दुष्यंत चौटाला को उपमुख्‍यमंत्री बनाने पर उठा बड़ा सवाल, हाई कोर्ट में दी गई चुनौती

हरियाणा की BJP-JJP सरकार में दुष्‍यंत चौटाला को उपमुख्‍यमंत्री बनाए जाने पर बड़ा सवाल उठ गया है। उनको इस पद की शपथ दिलाए जाने को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Wed, 30 Oct 2019 10:59 AM (IST) Updated:Wed, 30 Oct 2019 10:59 AM (IST)
दुष्यंत चौटाला को उपमुख्‍यमंत्री बनाने पर उठा बड़ा सवाल, हाई कोर्ट में दी गई चुनौती
दुष्यंत चौटाला को उपमुख्‍यमंत्री बनाने पर उठा बड़ा सवाल, हाई कोर्ट में दी गई चुनौती

चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा की नई भाजपा-जेजेपी सरकार में दुष्‍यंत चौटाला को उपमुख्‍यमंत्री (Deputy CM) पद की शपथ दिलाने जाने पर बड़ा सवाल उठाया गया है। जननायक जनता पार्टी के नेता दुष्यंत चौटाला को उप मुख्यमंत्री बनाने को असं‍वैधानिक बतातें हुए इसे हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में इस संबंध में दायर याचिका में कहा गया है कि सं‍विधान में उपमुख्‍यमंत्री जैसे पद का कोई प्रावधान नहीं है।

वैसे, माना जा रहा है कि इस याचिका को कोई खास प्रभाव नहीं पड़ने वाला है। चौधरी देवीलाल जब देश के उप प्रधानमंत्री बने थे, तो उनकी नियुक्ति को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। उस समय सुप्रीम कोर्ट ने नियुक्ति रद न करते हुए साफ कहा था कि उप प्रधानमंत्री या उप मुख्यमंत्री को कोई अतिरिक्त लाभ नहीं दिया जाता तो इसमें कोई आपत्ति की बात नहीं।

ऐसे में माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के आधार पर हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को अभी तक कोई राजनीतिक खतरा नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि मंगलवार को हाई कोर्ट में दायर याचिका कानूनन तथ्यों के आधार पर मजबूत नजर नहीं आ रही है। आंध्रप्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, महाराष्ट्र, पंजाब एवं उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में डिप्टी सीएम बनाए गए हैं, लेकिन न्यायपालिका ने किसी भी राज्य में अभी तक किसी भी डिप्टी सीएम को नहीं हटाया है।

हाई कोर्ट के वकील जगमोहन भट्टी द्वारा दायर जनहित याचिका में आरोप लगाया गया कि दुष्यंत चौटाला को हरियाणा का उप मुख्य मंत्री नियुक्त करना नियमों के खिलाफ है। याचिका के अनुसार राज्यपाल द्वारा दुष्यंत चौटाला को उप मुख्य मंत्री की शपथ दिलाना संविधान के अनुच्‍छेद 164 का उल्लंघन है। याचिका में कहा गया है कि संविधान में कहीं भी उप मुख्यमंत्री का प्रावधान नहीं है तो राज्यपाल ने कैसे उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिला दी।

याचिका में कहा गया कि जब तक यह र्जी विचाराधीन रहती है तब तक दुष्यंत को उप मुख्यमंत्री के नाते मिलने वाले सभी सुविधाओं पर रोक लगाई जाए। काबिल-ए-जिक्र है कि किसी भी राज्य में उप मुख्यमंत्री को अतिरिक्त सुविधाएं देने का कोई प्रावधान नहीं है, जिसके आधार पर दुष्यंत चौटाला के उपमुख्‍यमंत्री पद पर कोई खतरा नहीं है।

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