भाजपा अब हरियाणा में नहीं करेगी किसानों के समानांतर रैलियां, अभय चौटाला की ट्रैक्टर यात्रा की तैयारी
हरियाणा में कैमला गांव की घटना और किसानों के समर्थन में इनेलाे नेता अभय चौटाला के विधानसभी की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद सियासत गर्मा गई है। भाजपा अब राज्य में किसानों के समानांतर बड़ी रैलियां नहीं करेगी। दूसरी ओर अभय चौटाला ट्रैक्टर रैली निकालेंगे।
चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा के करनाल जिले के कैमला गांव में भाजपा कह किसान महापंचायत के दौरान हुए उपद्रव और विधानसभा से इनेलो नेता अभय चौटाला के इस्तीफे से हरियाणा की राजनीति गर्मा गई है। किसान आंदोलन के समर्थन में अभय चौटाला के विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया है। करनाल के कैमला में उपद्रवियों द्वारा भाजपा का मंच तोड़ दिए जाने के घटनाक्रम के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने केंद्रीय नेतृत्व को पूरे मामले की जानकारी दी। अब भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने पार्टी नेताओं को किसानों के समानांतर बड़े आयोजन करने से रोक दिया है। ऐसे में अब भाजपा हरियाणा में किसानों के समानांतर रैलियां नहीं करेगी।
भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश में किसानों के समानांतर बड़ी रैलियां न करने का दिया निर्देश
भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का मानना है कि किसानों के समानांतर रैलियां या महापंचायत जैसे आयोजन करने से माहौल सुधरने की बजाय बिगड़ सकता है। दूसरी तरफ हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता रह चुके अभय सिंह चौटाला किसानों के हित में विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर महौल गर्मा दिया है।
स्पीकर की अभय चौटाला को सलाह- स्वयं पेश होकर दो लाइनों में इस्तीफा दें
विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने हालांकि अभय चौटाला के सशर्त इस्तीफे पर सवाल उठाते हुए उन्हें व्यक्तिगत रूप से दो लाइनों का इस्तीफा देने की सलाह दी है। लेकिन, उनकी सलाह को अनदेखा करते हुए अभय चौटाला ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संगठित करने तथा उन्हें फिर से एकजुट करने की प्रदेश स्तरीय मुहिम शुरू कर दी है।
अभय चौटाला की टीम फिर से ट्रैक्टर यात्रा की तैयारियों में जुटी
अभय चौटाला 15 जनवरी से अंबाला के शंभू बार्डर से दिल्ली तक ट्रैक्टर यात्रा की तैयारी में जुट गए हैं। इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक नफे सिंह राठी की देखरेख में इसकी तैयारियां की जा रही हैं। साथ ही कार्यकर्ताओं को एकजुट करने के लिए कार्यक्रम घोषित किए जाने वाले हैं। अभय चौटाला के विधानसभा की सदस्यता से पोस्ट डेटिड इस्तीफे को ताऊ देवीलाल की राजनीतिक विरासत का झंडा थामने की जंग में बड़ा दांव माना जा रहा है।
इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला के छोटे बेटे और पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल के पोते अभय चौटाला ने किसानों के हक में इस्तीफा देकर अपने दादा की राजनीतिक विरासत पर निगाह गड़ाए बैठे परिवार के बाकी सदस्यों के सामने मुश्किल खड़ी कर दी है। बताया जा रहा है कि अब वे अभय के इस दांव की काट ढूंढने में जुट गए हैं।
ताऊ देवीलाल के परिवार से हरियाणा विधानसभा में इस बार पांच सदस्य चुनाव जीतकर पहुंचे हैं। इनमें स्वयं अभय चौटाला इनेलो से, दुष्यंत चौटाला जजपा, उनकी माता नैना चौटाला जजपा, चाचा रणजीत सिंह चौटाला रानियां से निर्दलीय और अमित सिहाग डबवाली से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते। इनेलो के नेताओं का कहना है कि अभय ने अपनी पार्टी के एकमात्र विधायक होने के बावजूद विधानसभा की सदस्यता की परवाह नहीं की और किसानों के मुद्दे पर इस्तीफा देकर गेंद ताऊ देवीलाल की राजनीतिक विरासत का झंडा बुलंद करने वाले चौटाला परिवार के सदस्यों के पाले में डाल दी।