पंचकूला में होगा देश के सबसे ऊंचे रावण के पुतले का दहन, 30 लाख में बनेगा

इस बार पंचकूला में देश का सबसे ऊंचा पुतला जलाया जाएगा। विजयादशमी पर इस 215 फीट पुतले का दहन शालीमार ग्राउंड में होगा। पुतले के निर्माण पर 30 लाख रुपये की लागत आएगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Sat, 06 Oct 2018 12:13 PM (IST) Updated:Sat, 06 Oct 2018 12:13 PM (IST)
पंचकूला में होगा देश के सबसे ऊंचे रावण के पुतले का दहन, 30 लाख में बनेगा
पंचकूला में होगा देश के सबसे ऊंचे रावण के पुतले का दहन, 30 लाख में बनेगा

जेएनएन, पंचकूला। इस बार देश का सबसे ऊंचे रावण के पुतले का पंचकूला में दहन किया जाएगा। रावण के इस पुतले को अंतिम रूप देने में कारीगर जुटे हुए हैं। 215 फीट इस पु‍तले का विजयदशमी पर दहन होगा। पुतले के निर्माण पर करीब 30 लाख रुपये की लागत आएगी। यह पुतला सेक्टर पांचके हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) के ग्राउंड (शालीमार ग्राउंड) में जलाया जाएगा। इससे पहले अंबाला जिले के बराड़ा में देश का सबसे बड़ा पुतला जलाया जाता था।

विजयदशमी के लिए 215 फीट के पुतले को अंतिम रूप देने में जुटे कारीगर

इसके निर्माण में श्री माता मनसा देवी चेरिटेबल ट्रस्ट, आदर्श रामलीला ड्रामेटिक क्लब पंचकूला और श्रीराम लीला क्लब बराड़ा का संयुक्त योगदान है। इससे पूर्व पिछले कई वर्षों से अंबाला के बराड़ा में सबसे ऊंचे रावण के पुतले का दहन होता रहा है।

पांच माह से जुटे 40 से ज्यादा कारीगर

पुतले के निर्माण में पिछले पांच महीने से 40 से अधिक कारीगर दिन-रात काम में जुटे हैं। रावण के पुतले में करीब 1.5 क्विंटल बारूद का प्रयोग होता है। पुतला निर्माण की सामग्री तमिलनाडु के शिवाकाशी से मंगवाई गई है। इस पुतले का दहन रिमोट सिस्टम से किया जाएगा। पुतले को खड़ा करने के लिए लोहे की तारों का प्रयोग होगा।

मॉनिटरिंग कमेटी भी गठित

चंडीगढ़ व ट्राईसिटी के लोगों के लिए यह पहला मौका होगा जब वे इतने बड़े रावण के दहन का गवाह बनेंगे। भीड़ भी ज्यादा होगी, इसलिए एरिया भी ज्यादा चाहिए। ऐसे में मैदान के लिए मॉनिटरिंग कमेटी भी गठित की गई है। रावण के साथ ही उसके मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतलाें का भी दहन किया जाएगा।

लम्का बुक ऑफ रिकार्ड में नाम दर्ज करा चुके हैं तेजिंदर सिंह चौहान

अंबाला जिले के बराड़ा के निवासी राणा तेजिंदर सिंह चौहान इस पुतले को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। वह अपना रिकार्ड तोड़कर पांच बार लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड में नाम दर्ज करा चुके हैं। इसे वह अपना जुनून मानते हैं। 1987 में उन्होंने अपने पिता अमी सिंह से प्रेरित होकर महज 20 फीट ऊंचा रावण का पुतला तैयार किया था, तब से उनका यह सिलसिला जारी है।

कुतुबमीनार जितना ऊंचा पुतला बनाने की तमन्ना

तेजिंदर सिंह चौहान का लक्ष्य है कि वह कुतुबमीनार की ऊंचाई जितना ऊंचा रावण का पुतला बनाकर विश्व रिकॉर्ड बना सकें। उनका दावा है कि इस लक्ष्य को वह आने वाले पांच से सात साल में प्राप्त कर लेंगे, क्योंकि वह हर वर्ष रावण के पुतले की ऊंचाई को पांच से 10 फीट बढ़ा रहे हैं।

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