कोरोना म्हारे लोगों से डरै खूब है, पढ़ें... हरियाणा की और भी कई रोचक खबरें

कई ऐसी खबरें होती हैं जो मीडिया में सुर्खियां नहीं बन पाती। आइए नजर डालते हैैं हरियाणा की कुछ ऐसी ही रोचक खबरों पर...

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Thu, 28 May 2020 01:46 PM (IST) Updated:Thu, 28 May 2020 01:46 PM (IST)
कोरोना म्हारे लोगों से डरै खूब है, पढ़ें... हरियाणा की और भी कई रोचक खबरें
कोरोना म्हारे लोगों से डरै खूब है, पढ़ें... हरियाणा की और भी कई रोचक खबरें

चंडीगढ़ [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा के लोगों का इम्युनिटी सिस्टम (रोग प्रतिरोधक क्षमता) बड़ी जबरदस्त है। हो भी क्यों न....जब उनके खान-पान में दूध, दही, घी और लस्सी के साथ बाजरे की रोटी शामिल है। हरियाणवी लोगों के आगे कोरोना धीरे-धीरे घुटने टेक रहा है। डाक्टर भी पूरी जिम्मेदारी के साथ कोरोना संक्रमित लोगों का इलाज कर रहे हैं। हालांकि इलाज में किन-किन दवाइयों और तरीके का इस्तेमाल किया जा रहा है, यह न तो स्वास्थ्य मंत्री आन रिकार्ड बताने को तैयार हैं और न ही कोई डाक्टर बता रहा है। आफ दी रिकार्ड अधिकारी यह जरूर कहते हैं कि कोरोना म्हारे लोगों से डरै खूब है। यहां मरीजों का रिकवरी रेट अब 65 फीसद के आसपास पहुंच गया है। स्वास्थ्य मंत्री आन रिकार्ड यह जरूर बताते हैं कि यहां के लोगों की इम्युनिटी पावर बहुत मजबूत है। इसी वजह से कोरोना घुटने टेक रहा है। बात तो मंत्री जी की ठीक ही है।

मदद करने में पीछे नहीं हरियाणवी

हरियाणा की बड़ी ग्राम पंचायतों में आजकल कोरोना रिलीफ फंड में ज्यादा से ज्यादा दान देने की होड़ लगी हुई है। प्रदेश में वैसे तो करीब साढ़े छह हजार ग्राम पंचायतें हैं, लेकिन इनमें से ढ़ाई हजार पंचायतें ऐसी हैं, जिनके पास पांच से डेढ सौ करोड़ रुपये तक का बजट है। ऐसी पंचायतों की आमदनी का जरिया जमीनों पर होने वाली खेती, एफडी से मिलने वाला ब्याज और विकास कार्यों के लिए आने वाली ग्रांट में से बचत है। सबसे पहले पानीपत जिले की एक पंचायत ने सीएम रिलीफ फंड में बड़ी रकम दी। फिर गुरुग्राम जिले की एक पंचायत ने बड़ी रकम दी। अब मुख्यमंत्री अपने विधानसभा क्षेत्र करनाल पहुंचे तो वहां सरपंचों ने इकट्ठे होकर करीब पांच करोड़ रुपये के चेक सीएम के सौंपे। स्वयं सहायता समूह भी जुटे हैं। जब भी संकट आता है तो हरियाणवियों का मदद करने का कोई जवाब नहीं है।

ताकि नजीर बन सकें हरियाणा की पंचायतें

कोरोना काल में ग्राम पंचायतों और खाप पंचायतों ने एक के बाद एक कई नए प्रयोग किए, जो नजीर बन गए। बीबीपुर माडल आफ वूमैन एंपावरमेंट एंड विलेज डेवलपमेंट के बैनर तले हरियाणा में देश की पहली ग्राम सभा आनलाइन हुई। फिर देश की खाप पंचायतों को आनलाइन चर्चा के लिए एक प्लेटफार्म पर जोड़ा गया। यह काम सेल्फी विद डाटर फाउंडेशन के संयोजक सुनील जागलान ने कर दिखाया है। इससे न केवल खर्चा बचता है, बल्कि कोरोना से बचाव के लिए समय के साथ फिजिकल डिस्टेंसिंग के नियम का भी अनुपालन हो रहा है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला को यह प्रोजेक्ट काफी पसंद आया है। पंचायत एवं विकास मंत्री के नाते डिप्टी सीएम ने अपने विभाग के निदेशक को निर्देश दिए हैं कि वह इस पूरे माडल को समझें, ताकि इसे हरियाणा में लागू कर पूरे देश में एक नई नजीर पेश की जा सके।

परदे के पीछे के अधिकारियों का हुनर

हरियाणा में विपक्ष के तमाम विरोध और नुक्ताचीनी के बाद इस बार जिस तरह से गेहूं, सरसों व चने की खरीद हुई, उसकी पूरे देश में तारीफ हो रही है। गेहूं खरीद और उठान में सरकार ने कोरोना काल में जबरदस्त रिकार्ड बनाया है। इसका श्रेय हालांकि सरकार के मुखिया मनोहर लाल और उप मुखिया दुष्यंत चौटाला के साथ कृषि मंत्री जेपी दलाल को जाता है, लेकिन परदे के पीछे रहकर काम करने वाले सीनियर आइएएस अधिकारी संजीव कौशल तथा पीके दास की सेवाओं को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता। संजीव कौशल तुजुर्बेकार अधिकारी हैं। पीके दास को बारीकियों का पता है। कौशल और दास ने ऐसा सिस्टम बैठाया कि कोरोना काल में सरकार की बल्ले-बल्ले हो गई। विपक्ष चाहे कुछ भी कहता रहे, लेकिन किसानों के गेहूं बेचने में दिक्कत नहीं आई। अब यदि किसानों को उनकी फसल का पेमेंट भी समय से हो जाए तो सोने पर सुहागा।

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