षा के विस्तार के लिए क्या योजनाएं हो सकती हैं?

मैं तो खुद युवा हूं। पढ़ाई बेशक, विदेश में की है लेकिन हरियाणा की माटी को कभी नहीं भूला। मैं यह जानता हूं कि मेरे युवा साथियों की सबसे बड़ी जरूरत क्या है। मैं जैसा कि आपको पहले ही बता चुका हूं कि युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करना हमारी प्राथमिकता रहेगी। साथ ही, यह वादा भी हम पूरा करेंगे कि सस्ती और अच्छी शिक्षा हम देंगे। स्कूलों-कॉलेजों में शिक्षकों के पद खाली नहीं रहने देंगे।

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