गुरुग्राम, फरीदाबाद सहित हरियाणा में बिजली संकट से निपटने को सरकार ने बनाई खास रणनीति, छापामारी टीमें सक्रिय

हरियाणा में बिजली संकट से निपटने के लिए राज्य सरकार ने खास रणनीति बनाई है। गर्मी के दिनों में बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए बिजली चोरी पर अंकुश जरूरी है। इसके लिए राज्य में अब किसी भी समय छापेमारी शुरू हो गई है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Sun, 17 Apr 2022 07:42 PM (IST) Updated:Mon, 18 Apr 2022 09:22 AM (IST)
गुरुग्राम, फरीदाबाद सहित हरियाणा में बिजली संकट से निपटने को सरकार ने बनाई खास रणनीति, छापामारी टीमें सक्रिय
बिजली संकट से निपटने के लिए सरकार की खास रणनीति। सांकेतिक फोटो

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में बिजली की बढ़ती मांग के बीच प्रदेश सरकार ने बिजली की चोरी करने वालों पर शिकंजा कस दिया है। बिजली चोरों को पकड़ने के लिए बिजली निगमों की विजिलेंस ही नहीं बल्कि बिजली वितरण निगमों की स्पेशल आपरेशन टीमें छापामारी के लिए सक्रिय हो गई हैं।

हरियाणा में बिजली की चोरी पूरी तरह से रुक जाने के बाद गर्मी के दिनों में बिजली का संकट पूरी तरह से खत्म हो सकता है। हरियाणा के बिजली निगम हर तीन माह में एक बड़ी रेड कर रहे हैं। अभी तक इस तरह की पांच बड़ी रेड हो चुकी है। अब तक 70 हजार 328 बिजली चोरी की एफआइआर भी दर्ज हुई हैं।

मुख्यमंत्री से निर्देश प्राप्त करने के बाद बिजली मंत्री रणजीत चौटाला ने बिजली निगम के अधिकारियों को बिजली की चोरी रोकने के लिए विशेष अभियान चलाने की अनुमति प्रदान की है। बिजली वितरण निगमों की परर्फोमेंस सुधारने और एग्रीगेट ट्रांसमिशन एडं कामर्शियल लास (एटीएंडसी) कम करने के लिए हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (एचइआरसी) इन कंपनियों को स्पष्ट निर्देश दे चुका है।

एचइआरसी ने इस बार कंपनियों को वार्षिक राजस्व आवश्यकता के हिसाब से जो बट दिया है, वह 14 प्रतिशत एटीएंडसी लास को मद्देनजर रखकर तय किया गया है। बिजली वितरण निगमों का एटीएडंसी लास तभी कम होगा, जब बिजली चोरी पर अंकुश लगेगा, इसलिए अब बिजली वितरण निगमों का पूरा ध्यान बिजली चोरी रोकने पर है। इसी माह चार अप्रैल को जो रेड हुई थी, उसमें 542 टीमें गठित की गई थी और 17 हजार 734 स्थानों पर चैकिंग कर 2692 जगहों पर बिजली चोरी पकड़ी गई थी, जिसमें 10 करोड़ 23 लाख 66 हजार रुपये की बिजली चोरी पकड़ी गई।

हरियाणा विद्युत उत्पादन निगम के प्रबंध निदेशक मोहम्मद शाईन के अनुसार 2013 में जहां बिजली चोरों पर 16 हजार 496 एफआइआर दर्ज हुई, वहीं 2014 में 9239, 2015 में 16095, 2016 में 22633, 2017 में सबसे से अधिक 95407, 2018 में 55225, 2019 में 28328 और 2020 में 62605 एफआइआर दर्ज हुई है। 2020-21 में 131 करोड़ 70 लाख 48 हजार की बिजली चोरी की राशि रिकवर हुई है तथा दिसंबर 2021 तक 85 करोड़ 39 लाख 63 हजार रुपये की राशि बिजली चोरों से प्राप्त हुई है जो बिजली वितरण निगमों के खाते में जमा हो चुकी है।

मोहम्मद शाईन के अनुसार मुख्यमंत्री मनोहर लाल, बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला और विभाग के एसीएस पीके दास का एक ही मूल मंत्र है कि किसी भी सूरत में बिजली चोरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी, इसलिए उनके निर्देश पर समय-समय पर बड़े पैमाने पर संबंधित अधिकारी रेड का आयोजन करते हैं।

मंत्री व एसीएस स्वयं इन रेड की मानीटरिंग करते हैं। खास बात यह है कि इन रेड के बारे में पहले से किसी को भनक तक भी नहीं लगने दी जाती। इन रेड की वजह से बिजली वितरण निगमों के प्रदर्शन में सुधार के साथ-साथ एटीएंडसी लास में कमी आ रही है। 

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