ठेकेदारों को करना ही पड़ेगा बेहतर काम, कोताही बरती तो होंगे ब्लैकलिस्ट

हरियाणा में अभी तक सिर्फ काम करने वाली एजेंसी को ही ब्लैकलिस्ट करने का प्रावधान था, लेकिन अब कोताही बरतने वाले ठेकेदार भी ब्लैकलिस्ट होंगे।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Sun, 08 Jul 2018 06:54 PM (IST) Updated:Mon, 09 Jul 2018 08:55 PM (IST)
ठेकेदारों को करना ही पड़ेगा बेहतर काम, कोताही बरती तो होंगे ब्लैकलिस्ट
ठेकेदारों को करना ही पड़ेगा बेहतर काम, कोताही बरती तो होंगे ब्लैकलिस्ट

जेएनएन, चंडीगढ़। विकास कार्यों की गुणवत्ता में कमी के कारण अब ठेकेदार को भी ब्लैक लिस्ट किया जाएगा। अभी तक केवल एजेंसी को ही ब्लैक लिस्ट करने का प्रावधान था, जिस कारण ठेकेदार एक के ब्लैक लिस्ट होने पर दूसरे नाम से एजेंसी बनाकर काम शुरू कर देते थे। सरकार के इस फैसले से ठेकेदारों पर काम की क्वालिटी में सुधार का दबाव बढ़ेगा।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल के तीन दिवसीय चाय पर चर्चा अभियान के दौरान आधा दर्जन ऐसे निर्णय लिए गए हैं, जो सीधे आम लोगों के हित से जुड़े हैैं। पंचकूला से लेकर अंबाला, कुरुक्षेत्र, जींद, सिरसा, हिसार होते हुए झज्जर जिले तक तीन दिन में मुख्यमंत्री ने आम कार्यकर्ताओं की राय जानी। सीएम ने विभिन्न जगह श्मशान घाट की मरम्मत के कार्यों पर रिपोर्ट ली।

मुख्यमंत्री के सामने सुझाव आया कि डिपो पर कई बार नमी युक्त गेहूं आता है, जो सही नहीं है। इस पर मुख्यमंत्री ने जल्द ही डिपोधारकों को नमी मापक यंत्रों से लैस करने के निर्देश दिए। इससे आमजन को फायदा मिलेगा और डिपोधारकों को लोगों के विरोध का सामना नहीं करना पड़ेगा।

राज्य की मंडियों में बूथ के आकार में होगी बढ़ोतरी

मुख्यमंत्री मनोहर लाल के सामने उकलाना मंडी में बूथ का आकार 15 गुणा 37 की बजाय 20 गुणा 50 का बनवाने का सुझाव आया। लोगों ने कहा कि मंडी में बूथ के आकार में बदलाव समय की मांग है,। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भविष्य में इसे क्रियान्वित  कराने का भरोसा दिलाया है।

गांवों में लगेंगे विकास पट्ट, गुमराह नहीं कर पाएंगे सरपंच

प्रदेश के गांवों में विकास कार्यों को लेकर सरकार गंभीर है। इसके बारे में आम लोगों को जानकारी देने के उद्देश्य से विकास पट्ट लगवाए जाएंगे। कार्यकर्ताओं ने सुझाव दिया कि कई बार सरपंच गांव के विकास के लिए पैसा नहीं होने का बहाना बनाते हैं, जबकि सरकार से आए पैसे को वह अपनी सहूलियत के हिसाब से खर्च कर देते हैं। मुख्यमंत्री ने इस सुझाव पर चौपाल में हर विकास कार्य के लिए आने वाली राशि की जानकारी लिखवाने की व्यवस्था कराने के निर्देश दिए।

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