'सेना को हरियाणा जैसे फार्मूले पर चलना पड़े तो देश को भगवान ही बचा सकेगा'

हरियाणा सरकार जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान सेना को कार्रवाई की इजाजत न दिए जाने पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में घिर गई।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Wed, 23 May 2018 10:53 AM (IST) Updated:Wed, 23 May 2018 10:53 AM (IST)
'सेना को हरियाणा जैसे फार्मूले पर चलना पड़े तो देश को भगवान ही बचा सकेगा'
'सेना को हरियाणा जैसे फार्मूले पर चलना पड़े तो देश को भगवान ही बचा सकेगा'

जेएनएन, चंडीगढ़। जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान सेना को कार्रवाई की इजाजत न दिए जाने पर हरियाणा सरकार को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में कोर्ट मित्र अनुपम गुप्ता ने जमकर घेरा। उन्होंने कहा कि यदि आप कश्मीर या कुछ अन्य हिस्सों में इस फार्मूले को लागू करना चाहते हैं तो फिर भगवान ही देश को बचा पाएगा। सुनवाई के दौरान कोर्ट मित्र की दलीलों के सामने हरियाणा के एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन बैकफुट पर आ गए।

जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई हिंसा पर कोर्ट मित्र की तीखी टिप्पणी, मुकदमे वापस लेने पर घेरा

गुप्ता ने पीठ को बताया कि प्रदेश सरकार आंदोलन के दौरान सरकार दर्ज किए गए 2105 मुकदमों में से 407 वापस लेना चाहती है। इस पर महाजन को आश्वासन देना पड़ा कि अगली सुनवाई से पहले ये केस वापस नहीं लिए जाएंगे। हाई कोर्ट ने महाजन के इस आश्वासन के बाद सुनवाई को 11 जुलाई तक स्थगित कर दिया।

बैकफुट पर आए एडवोकेट जनरल, कहा-प्रदेश सरकार अगली सुनवाई के पहले 407 केस वापस नहीं लेगी

गुप्ता ने हरियाणा सरकार की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि हरियाणा पुलिस को कार्रवाई न करने के आदेश के कारण उस दौरान सेना भी लोगों की सुरक्षा में असफल रही थी। गुप्ता ने कहा कि इससे सेना की छवि को भी नुकसान पहुंचा। आम जन में यह धारणा बनी कि सेना भी हमारी सुरक्षा नहीं कर सकती।

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हरियाणा सरकार द्वारा केसों को वापस लेने पर रोक लगाने की मांग करते हुए गुप्ता ने कहा कि आंदोलन के दौरान झज्जर में 172 केसों में से 82 को वापस लेने की सिफारिश की गई है। इनमें से 53 मामलों में आगजनी, लूट जैसी गंभीर प्रकृति के हैं।

उन्होंने बताया कि हिसार में दर्ज कुल 155 में से सरकार 63 केस वापस लेना चाहती है, इनमें से 36 गंभीर धाराओं के तहत दर्ज किए गए हैं। रोहतक में कुल 1212 में से सरकार ने सिर्फ 35 केसों को वापस लेने की बात कही है और इनमे से 21 में गंभीर आरोप दर्ज है। गुप्ता ने कहा कि हिंसा के बाद जांच के लिए गठित प्रकाश सिंह आयोग ने इन सभी केसों को गंभीर प्रकृति का बताया है।

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