राज्यसभा सदस्य कार्तिकेय शर्मा के निर्वाचन को चुनौती, अजय माकन की याचिका पर शर्मा व पंवार को नोटिस जारी

हरियाणा से निर्वाचित राज्यसभा सदस्य कार्तिकेय शर्मा के चुनाव को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में कांग्रेस उम्मीदवार अजय माकन ने चुनौती दी है। माकन की याचिका पर कार्तिकेय शर्मा व कृष्ण लाल पंवार को नोटिस जारी किया गया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Wed, 17 Aug 2022 05:47 PM (IST) Updated:Wed, 17 Aug 2022 05:47 PM (IST)
राज्यसभा सदस्य कार्तिकेय शर्मा के निर्वाचन को चुनौती, अजय माकन की याचिका पर शर्मा व पंवार को नोटिस जारी
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की फाइल फोटो।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में राज्यसभा सदस्यों कृष्ण लाल पंवार व कार्तिकेय शर्मा के चुनाव को चुनौती दी गई है। याचिका पर दोनों को नोटिस जारी किया गया है। हाई कोर्ट के जस्टिस एच एस मदान ने कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता अजय माकन द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह नोटिस जारी किया।

याचिका जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत दायर की गई है। राज्यसभा के लिए कार्तिकेय शर्मा का चुनाव 10 जून को हुआ था। माकन की तरफ से हाई कोर्ट के वकील प्रताप सिंह ने केस की पैरवी की। याचिका में कार्तिकेय शर्मा से अधिक वैध वोट हासिल होने पर माकन को उनके स्थान पर निर्वाचित उम्मीदवार घोषित करने के लिए भी निर्देश देने की मांग की गई है। मामले में अगली 19 सितंबर को होगी।

हरियाणा से राज्यसभा की दो सीटों के लिए 11 जून को चुनाव हुआ था, जिसमें माकन ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था। हाई कोर्ट को बताया गया कि मतपत्रों की वैधता जांच के दौरान यह देखा गया कि कुल 89 मतों में से एक मतदाता ने अपनी पसंद के रूप में मतपत्र पर अंक '1' के बजाय चिह्न लगाया था। रिटर्निंग आफिसर ने नियम के के तहत उस मतपत्र को अमान्य बता कर खारिज कर दिया।

याचिका में बताया गया कि आगे यह भी देखा गया कि कार्तिक शर्मा के पक्ष में चिह्नित एक मतपत्र में वरीयता के क्रम '1' तय कालम में नहीं था। याचिका के अनुसार याचिकाकर्ता के चुनाव एजेंट बी बी बत्रा, जो हरियाणा विधानसभा के मौजूदा विधायक हैं, द्वारा लिखित में आपत्ति दर्ज कराई गई थी, जिसमें विशेष रूप से बताया गया था कि यह वोट निर्धारित नियमों के खिलाफ था।

एजेंट ने अपनी आपत्ति में विशेष रूप से यह भी बताया कि नियमों के तहत निर्धारित उचित कालम में वोट को चिह्नित नहीं किया गया है, ऐसे में यह वोट अमान्य है। हालांकि, रिटर्निंग आफिसर ने बिना कोई वैध कारण बताए उपरोक्त आपत्ति को खारिज कर दिया था। कोर्ट को बताया गया कि रिटर्निंग आफिसर ने नियमों के अनुसार उसकी शिकायत पर कार्रवाई नहीं की।

याचिका में कहा गया कि अगर उस आपत्ति को स्वीकार कर लिया जाता तो वह राज्यसभा के लिए चुने जाते। कोर्ट से मांग की गई है कि इस याचिका के विचाराधीन रहने तक चुनाव का रिकार्ड सुरक्षित रखा जाए।

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