कर्मचारियों को झटका: दो से ढाई दशक पुराने कच्चे कर्मी नहीं होंगे पक्के, सरकार ने रोकी प्रक्रिया

हरियाणा के पुराने कच्‍चे कर्मियों को झटका लगा है। राज्‍य के 20 से 25 साल पुराने कच्‍चे कर्मचारी अब पक्के नहीं हो सकेंगे। राज्‍य सरकार ने उनको नियमित करने की प्रक्रिया रोक दी है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Sat, 02 Feb 2019 06:50 PM (IST) Updated:Sun, 03 Feb 2019 08:53 PM (IST)
कर्मचारियों को झटका: दो से ढाई दशक पुराने कच्चे कर्मी नहीं होंगे पक्के, सरकार ने रोकी प्रक्रिया
कर्मचारियों को झटका: दो से ढाई दशक पुराने कच्चे कर्मी नहीं होंगे पक्के, सरकार ने रोकी प्रक्रिया

चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा के पुराने कच्‍चे सरकारी कर्मचारियों को तगड़ा झटका लगा है। सरकारी विभागों और बोर्ड व निगमों में 20-25 साल से लगे कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की उम्मीदें टूट सी गई है। हरियाणा सरकार ने इन कर्मचारियों को नियमित करने की प्रक्रिया रोक दी है। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के निर्देश के बाद प्रदेश सरकार ने वर्ष 1997, 1999, 2003 और 2004 की पॉलिसी के तहत कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की यह प्रक्रिया रोकी है।

सरकार ने रोकी 1997, 1999, 2003 और 2004 की पॉलिसी के तहत नियमितीकरण की प्रक्रिया

विगत 21 दिसंबर को ही प्रदेश सरकार ने इन कर्मचारियों को पक्का करने के निर्देश दिए थे। अब अगर हाई कोर्ट की सिंगल बेंच से किसी कर्मचारी के पक्ष में फैसला आता भी है तो संबंधित महकमा डबल बेंच में इसे चुनौती देगा। मुख्य सचिव डीएस ढेसी ने इस संबंध में सभी विभागाध्यक्षों, मंडलायुक्त, उपायुक्त, हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार और बोर्ड-निगमों के प्रबंध निदेशकों को लिखित आदेश जारी किए हैं।

पिछले महीने ही सभी प्रशासनिक सचिवों को वित्त विभाग की मंजूरी से इन कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने के लिए नए पद तैयार करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद विभिन्न महकमों ने कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जिस पर अब विराम लग गया है। एडवोकेट जनरल की सिफारिश पर लिए ताजा फैसले से करीब 25 हजार कच्चे कर्मचारी प्रभावित होंगे।

एडवोकेट जनरल की सिफारिश पर मुख्य सचिव ने दिया आदेश, 25 हजार कच्चे कर्मचारी होंगे प्रभावित

एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन ने अपनी सिफारिश के लिए हाई कोर्ट के बलविंदर सिंह और अन्य बनाम प्रदेश सरकार के मामले में 25 जनवरी के फैसले को आधार बनाया है। पिछले साल 4 अक्टूबर को हाई कोर्ट की एकल पीठ ने कच्चे कर्मचारियों के वर्षों के अनुभव को ही उनकी योग्यता मानते हुए उन्हें पहली फरवरी तक पक्का करने के निर्देश दिए थे। इसके खिलाफ प्रदेश सरकार ने चीफ जस्टिस की डबल बेंच में याचिका दायर कर तर्क दिया कि अदालत के आदेश बैक डेट से सभी अस्थायी कर्मियों पर लागू होने से पुराने पक्के कर्मचारियों की वरिष्ठता प्रभावित होगी।

इसके बाद डबल बेंच ने सिंगल बेंच के आदेश पर रोक लगा दी थी। इसी आधार पर प्रदेश सरकार ने सभी विभागों को इन कर्मचारियों को पक्का करने की प्रक्रिया तुरंत रोकने का निर्देश दिया है। हाई कोर्ट के अंतिम निर्णय के बाद ही कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने या नहीं करने पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

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