अपनी ही सरकार पर भड़के रामकुमार गौतम और जजपा विधायक, कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल

हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के दौरान रामकुमार गौतम और जजपा विधायकों ने अपनी ही सरकार पर निशाना साधा। गौतम ने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया और जाट आरक्षण का मुुद्दा उठाया।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Wed, 26 Feb 2020 09:34 AM (IST) Updated:Wed, 26 Feb 2020 09:34 AM (IST)
अपनी ही सरकार पर भड़के रामकुमार गौतम और जजपा विधायक, कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल
अपनी ही सरकार पर भड़के रामकुमार गौतम और जजपा विधायक, कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल

चंडीगढ़, [सुधीर तंवर]। हरियाणा विधानसभा में  मनोहरलाल सरकार में साझीदार जननायक जनता पार्टी के विधायकों ने कई मुद्दों पर अपनी सरकार के विरोध किया। रामकुमार गौतम सहित कई जजपा विधायकों ने अपनी ही सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा दिया। गाैतम खासे गरम नजर आए और उन्‍होंने जाट सहित छह जातियों काे आरक्षण का मामला उठाया।

गौतम ने कहा, जाटों सहित छह जातियों को कानून बनाकर दें आरक्षण

शून्यकाल के दौरान नारनौंद विधायक रामकुमार गौतम, बरवाला विधायक जोगीराम सिहाग और गुहला चीका के विधायक ईश्वर सिंह ने कई अहम मुद्दों पर सरकार की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाए। जजपा के बागी विधायक रामकुमार गौतम ने जाटों सहित छह जातियों के आरक्षण के मुद्दे को फिर से गरम कर दिया।

रामकुमार गौतम ने दो-टूक कहा कि सरकार चाहे तो आरक्षण को बढ़ाकर 70 प्रतिशत कर सकती है। गौतम ने यह मुद्दा आर्थिक रूप से पिछड़ी जातियों ब्राह्मण, पंजाबी, वैश्य व राजपूत आदि को दिए गए 10 प्रतिशत आरक्षण के संदर्भ में उठाया। गौतम ने कहा कि विभिन्न पदों पर 200 से अधिक ऐसे युवा हैं, जिनका इस आरक्षण के तहत चयन हो चुका है लेकिन इन युवाओं को नौकरी ज्वाइन नहीं करवाई जा रही।

आर्थिक रूप से पिछड़ी जातियों के आरक्षण की वकालत करने की मांग

रामकुमार गौतम ने आरोप लगाया कि सरकार ने हाईकोर्ट में केस की सही से वकालत नहीं की। 27 फरवरी को कोर्ट की तारीख का हवाला देते हुए गौतम ने कहा कि सरकार एक शपथ-पत्र देकर इसे सही बताएगी तो कोई दिक्कत नहीं आएगी। सरकार नए सिरे से जाटों सहित छह जातियों को कानून बनाकर नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण दे। इसी तरह से आर्थिक रूप से पिछड़ी जातियों को भी 10 प्रतिशत आरक्षण मिलना चाहिए।

विधानसभा में गौतम की वजह से लगे ठहाके

रामकुमार गौतम ने आरोप लगाया कि सरकार ने संस्कृत को पूरी तरह से खत्म कर दिया है। वह कहना तो चाह रहे थे कि संस्कृत को खत्म कर दिया लेकिन उनके मुंह से निकल गया कांग्रेस। इस पर भाजपा ही नहीं कांग्रेस विधायक भी खूब हंसे। गलती सुधारते हुए गौतम ने कहा, संस्कृत सभी भाषाओं की मां है। केरल में भी संस्कृत और अंग्रेजी बोली जाती है। हमारे यहां संस्कृत शिक्षकों के पद खाली हैं। उन्होंने संस्कृत शिक्षकों की हेडमास्टर पदों पर प्रमोशन करने की मांग भी उठाई।

हरियाणा में 17 की बजाय 18 रिजर्व सीटें बनें

गुहला चीका से जजपा विधायक ईश्वर सिंह ने हरियाणा विधानसभा में अनुसूचित जाति के लोगों को पूरे अधिकार नहीं मिलने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि 90 सदस्यों वाली विधानसभा में अनुसूचित जाति के लिए 18 सीट रिजर्व होनी चाहिए। 20 प्रतिशत आरक्षण के हिसाब से इतनी सीट बनती हैं लेकिन आरक्षित सीट हैं 17 ही। उन्होंने प्रदेश में मानव तस्करी बढऩे का मुद्दा भी उठाया। प्रदेश से बेटियों का अपहरण हो रहा है और उन्हें दूसरे राज्यों में ले जाकर वेश्यावृत्ति के धंधे में धकेला जा रहा है।

