हरियाणा में भाजपा का विकल्प बनने को जोर लगा रहा इनेलो, चलेगा ऐसे दांव

इंडियन नेशनल लोकदल लोकसभा चुनाव में हार के बाद अब खुद को फिर से खड़ा होने को जोर लगा रहा है। इनेलो हरियाणा में खुद को भाजपा के विकल्‍प के तौर पर आगे लाने की कोशिश में जुट गया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Thu, 20 Jun 2019 02:22 PM (IST) Updated:Thu, 20 Jun 2019 02:22 PM (IST)
हरियाणा में भाजपा का विकल्प बनने को जोर लगा रहा इनेलो, चलेगा ऐसे दांव
हरियाणा में भाजपा का विकल्प बनने को जोर लगा रहा इनेलो, चलेगा ऐसे दांव

चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) लड़खड़ाने के बाद अब संभलने की कोशिश में है।  इनेलो राज्य विधानसभा चुनाव में भाजपा का विकल्प बनने के लिए पूरा जोर लगा रहा है। इसके लिए पार्टी ने सौ दिन का एक्शन प्लान तैयार किया है। इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला तिहाड़ जेल लौटने से पहले संगठन के कील-कांटे दुरुस्त कर गए। अब बारी इनेलो विधायक दल के नेता अभय सिंह चौटाला की है। चौटाला अगले सौ दिन तक लगातार फील्ड में रहकर जहां कार्यकर्ताओं में जोश भरेंगे।

ओमप्रकाश चौटाला ने कसे संगठन के पेंच, अब अभय संभालेंगे फील्ड में मोर्चा

हरियाणा के चार बार मुख्यमंत्री रह चुके ओमप्रकाश चौटाला ने जिस तरह से संगठन में बदलाव किया है, उससे अभय सिंह चौटाला काफी मजबूत हुए हैं। इनेलो को शुरू से ही काडर बेस पार्टी माना जाता है। राज्य में ऐसा पहली बार नहीं हुआ, जब इनेलो बिखराव का शिकार हुआ। मगर हर बार काडर बेस कार्यकर्ताओं के बूते फिर से खड़ी हो गया।

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लोकसभा चुनाव में भले ही इनेलो और  और अजय सिंह चौटाला व दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता दोनों को पराजय का सामना करना पड़ा, लेकिन जिस तरह से ओमप्रकाश चौटाला ने पार्टी से चलेगए लोगों (अजय सिंह व दुष्यंत चौटाला) को वापस लेने से इन्कार कर दिया, उससे स्पष्ट है कि अब अभय सिंह चौटाला पार्टी कार्यकर्ताओं के बूते भाजपा के विरुद्ध लंबी और मजबूत पारी खेलने की तैयारी में हैं। 

कांग्रेस की गुटबाजी का लाभ उठाने की फिराक में चौटाला एक दिन में नापेंगे तीन हलके

हरियाणा में भाजपा ने राज्य की सभी 10 लोकसभा सीटों पर चुनाव जीता है। इन नतीजों के बाद विपक्ष पूरी तरह से बिखर गया है। कांग्रेस आधा दर्जन गुटों में बंटी है, जबकि जजपा को अपना वजूद बनाना पड़ रहा है। ऐसे में इनेलो को लग रहा कि इन सौ दिनों के भीतर यदि धरातल पर मजबूती के साथ काम कर लिया गया तो खुद को भाजपा के विकल्प के रूप में पेश करते हुए उसे कड़ी चनौती दी जा सकती है।

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इनेलो को अपनी इस मुहिम में कांग्र्रेस की गुटबाजी का लाभ मिलने के आसार हैं। पार्टी का मानना है कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव के मुद्दे अलग-अलग होते हैं। ऐसे में लोगों से जुड़े मुद्दों के आधार पर अभय चौटाला बृहस्पतिवार से अपनी पूरी टीम के साथ फील्ड में सक्रियता बढ़ाते नजर आएंगे।

पिता का गुरु मंत्र आएगा काम, साथियों का मिलेगा सहयोग

इनेलो के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अशोक अरोड़ा, पूर्व सीपीएस रामपाल माजरा और प्रदेश अध्यक्ष बीडी ढालिया विधायक दल के नेता अभय सिंह चौटाला के विश्वासपात्रों में शुमार हैं। चौटाला ने इस पूरी टीम को फील्ड में सक्रिय रहकर कार्यकर्ताओं के बूते भाजपा के विरुद्ध राजनीतिक जंग लडऩे का संदेश दिया है। चौटाला कार्यकारिणी में बदलाव और विस्तार भी कर चुके हैं। अब पिता ओमप्रकाश चौटाला के गुरुमंत्र पर अमल करते हुए अभय सिंह चौटाला जिला और ब्लॉक स्तर पर संगठन की मजबूती के साथ ही चुनाव लड़ने के लिए दमदार चेहरों का चयन करेंगे। साथ ही अगस्त में होने वाले विधानसभा सत्र के लिए मुद्दों की लंबी फेहरिस्त तैयार होगी, जिनके बूते चुनाव लडऩे की तैयारी है। इसके बाद अभय चौटाला लगातार एक माह तक जुलाई में एक दिन में तीन-तीन विधानसभा क्षेत्रों को कवर करेंगे।

'अब हमारा वनवास खत्म हो चुका, भाजपा का विकल्प बनेंगे'

 हरियाणा में इनेलो का संगठन बेहद मजबूत है। जो लोग हमारी पार्टी में टूट होने की बात कहते हैं, उन्हें शायद यह अहसास नहीं कि हमारा कार्यकर्ता फौलाद है और कभी टूटता या हारता नहीं है। जिस तरह से श्रीराम का वनवास खत्म हुआ था और उन्हें राजतिलक किया गया था, उसी तरह से अब हमारी पार्टी और कार्यकर्ताओं का वनवास खत्म हो चुका है। गैरवाजिब लोग संगठन से पहले ही चले गए। 30 जून तक सभी प्रकोष्ठों के साथ बैठकें कर संगठन का काम पूरा कर लिया जाएगा। पहली जुलाई से प्रधान महासचिव, प्रदेशाध्यक्ष और राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष की टीम सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों में जाकर कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की बैठक लेगी। हर दिन तीन विधानसभा क्षेत्र कवर किए जाएंगे। इनेलो ही एकमात्र ऐसा दल है, जो भाजपा का विकल्प बन सकता है।

                                                                    - अभय सिंह चौटाला, नेता, इनेलो विधायक दल, हरियाणा।

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