सीएम मनोहरलाल के साथ मिलकर जाटों को साधेंगे बीरेंद्र सिंह
केंद्र सरकार ने जाट आरक्षण आंदोलन की फिर से सुगबुगाहट के बीच केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह को भी सक्रिय कर दिया है। वह मुख्यमंत्री मनोहरलाल के साथ मिलकर जाटाें काे साधेंगे।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में करीब एक माह पहले हुए उपद्रव से सबक लेते हुए केंद्र सरकार अब किसी ढिलाई के मूड में नहीं है। जाट संगठनों द्वारा दी जा रही आंदोलन की धमकियों के बीच केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह को हरियाणा भेज दिया गया है। बीरेंद्र सिंह ने चंडीगढ़ पहुंचकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ मंत्रणा की। बीरेंद्र यहां मनोहर लाल के साथ मिलकर न केवल जाटों को साधेंगे बल्कि उपद्रवियों से निपटने की रणनीति भी तैयार करेंगे।
केंद्र ने लगाई बीरेंद्र की ड्यूटी, चंडीगढ़ पहुंच सीएम से मंत्रणा
जाट आरक्षण की लड़ाई लड़ रहे संगठनों ने सरकार पर इसी बजट सत्र में विधेयक लाने का दबाव बना रखा है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल हालांकि विधानसभा में उपद्रवियों से सख्ती से निपटने का संकेत दे चुके हैं, लेकिन केंद्र किसी तरह की ढिलाई नहीं बरतना चाह रहा है।
मोदी के बाद राजनाथ ने भी लिया मनोहर से जाट आंदोलन का फीडबैक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री से बातचीत करने के बाद न केवल भारी सुरक्षा बल हरियाणा भेजने के निर्देश दिए हैं, बल्कि केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह को भी भेज दिया है। बीरेंद्र की सक्रियता इसलिए भी अहम हो गई कि मनोहर सरकार के सीनियर मंत्री अनिल विज ने पिछले दिनों जाट मंत्रियों पर कैबिनेट को हाइजैक करने के आरोप लगाकर मुश्किलें बढ़ा दी थी।
बीरेंद्र ने जाट आरक्षण विधेयक के प्रारूप पर मुख्य सचिव डीएस ढेसी के साथ भी चर्चा की। अखिल भारतीय जाट संघर्ष समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक जब चंडीगढ़ में ढेसी कमेटी से मिलने आए, तब बीरेंद्र सिंह हरियाणा निवास में ही थे। कई जाट नेताओं की उनसे मुलाकात हुई है। बताया जाता है कि 28 से 31 मार्च के बीच ही विधानसभा में जाट आरक्षण बिल लाया जाएगा। इससे पहले सरकार बिल की तमाम खामियां दूर करना चाह रही है।
बात नहीं सुनी जाए तो अल्टीमेटम भी देने पड़ते हैं : बीरेंद्र
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री चौ. बीरेंद्र सिंह भले ही केंद्र के निर्देश पर हरियाणा आए हैैं लेकिन जाट हितों की अनदेखी वह भी नहीं कर सके। जाट संगठनों द्वारा आंदोलन का अल्टीमेटम दिए जाने से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि जब किसी की बात नहीं सुनी जाए तो अल्टीमेटम भी देना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि सरकार जाट आरक्षण देने के लिए सकारात्मक कदम उठा रही है। पहले की तरह जाट आरक्षण निरस्त न हो, इसके लिए सोच समझकर विधेयक लाया जाएगा। उन्होंने कैबिनेट मंत्री अनिल विज को भी नसीहत दी। विज ने कहा था कि जाट आरक्षण के लिए धमकी न दें। इस पर बीरेंद्र ने जवाब दिया कि विज को सद्भावना की भाषा का इस्तेमाल करना चाहिए।