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 चौटाला सरकार में लगे औद्योगिक सुरक्षा बल के जवानों पर बवाल

प्रदेश में 16 साल पहले 2004 में लगे औद्योगिक सुरक्षा बल के जवानों की नौकरी को नियमित करने को लेकर विधानसभा में खूब हंगामा हुआ। जब इन जवानों की नौकरी लगी थी, तब राज्य में ओमप्रकाश चौटाला की सरकार थी। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि इन जवानों को नियमित नहीं किया जा सकता, लेकिन सरकार इन्हें हटाएगी भी नहीं।

औद्योगिक सुरक्षा बल के जवानों की नौकरी को लेकर सदन में कई बार सीएम मनोहर लाल और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा आपस में टकराए भी। दोनों ने एक-दूसरे पर आरोप भी मढ़े तो एक-दूसरे की तारीफ भी की। कांग्रेस विधायक किरण चौधरी ने आंदोलनरत इन जवानों की मांगों को शून्यकाल के दौरान उठाया। हरियाणा की मनोहर सरकार ने 2016 में इन जवानों को एसपीओ (विशेष पुलिस ऑफिसर) के पदों पर नियुक्त किया था। अब यह जवान खुद को नियमित करने की मांग कर रहे हैं। इस पर नांगल-चौधरी के भाजपा विधायक अभय सिंह यादव ने तीर छोड़ते हुए कहा कि यह तो बताएं कि इन्हें हटाया किसने था।

अभय यादव के बोलते ही कांग्रेस के कई विधायक अपनी सीटों से उठ खड़े हुए। इस पर गृह मंत्री अनिल विज ने मोर्चा संभाल लिया। उन्होंने किरण चौधरी की ओर इशारा करते हुए कहा कि आप कह दें कि इन जवानों को हमारी सरकार ने गलत हटा दिया था। हुड्डा ने जवाब दिया कि गृह मंत्री बनने के बाद विज का चेहरा-मोहरा बदल गया है।

हुड्डा ने अनिल विज पर सवाल दागते हुए कहा, अगर मैंने इन जवानों को हटाया था तो आपने उस समय आवाज क्यों नहीं उठाई। विज बोले, मैंने तो बहुत आवाज उठाई लेकिन आपकी सरकार में तानाशाही थी। आप लोग किसी को बोलने ही कहां देते थे। दोनों ओर से हंगामा बढ़ता देख स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता को शांति बहाल करने के लिए अपनी सीट से उठना पड़ा।

मनोहर लाल और भूपेंद्र हुड्डा ने एक दूसरे को ठहराया जायज

हुड्डा ने विधानसभा में कहा कि 2004 की सरकार ने यह गलत भर्ती की थी। इसमें तकनीकी खामियां भी थी और वित्तीय मंजूरी भी नहीं ली गई। ऐसे में उन्हें हटाना पड़ा, लेकिन कांग्रेस सरकार में ही 40 प्रतिशत से अधिक जवानों को पुलिस में भर्ती किया गया। ओवरएज होने की वजह से कुछ जवान रह गए। इसके जवाब में सीएम मनोहर लाल ने कहा कि जब आप खुद ही मान रहे हैं कि नियमों अनुसार जवानों को नियमित नहीं किया जा सकता था तो फिर हम कैसे कर सकते हैं। फिर भी हमने इन्हें एसपीओ नियुक्त किया ताकि उनके परिवारों की रोजी-रोटी चलती रहे।

महाराष्ट्र व गुजरात की पालिसी का करें अध्ययन : गौतम

 

नारनौंद से जननायक जनता पार्टी के विधायक रामकुमार गौतम ने केंद्र सरकार की नई केटेगरी का हवाला देते हुए कहा कि महाराष्ट्र और गुजरात सरकार ने सरकारी नौकरी में प्रवेश के लिए उम्र सीमा में पांच वर्ष की बढ़ोतरी की है। हरियाणा में भी इसे लागू किया जा सकता है। ऐसे करने से ओवरएज हो चुके युवाओं को नौकरी मिल सकती है। इसके जवाब में सीएम ने कहा कि अगर उनके पास पालिसी है तो वे दें, उसका अध्ययन करवाया जाएगा।

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