चर्चा में आया IAS अशोक खेमका का ट्वीट, कहा- सिविल बोर्ड के जरिये हों अहम नियुक्तियां
हरियाणा के आइएएस अफसर अशोक खेमका एक बार फिर सुर्खियों में हैं। खेमका ने ट्वीट कर सुझाव दिया है कि अहम पदों पर नियुक्तियां सिविल बोर्ड के जरिये की जाएं। खेमका का यह ट्वीट महाराष्ट्र की अफसरशाही व सरकार के बीच चल रहे विवाद पर आया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा के चर्चित आइएएस अधिकारी अशोक खेमका ने महाराष्ट्र की अफसरशाही और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर न केवल कटाक्ष किया है, बल्कि हरियाणा को भी इसमें लपेट लिया है। खेमका द्वारा किया गया एक ट्वीट वीरवार को चर्चा का विषय बना रहा।
अशोक खेमका ने सिविल बोर्ड की सिफारिश पर नियुक्तियां किए जाने का सुझाव दिया है। खेमका ने ट्वीट कर कहा कि अहम पदों पर नियुक्तियों के लिए विभिन्न प्रकार की कुप्रथाएं महाराष्ट्र तक ही सीमित नहीं है। अन्य राज्य भी दोषी हैं। सिविल सेवा बोर्ड की सिफारिश पर ही नियुक्तियां होनी चाहिएं। केंद्र सरकार की भी जिम्मेदारी है कि राज्य सरकारें आइएएस, आइपीएस व आइआरएस कैडर नियमों का ईमानदारी से पालना करें। अहम पदों पर नियुक्तियों के लिए विभिन्न प्रकार की कुप्रथायें महाराष्ट्र तक ही सीमित नहीं है। अन्य राज्य भी दोषी हैं। सिविल सेवा बोर्ड की सिफारिश पर ही नियुक्तियां होनी चाहिए। केंद्र सरकार की भी जिम्मेदारी है कि राज्य सरकारें IAS/IPS/IFS कैडर नियमों का ईमानदारी से पालना करें।
बता दें, अपने ट्वीट व टिप्पणियों के कारण अशोक खेमका अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। कुछ माह पूर्व उन्होंने ट्वीट से हलचल पैदा कर दी थी। उन्होंने सरकारी व्यवस्था पर सवाल उठाए थे। उन्होंने हरियाणा सरकार द्वारा हर साल आढ़तियों को दिए जाने वाले कमीशन को मुद्दा उठाया। खेमका ने परोक्ष रूप से इसे सिस्टम की खामी बताते हुए सीधी अदायगी को किसानों के हित में करार दिया। खेमका के इस ट्वीट से किसानों के खाते में सीधे पेमेंट की मांग को बल मिला।
हरियाणा के वरिष्ठ आइएएस अफसर अशोक खेमका अपने तबादलों के कारण भी चर्चा में रहते हैं। 29 साल की नौकरी में उनका 52 से अधिक बार तबादला हो चुका है। तबादले पर खेमका का दर्द यूं बाहर आया था। कहा ' हर तबादले के बाद कुछ खोने जैसा अहसास होता है... लगता है, हार गया हूं...लेकिन फिर लगता है कि मैं सिर्फ स्वयं से हार सकता हूं। शुरू में बुरा लगता है, लेकिन फिर जिंदगी अपनी रफ्तार पर लौट आती है।'