हरियाणा मेंं खेल कोटे से भर्ती ग्रुप-डी के कर्मियों पर तलवार, नई खेल ग्रेडेशन पॉलिसी बनी मुसीबत

हरियाणा में खेल कोटे से भर्ती ग्रुप्‍ डी के कर्मचारियों की नौकरी के लिए खतरा पैदा हो गया है। इन पुराने कर्मचारियों से नई खेल ग्रेडेशन पॉलिसी के तहत प्रमाण पत्र मांगे जा रहे हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Tue, 04 Aug 2020 07:52 AM (IST) Updated:Tue, 04 Aug 2020 07:52 AM (IST)
हरियाणा मेंं खेल कोटे से भर्ती ग्रुप-डी के कर्मियों पर तलवार, नई खेल ग्रेडेशन पॉलिसी बनी मुसीबत
हरियाणा मेंं खेल कोटे से भर्ती ग्रुप-डी के कर्मियों पर तलवार, नई खेल ग्रेडेशन पॉलिसी बनी मुसीबत

चंडीगढ़, जेएनएन। पिछले साल खेल कोटे से चयनित ग्रुप-डी के 1518 कर्मचारियों पर खतरा मंडरा रहा है। खेल ग्रेडेशन पॉलिसी 1993 के सर्टिफिकेट के आधार पर भर्ती इन कर्मचारियों से अब नई खेल ग्रेडेशन पॉलिसी के तहत बने ग्रेडेशन सर्टिफिकेट मांगे जा रहे हैं। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में केस जीत चुके इन कर्मचारियों पर डबल बेंच 17 अगस्त को निर्णय सुना सकती है। खेल कोटे से लगे 194 अन्य क्लर्क, 30 जेई सिविल व 14 जेई इलेक्ट्रिकल की नौकरी भी हाई कोर्ट के फैसले पर निर्भर करेगी जिनकी नियुक्ति सरकार ने रोकी हुई है।

पुराने सर्टिफिकेट के आधार पर भर्ती कर्मचारियों से मांगे जा रहे नई पॉलिसी के तहत बने ग्रेडेशन सर्टिफिकेट

सर्व कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने कहा कि विज्ञापन संख्या 4/2018 में केवल ग्रेडेशन सर्टिफिकेट मांगा गया था। इन कर्मचारियों की नियुक्ति ऑनलाइन डाक्यूमेंट्स की जांच पड़ताल करने के बाद हुई थी। ज्वाइनिंग के छह महीने बाद इन खिलाडिय़ों को नई पॉलिसी के तहत बने खेल ग्रेडेशन सर्टिफिकेट मुहैया नहीं कराने पर सेवाएं बर्खास्त करने के नोटिस थमा दिए गए।

इन नोटिसों को कर्मचारियों ने हाई कोर्ट में चुनौती दी जिसका फैसला उनके पक्ष में आया। कर्मचारियों का तर्क था कि कोई नई नीति बन जाने से पुरानी नीति के तहत प्राप्त ग्रेडेशन सॢटफिकेट अमान्य नहीं हो सकते, जिस पर हाई कोर्ट ने भी मुहर लगा दी।

सर्व कर्मचारी संघ के महासचिव सतीश सेठी ने बताया कि प्रदेश सरकार मामले को डबल बेंच में ले गई, जहां अगले पखवाड़े फैसला आने की संभावना है। इसके चलते पिछले 18 महीने से सेवाएं दे रहे सभी 1518 कर्मचारियों और उनके परिजनों की सांसें अटकी हुई हैं।

सर्व कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा व महासचिव सतीश सेठी ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल व खेल राज्यमंत्री संदीप सिंह से मामले में तुरंत हस्तक्षेप कर हाई कोर्ट में दायर याचिका को वापस लेने का अनुरोध किया है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर कर्मचारियों की नौकरी चली गई तो वे 1983 बर्खास्त पीटीआई के साथ सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे।

यह‍ भी पढ़ें:  अमृतसर के प्लास्टिक बेबी, मछली जैसे हैं मुंह और होंठ, रहस्यमय ढंग से उतर जाती है चमड़ी 

यह‍ भी पढ़ें:  अब देशभर में 150 और हरियाणा-पंजाब में 18 प्राइवेट ट्रेनें दौड़ेंगी, जानें किन रूटों चलेंगी

यह‍ भी पढ़ें: Haryana School, college Reopening Date: हरियाणा में 4 अगस्‍त से खुलेंगे कॉलेज, अभी टीचिंग व नॉन टिचिंग स्टाफ को आना होगा

यह‍ भी पढ़ें: Exclusive Interview: जस्टिस लिब्राहन बोले- मुझे पहले दिन से पता था अयोध्या में बनकर रहेगा

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

chat bot
आपका साथी