E-cigarette और Flavored हुक्केे का क्रेज खतरनाक, ये होता है नुकसान
तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध के बावजूद E-cigarette और Flavored हुक्के के बढ़ते इस्तेमाल के खिलाफ हरियाणा ने केंद्र में दस्तक दी है।
चंडीगढ़ [सुधीर तंवर]। तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध के बावजूद E-cigarette और Flavored हुक्के के बढ़ते इस्तेमाल के खिलाफ हरियाणा ने केंद्र में दस्तक दी है। तंबाकू नियंत्रण बोर्ड को चिट्ठी लिख औषध विभाग ने चीन से पहुंच रहे इलेक्ट्रॉनिक निकोटीन डिलीवरी सिस्टम (ENDS) की आपूर्ति रोकने का दबाव बनाया है।
राज्य औषधि नियंत्रक नरेंद्र आहूजा ने दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय कांफ्रेंस में भी यह मुद्दा उठाते हुए युवाओं में E-cigarette के प्रति बढ़ते क्रेज के लिए उन राज्यों को जिम्मेदार ठहराया, जहां ENDS पर रोक नहीं है। इन्हीं राज्यों से हरियाणा में नशे का सामान पहुंचता है।
शुरुआत में ज्यादातर युवा E-cigarette और ई-हुक्का का इस्तेमाल सेवन केवल दिखावे के लिए करते हैं क्योंकि दुष्प्रचार के चलते उन्हें लगता है कि दूसरे तंबाकू उत्पादों की तुलना में यह कम हानिकारक हैं। एक बार गिरफ्त में आने के बाद वे E-cigarette से सामान्य सिगरेट की तरफ मुड़ जाते हैं।
शोध बताते हैं कि E-cigarette से लोगों में अस्थमा, फेफड़ों की खराबी, हृदय रोग और कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियां होने का खतरा रहता है। 27 फीसद उत्पादों में एंडोटॉक्सिन पाया गया। यह एक माइक्रोबियल एजेंट है। 81 फीसद उत्पादों में ग्लूकन के कण मिले जो अधिकतर फंगस की कोशिकाओं की दीवारों पर पाया जाता है।
पिछले साल केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी करते हुए E-cigarette, ई-शीशा और Flavored हुक्का की बिक्री, उत्पादन और परिवहन पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया था। मौजूदा समय में हरियाणा के साथ ही पंजाब, कर्नाटक, केरल, बिहार, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडुु, महाराष्ट्र, पुडुचेरी, झारखंड और मिजोरम में E-cigarette और ई-हुक्का के इस्तेमाल और बिक्री पर प्रतिबंध है। इसके बावजूद साथ लगते दूसरे राज्यों से हरियाणा में E-cigarette और Flavored हुक्काआसानी से पहुंच रहा है।
क्या होती E-cigarette
E-cigarette एक तरह का इलेक्ट्रॉनिक इन्हेलर है जिसमें निकोटीन और अन्य केमिकल युक्त Liquid भरा जाता है। इन्हेलर बैट्री की ऊर्जा से इस Liquid को भाप में बदल देता है जिससे पीने वाले को सिगरेट का अहसास होता है। चीन में वर्ष 2003 में इसे यह सोचकर बनाया गया था कि बिना टॉर या कार्बन के फेफड़े तक कम मात्रा में Nicotine जाएगा। व्यावसायिक फायदे के लिए ऐसे तरीके अपनाए गए, जिससे अधिक मात्रा में Nicotine फेफड़े में जाने लगा।
सुरक्षित नहीं E-cigarette
ज्यादातर E-cigarette में जो केमिकल भरा जाता है वो Liquid Nicotine होता है। Nicotine नशीला पदार्थ है, इसलिए पीने वाले को लत लग जाती है। थोड़े दिन बाद अगर इसे पीना बंद करें तो बेचैनी होने लगती है। Nicotine दिल और सांस के मरीजों के लिए बिल्कुल सुरक्षित नहीं माना जा सकता। इसी तरह हुक्का बार में Flavored E-Liquid होता है जिसका लगातार सेवन शरीर के एंटी बैक्टीरियल सिस्टम को क्षतिग्रस्त कर देता है।
37 विक्रेताओं और उत्पादकों पर एक्शन
राज्य औषधि नियंत्रक नरेंद्र आहूजा ने बताया कि प्रदेश में E-cigarette के 37 विक्रेताओं और उत्पादकों पर कार्रवाई करते हुए केस दर्ज कराए गए हैं। आरोपित हाई कोर्ट में गए, लेकिन अदालत ने सरकार की कार्रवाई को जायज ठहराया है। केंद्र सरकार ENDS पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाए तो युवाओं को इस धीमे 'जहर' से बचाया जा सकता है। इसके लिए हमने केंद्र सरकार और तंबाकू कंट्रोल बोर्ड को चिट्ठी लिखी है।
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