रोडवेज के बेड़े में पांच साल में कम हुई 650 बसें, एक हजार कंडम बसों को चलाने का दबाव

हरियाणा रोडवेज के बेड़े में पिछले पांच साल में बसों की संख्या बढ़ने के बजाय लगातार कम हो रही हैंं। हर साल करीब सवा सौ बसें कंडम हो रही हैैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Tue, 13 Aug 2019 01:18 PM (IST) Updated:Tue, 13 Aug 2019 08:59 PM (IST)
रोडवेज के बेड़े में पांच साल में कम हुई 650 बसें, एक हजार कंडम बसों को चलाने का दबाव
रोडवेज के बेड़े में पांच साल में कम हुई 650 बसें, एक हजार कंडम बसों को चलाने का दबाव

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा रोडवेज के बेड़े में पिछले पांच साल में बसों की संख्या बढ़ने के बजाय लगातार कम हो रही हैंं। हर साल करीब सवा सौ बसें कंडम हो रही हैैं, जिस वजह से पिछले पांच साल में साढ़े छह सौ बसें बेड़े से बाहर कर दी गई हैं। 2014 में 4250 बसें थीं अब घटकर अब मात्र 3600 रह गई हैं। यह स्थिति तब है, जब राज्य में आबादी और बसों की जरूरत बढ़ रही है। मौजूदा 3600 बसों में भी करीब एक हजार बसें कंडम हो चुकी हैं या कंडम होने वाली हैं। विभाग में कार्यरत चालकों व परिचालकों को इन्हीं कंडम बसों को सड़कों पर दौड़ाने का भारी दबाव है।

पिछले पांच साल से परिवहन मंत्री रोडवेज बेड़े में 370 नई बसें शामिल होने का दावा कर रहे हैं, लेकिन आज तक एक भी बस नई नहीं आई। बसों की कमी पूरा करने के लिए सरकार ने किराये पर बसें हायर करने की योजना को मंजूरी प्रदान की थी, लेकिन भ्रष्टाचार के चलते अभी तक यह योजना भी सिरे नहीं चढ़ पाई है। इस योजना के लिए किराये के रेट तय करने में अधिकारियों ने भारी गोलमाल कर दिया।

कंडम बसों से 5 किलोमीटर का एवरेज निकालने का दबाव

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हालांकि विधानसभा में करीब सवा सौ बसें हायर करने के फैसले की जानकारी दी, लेकिन यह बसें भी अभी तक रोडवेज बेड़े में नहीं पहुंची हैं। चालकों व परिचालकों पर दबाव है कि वे एक लीटर डीजल में पांच किलोमीटर का सफर तय करें। रोडवेज की नई बस एक लीटर तेल में चार से साढ़े चार किलोमीटर चलती है, लेकिन चालकों पर पुरानी व कंडम बसों से ही अधिक एवरेज देने का भारी दबाव है। ऐसा नहीं कर पाने वाले चालकों व परिचालकों पर विभागीय कार्रवाई की तलवार अक्सर लटकी रहती है।

8 साल के बाद कंडम घोषित करने का प्रावधान

हरियाणा रोडवेज की बस अमूमन 8 साल के बाद कंडम घोषित करने का प्रावधान है। राज्य में सैकड़ों बस इस समय अवधि को पूरा कर चुकी हैं। राज्य में 45 कैटेगरी ऐसी हैं, जो मुफ्त अथवा आधे रेट पर बसों में यात्रा करते हैं। हर रोज रोडवेज की बसें 11 से 14 लाख किलोमीटर दौड़ती हैं। इसके बावजूद यात्रियों की जरूरत पूरी नहीं हो पाती। आबादी के लिहाज से हरियाणा रोडवेज में करीब 10 हजार बसों की जरूरत है।

पांच साल में रोडवेज की हालत हुई खस्ता

आल हरियाणा रोङवेज वर्कर्स यूनियन के प्रधान हरिनारायण शर्मा, महासचिव बलवान सिंह दोदवा और वरिष्ठ उप-प्रधान सुरेश लाठर के अनुसार चालकों व परिचालकों को कंडम बसों से बढ़िया एवरेज देने के लिए प्रताडि़त किया जा रहा है। हरियाणा रोडवेज की गिनती पहले देश की चुनिंदा बस सेवाओं में होती थी, मगर पांच सालों में हालत खराब हो गई।

मंत्री बोले- रोडवेज बेड़े में नई बसें जल्द शामिल होंगी

हरियाणा के परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने कर्मचारी नेताओं के इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सभी आरोप निराधार हैं। राज्य सरकार उत्कृष्ट सेवाओं के लिए दृढ़ संकल्प है। रोडवेज बेड़े में नई बसें जल्द शामिल होंगी तथा किलोमीटर स्कीम के तहत जल्द नई बसें आ रही हैं।

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