हरियाणा ने केंद्र सरकार से अर्द्ध सैन्य बलों की 200 कंपनियां मांगी, अभी से चुनाव की तैयारी
हरियाणा में लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। राज्य सरकार ने चुनाव निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से कराने के लिए केंद्र से अर्द्ध सैन्य बलों की 200 कंपनियां मांगी है।
चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा में लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। राज्य सरकार बार-बार हुए जाट आरक्षण आंदोलन तथा डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की सजा के बाद सरकार लोकसभा चुनाव में किसी तरह का रिस्क लेने के मूड में नहीं है। हरियाणा सरकार ने शांतिपूर्ण और हिंसा रहित तथा निष्पक्ष चुनाव के लिए अर्द्ध सैन्य बलों की 200 कंपनियां मांगी हैं।
जाट आरक्षण आंदोलन व डेरा प्रमुख की सजा का असर, बढ़ाई मांग
हरियाणा के पास करीब 19 हजार कर्मचारी हैं, जिन्हें सुरक्षा के लिहाज से लोकसभा चुनाव में ड्यूटी पर लगाया जा सकता है। पिछले चुनाव में हरियाणा को केंद्र से 72 कंपनियां मिली थी, लेकिन अधिकारियों को आशंका है कि इस बार का चुनाव कुछ टेढ़ा हो सकता है। इसकी वजह जाट आरक्षण आंदोलन व डेरा प्रमुख की सजा को माना जा रहा है।
गृह सचिव एसएस प्रसाद और डीजीपी बीएस संधू ने मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा को प्रदेश में की जा रही तैयारियों से अवगत कराया। अरोड़ा संसदीय चुनावों के इंतजामों की समीक्षा करने आए हुए थे। उन्होंने हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ के अधिकारियों को खामियां दुरुस्त करने के निर्देश दिए।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि चुनावी ड्यूटी से संबंधित रिक्त पदों को तुरंत प्रभाव से भरा जाए। मार्च-अप्रैल में लोकसभा चुनाव होने हैं। चुनावी तैयारियों को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त ने हरियाणा के मुख्य सचिव डीएस ढेसी और राज्य निर्वाचन अधिकारी से भी चर्चा की। इस
दौरान मतदान केंद्रों पर सुनिश्चित न्यूनतम सुविधाओं (एएमएफ) के प्रावधान, मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालयों में मानवशक्ति एवं बुनियादी ढांचे के सुदृढ़ीकरण, चुनाव पदाधिकारियों के सभी रिक्त पदों को भरने, ईवीएम/ वीवीपीएटी और अन्य चुनाव सामग्री की उपलब्धता, बजट प्रावधानों पर लंबी चर्चा हुई।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने मुख्य चुनाव आयुक्त को स्पेशल समरी रिवीजन, मतदाता हेल्पलाइन (1950) और अन्य आइटी संबंधित अनुप्रयोगों की प्रगति की जानकारी दी। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि मतदाताओं की सुविधा के लिए प्रत्येक मतदान केंद्र पर सुनिश्चित न्यूनतम सुविधाओं (एएमएफ) की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए तत्काल और समयबद्ध कार्रवाई की जाए। उन्होंने दिव्यांग मतदाताओं की मैपिंग के साथ उनका व्यापक डेटा बेस सृजित करने की जरूरत बताई।