साइट बदली तो पांच साल तक नहीं बन पाएगा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट

डंपिग ग्राउंड की साइट झूरीवाला की जगह भानू के पास ले जाने का प्रपोजल पास हुआ तो कूड़ा प्रबंधन प्लांट के निर्माण में कम से कम पांच साल तक का समय लगेगा।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 01 Jun 2019 11:14 PM (IST) Updated:Mon, 03 Jun 2019 06:30 AM (IST)
साइट बदली तो पांच साल तक नहीं बन पाएगा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट
साइट बदली तो पांच साल तक नहीं बन पाएगा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट

राजेश मलकानियां, पंचकूला हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के गांव भानू दौरे के बाद चचा तेज हो गई है कि यदि डंपिग ग्राउंड की साइट झूरीवाला की जगह भानू के पास ले जाने का प्रपोजल पास हुआ, तो कूड़ा प्रबंधन प्लांट के निर्माण में कम से कम पांच साल तक का समय लगेगा।

इस तरह शहर को सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के लिए और इंतजार करना पड़ेगा। ऐसे में सेक्टर-23 में मौजूद डंपिग ग्राउंड तीन से चार मंजिल तक ऊपर उठ जाएगा, जिससे घग्गर पार एरिया में रहने वाले लोगों को गर्मी और बरसात के दिनों में बदबू के साथ कई बीमारियों को भी झेलने के लिए तैयार रहना होगा। वर्तमान में एक मंजिल तक डंपिग ग्राउंड उठ चुका है, जिससे लोग परेशान हैं। झूरीवाला में प्लांट निर्माण की पूरी हो चुकी थीं तैयारियां

झूरीवाला में नगर निगम की ओर से प्लांट निर्माण के लिए लगभग सभी तैयारियां पूरी कर की जा चुकी थीं, लेकिन राजनीतिक फायदे को देखते हुए इस प्लांट को भानू ले जाना एक मजबूरी नजर आ रहा है, क्योंकि घग्गर पार एरिया में रहने वाले लोग झूरीवाला में प्लांट निर्माण का विरोध कर रहे हैं। भाजपा विधायक भी चाहते हैं कि झूरीवाला की बजाय प्लांट भानू गांव में लगे, क्योंकि वहां पर आबादी वाला एरिया नहीं है।

जमीन के अधिग्रहण में लग सकते हैं कम से कम दो साल

यदि प्लांट भानू ले जाने का प्रपोजल आगे बढ़ता है, तो एनओसी लेने में ही 3 से 4 साल का समय निकल जाएगा। वहां पर सरकारी और प्राइवेट जमीन है, जिसके अधिग्रहण में कम से कम दो साल लगेंगे। प्राइवेट जमीन मालिक कलेक्टर रेट पर जमीन देंगे या प्राइवेट रेट पर, इसको लेकर भी पसीना बह सकता है। भानू में जिस जगह सीएम ने दौरा किया है, वह मेन रोड से लगभग पांच किलोमीटर दूर है। इसके आसपास नाले का पानी भी बह रहा है, जिससे नाले का फ्लो रोक नहीं सकते, इसलिए तीन से चार पुलों का निर्माण भी करना होगा। यदि फॉरेस्ट की लैंड हुई, तो फॉरेस्ट विभाग से जमीन लेने के लिए परेशानी उठानी पड़ेगी। जहां पर डंपिग ग्राउंड की बात की जा रही है, वह पंजाब के साथ लगता एरिया है और इंटर स्टेड बाउंड्री पर भी अड़चन पड़ सकता है। निगम पर बढ़ जाएगा खर्च

भानू में डंपिग साइट बनने से नगर निगम पर लगभग तीन गुना खर्च बढ़ जाएगा, क्योंकि इस समय झूरीवाला में जहां प्लांट लगाने की तैयारी चल रही है। वहां से भानू की साइट लगभग 15 से 20 किलोमीटर दूर है। ट्रैक्टर ट्रॉली से कूड़ा पहुंचाने में लगभग एक से डेढ़ घंटे का समय लगेगा। ट्रैक्टर-ट्रॉली की संख्या बढ़ानी पड़ेगी। मैन पॉवर बढ़ेगी। संभावना है कि नारायणगढ़ और पंचकूला दोनों का ही कूड़ा यहां भानू किया जाए।

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