हरियाणा में नियमित होंगी अवैध कामर्शियल बिल्डिंग, घर में खोल सकेंगे दुकान

हरियाणा सरकार ने राज्‍य के लोगों खासकर व्‍यापारियाें और दुकानदारों को बड़ा तोहफा दिया। राज्‍य में अनियमित कामर्शियल बिल्डिंग को नियमित किया जाएगा।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Wed, 30 May 2018 11:08 PM (IST) Updated:Thu, 31 May 2018 08:55 PM (IST)
हरियाणा में नियमित होंगी अवैध कामर्शियल बिल्डिंग, घर में खोल सकेंगे दुकान
हरियाणा में नियमित होंगी अवैध कामर्शियल बिल्डिंग, घर में खोल सकेंगे दुकान

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा की मनोहर लाल सरकार ने कारोबारियों को बड़ी राहत देते हुए राज्य में अनियमित (अवैध) ढंग से बनी कामर्शियल बिल्डिंग को वैध करने की नीति को मंजूरी दे दी है। बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में रिहायशी कालोनियों में चलने वाली वाणिज्यिक गतिविधियों को भी वैध करने का निर्णय लिया गया।

मनोहर सरकार का बड़ा तोहफा, निर्धारित फीस जमा कराकर दस साल के लिए की जाएगी नियमित

हरियाणा के हजारों व्यापारी, उद्यमी और कारोबारी सरकार से बिना नक्शा पास कराए बने कामर्शियल भवनों को नियमित कराने की नीति बनाने की मांग कर रहे थे। इस दिशा में शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन, सहकारिता राज्य मंत्री मनीष ग्रोवर व सीएम के मीडिया सलाहकार राजीव जैन ने प्रयास किए। अधिकारियों के साथ कई दौर की बैठकों के बाद अवैध भवनों को नियमित करने की नीति तैयार की गई।

रिहायशी कालोनियों में वाणिज्यिक गतिविधियां चलाने को भी मिली मंजूरी

कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया गया कि बिना नक्शा पास कराए और बिल्डिंग बायलॉज के विरुद्ध बनाई गई इमारतों को वैध कराने के लिए प्रापर्टी मालिकों को निकायों में आवेदन करना होगा। इससे पहले नियमित करने के लिए तय की गई फीस भी उन्हें जमा करानी होगी। आवेदन करने के लिए ऐसी बिल्डिंग के मालिकों को कैबिनेट के फैसला का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद दो वर्ष तक का समय दिया जाएगा।

10 वर्षों के लिए किया जाएगा वैध

आवेदन के बाद अनाधिकृत वाणिज्यिक निर्माण को केवल 10 वर्षों के लिए वैध किया जाएगा। इस अवधि में दुकान, शोरूम, कांप्लेक्स व वाणिज्यिक प्रतिष्ठान को इस अवधि के अंदर-अंदर बिल्डिंग बायलॉज/कोड के अनुसार सिस्टम में लाना होगा।

रिहायशी कालोनियों में वाणिज्यिक व संस्थागत गतिविधियों को तो मंजूरी मिलेगी लेकिन इसके लिए सरकार द्वारा तय की जाने वाली शर्तों को पूरा करना होगा। केवल उन्हीं कालोनियों में इस तरह की गतिविधियों को सरकार मंजूरी देगी, जो 60 फीसद से अधिक बस चुकी हैं। नई कालोनियों में वाणिज्यिक गतिविधियां केवल निर्धारित स्थलों पर ही हो सकेंगी। रिहायशी जगहों पर इनकी मंजूरी नहीं होगी।

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'' दोनों योजनाओं के लिए निकाय विभाग द्वारा ऑनलाइन सॉफ्टवेयर तैयार किया जाएगा। इस तरह की सभी इमारतों का डाटाबेस भी विभाग तैयार करेगा। इसके साथ ही जिन कमर्शियल भवनों को बिल्डिंग कोड के अनुसार सही कर लिया जाएगा, उसकी जानकारी भी ऑनलाइन अपलोड होगी।

                                                                                      - कविता जैन, शहरी निकाय मंत्री, हरियाणा।

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