चुनाव आयोग को राहत, स्ट्रांग रूम में सील ईवीएम और वीवीपैट मशीनों को जारी करने का आदेश

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने समालखा विधानसभा क्षेत्र में धर्म सिंह के चुनाव को चुनौती देने के मामले में ईवीएम व वीवीपैट मशीनों को स्ट्रांग रूम में सुरक्षित रखवाया था। मामले में चुनाव आयोग की याचिका पर अब इन्हें जारी करने के निर्देश दिए गए हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Sat, 22 Jan 2022 04:48 PM (IST) Updated:Sat, 22 Jan 2022 05:01 PM (IST)
चुनाव आयोग को राहत, स्ट्रांग रूम में सील ईवीएम और वीवीपैट मशीनों को जारी करने का आदेश
ईवीएम को स्ट्रांग रूम से निकालने के निर्देश। सांकेतिक फोटो

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के समालखा विधानसभा क्षेत्र से धर्म सिंह के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका अभी पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में विचाराधीन है। हाई कोर्ट के आदेश पर इस क्षेत्र की ईवीएम व वीवीपैट मशीनों को स्ट्रांग रूम में सुरक्षित हैं। चुनाव आयोग की मांग पर हाई कोर्ट ने इस मशीनों को आयोग को जारी करने का आदेश जारी कर दिया है।

चुनाव आयोग ने हाई कोर्ट में अर्जी दायर कर कहा था कि समालखा से धर्म सिंह के चुनाव के खिलाफ हाई कोर्ट में चुनाव याचिका दायर की गई थी। अभी तक इस याचिका का निपटारा नहीं हुआ है। याचिका लंबित रहने के कारण ईवीएम व वीवीपैट मशीनों को स्ट्रांग रूम में सुरक्षित रख लिया गया था। अब पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव करवाने के लिए चुनाव आयोग के पास ईवीएम और वीवीपैट मशीनों की कमी है। ऐसे में स्ट्रांग रूम में रखी मशीनों को चुनाव में इस्तेमाल करने की अनुमति के लिए चुनाव आयोग ने अर्जी दाखिल कर स्ट्रांग रूम में रखी ईवीएम और वीवीपैट मशीनों को निकालने का आदेश जारी करने की अपील की थी। हाई कोर्ट ने अर्जी पर सुनवाई करते हुए आयोग को स्ट्रांग रूम से मशीन जारी करने का आदेश दे दिया।

बता दें, समालखा निवासी नरेश कौशिक व देवेंद्र ने हाई कोर्ट में चुनाव याचिका दायर कर धर्म सिंह का चुनाव रद करने की मांग की हुई है। याचिका में बताया गया कि धर्म सिंह ने अपने नामांकन में सही जानकारी न देकर मतदाता व आयोग को गुमराह किया है।

याचिका के अनुसार धर्म सिंह के खिलाफ दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने एफआइआर दर्ज की थी, लेकिन धर्म सिंह ने अपने नामांकन के दौरान हलफनामे में इस बात की कोई जानकारी नहीं दी। इतना ही नही गुरुग्राम के सेक्टर 17 में संपत्ति है, लेकिन इस बात की भी धर्म सिंह ने अपने चुनाव नामांकन में कोई जानकारी नहीं दी। याचिका में कहा गया कि धर्म सिंह ने यह सब जानकारी छिपाकर जनप्रतिनिधि कानून अधिनियम 1951 के तहत अपराध किया है। ऐसे में यह चुनाव रद माना जाना चाहिए।

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