क्वारंटाइन किरण चौधरी ने बदली Life style, सूफी अध्ययन में जुटीं, लिख रही कविताएं
कोरोना के खिलाफ जंग के बीच पूर्व मंत्री किरण चौधरी आजकल क्वारंटाइन पर हैं। इस दौरान उनकी जीवनशैली बदल गई है। वह सूफी साहित्य के अध्ययन में जुटी हैं व कविताएं लिख रही हैं।
चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। कोरोना के खिलाफ जंग के बीच हरियाणा की पूर्व मंत्री किरण चौधरी क्वारंटाइन पर है। इस दौरान उनकी दिनचर्या व जीेवनशैली (Life Style) बदल गई है। फिलहाल राजनीति से दूर रहकर वह सूफी साहित्य के अध्ययन कर रही हैं और काव्य रचना भी जुटी हुई हैं। वह किसी से नहीं मिलती हैं और फाेन व व्हाट्सएप के जरिये लोगों से संवाद कर रही हैं।
पढ़ रहीं सूफी संतों की पुस्तकें, अपनी पुरानी और नई कविताओं का संग्रह छापने की कर रही हैं तैयारी
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. बंसीलाल की पुत्रवधू किरण चौधरी की देश की राजनीति में एक अलग पहचान हैं। बरसों पहले उनके पति चौधरी सुरेंद्र सिंह एक विमान दुर्घटना में दिवंगत हो गए थे। किरण चौधरी दिल्ली विधानसभा की उपाध्यक्ष रहने के साथ-साथ हरियाणा कांग्रेस विधायक दल की नेता और भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में मंत्री रह चुकी हैं। कांग्रेस के दिल्ली दरबार में उनकी मजबूत पैठ मानी जाती है। किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी भिवानी-महेंद्रगढ़ से सांसद रह चुकी हैं।
कोरोना वायरस के बढ़ते असर को देखते हुए किरण चौधरी ने आजकल खुद को क्वारंटाइन किया हुआ है। वह अभी दिल्ली के सुंदरनगर स्थित अपने आवास में रह रही हैं। उन्होंने लोगों से मिलना जुलना बंद कर रखा है, लेकिन फोन तथा वाट्सएप ग्रुप के जरिये प्रदेश के लोगों के संपर्क में हैं। किरण चौधरी ने आजकल अपनी दिनचर्या में काफी बदलाव किया है। अमूमन रात को 12 बजे सो जाने वालीं किरण चौधरी अब रात को तीन बजे सो रही हैं और सुबह साढ़े सात बजे उठ जाती हैं।
कांग्रेस विधायक दल की नेता रह चुकी किरण चौधरी ने किया अपनी दिनचर्या में बड़ा बदलाव
पति सुरेंद्र सिंह के देहावसान के बाद किरण चौधरी ने एक के बाद एक कई कविताएं लिखी थीं। किरण चौधरी ने अपने आवास पर एक अलग से लाइब्रेरी बना रखी है। वहीं पर जिम भी है। दर्शन और मनोविज्ञान से जुड़ी इन कविताओं को लिखने के बाद किरण ने कभी उनके संग्रह और उसके प्रकाशन के बारे में सोचा नहीं था। अब किरण चौधरी न केवल इन कविताओं को इकट्ठा करने में जुटी हैं, बल्कि लाइब्रेरी में रात को नई कविताएं भी लिख रही हैं। कोरोना वायरस का प्रकोप खत्म होने के बाद किरण चौधरी की इच्छा दर्शन, मनोविज्ञान, प्रेम, लगाव और अवसाद से मुक्ति पर आधारित इन कविताओं का काव्य संग्रह प्रकाशित कराने की है।
एक घंटा सैर, आधा घंटा जिम और रात को लाइब्रेरी में तीन बजे तक पाठन-लेखन में व्यस्त
किरण चौधरी आजकल सूफी साहित्य और काव्य खूब पढ़ रही हैं। सूफी साधू संतों की किताबों का उनकी लाइब्रेरी में बड़ा खजाना है। उन्होंने फोन पर बातचीत में बताया कि फिलहाल वह अल शफाक की एक पुस्तक पढ़ रही हैं। इससे 13वीं सदी के सूफिज्म को समझने की कोशिश करते हुए आज के माहौल में फर्क के बारे में जानकार मिलेगी। किरण चौधरी कहती हैं कि सूफी किसी एक धर्म से जुड़ा शब्द नहीं है, बल्कि यह खुदा-भगवान और अपने किसी भी अजीज की इबादत का एक तरीका है।
किरण चौधरी सुबह साढ़े सात बजे उठने के बाद घर के लान में ही एक घंटा सैर करती हैं और आधा घंटा जिम करती हैं। फिर जरूरी फोन काल पर लोगों से बातचीत होती है। नाश्ते में उन्हें फ्रूट और नट्स पसंद हैं। साथ में व्हाइट चाय पीती हैं। दोपहर को हलका खाना खाने के बाद शाम को फिर एंटी आक्सीडेंट व्हाइट चाय पीती हैं, जो ग्रीन टी की तरह होती है। रात को उनका भोजन आठ बजे हो जाता है। किरण चौधरी रात को सिर्फ सूप पीती हैं और उसके बाद जरूरी काम निपटाने के बाद अपनी लाइब्रेरी में चली जाती हैं, जहां पढ़ने और लिखने का क्रम देर रात ढाई से तीन बजे तक चलता रहता है।
पति सुरेंद्र चौधरी के चले जाने की यादें समेट रहीं किरण
रात को देर तक जागने की कमी को दिन में किसी समय एक घंटा आराम के रूप में पूरा कर लेती हैं। किरण चौधरी कहती हैं कि चौधरी सुरेंद्र सिंह के जाने के बाद जो भी महसूस किया, अब कोरंटाइन में मैं उसे याद कर अपनी बिछड़ी और पिछली यादों को समेट रही हूं। मेरे लिए कुछ नया करने का समय है। साथ ही मैं अपने प्रदेश के लोगों की चिंता करते हुए लगातार उनके संपर्क में हूं।