हरियाणा के 15 IAS जांच के घेरे में, बिल्डरों को पहुंचाया फायदा, SIT बनाने के आदेश

गुरुग्राम-सोहना रोड स्थित मालिबू टाउन कालोनी में हजारों करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। लोकायुक्त ने SIT गठित कर जांच के आदेश दिए हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Tue, 10 Dec 2019 10:00 AM (IST) Updated:Tue, 10 Dec 2019 10:00 AM (IST)
हरियाणा के 15 IAS जांच के घेरे में, बिल्डरों को पहुंचाया फायदा, SIT बनाने के आदेश
हरियाणा के 15 IAS जांच के घेरे में, बिल्डरों को पहुंचाया फायदा, SIT बनाने के आदेश

जेेेेेेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा के लोकायुक्त जस्टिस एनके अग्रवाल की कोर्ट ने माना है कि गुरुग्राम-सोहना रोड स्थित मालिबू टाउन कालोनी में हजारों करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। कालोनाइजर्स और डेवलपर्स ने Town and Country Planning Department के अधिकारियों के साथ मिलकर इस घोटाले को अंजाम दिया। लोकायुक्त ने वर्ष 2011 की एक शिकायत के आधार पर वर्ष 1991 से अब तक Town and Country Planning Department के महानिदेशकों, विभागीय अधिकारियों और कालोनाइजरों के बीच रिश्तों की जांच के लिए एसआइटी स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) बनाने के आदेश दिए हैं।

हरियाणा के सबसे वरिष्ठ जिला जज के नेतृत्व में यह कमेटी बनाने का सुझाव दिया गया है। लोकायुक्त जस्टिस एनके अग्रवाल ने भ्रष्टाचार निरोधक दिवस पर यह आदेश दिया है। उस समय मुख्यमंत्री मनोहर लाल पंचकूला में राज्य स्तरीय समारोह में अधिकारियों को भ्रष्टाचार से अछूता रहने का संदेश दे रहे थे। अधिकारियों ने भ्रष्टाचार में शामिल नहीं होने की शपथ भी ली।

वर्ष 1991 से लेकर अब तक 15 IAS अधिकारी Town and Country Planning Department के महानिदेशक पद पर कार्यरत रहे हैं। इनमें अधिकतर रिटायर हो गए और कुछ अभी भी काम कर रहे हैं। इनके अलावा चीफ टाउन प्लानर, सीनियर टाउन प्लानर और डिस्ट्रिक्ट टाउन प्लानर भी इस घोटाले में शामिल बताए जाते हैं। लोकायुक्त के आदेश को गंभीरता से लेते हुए हरियाणा सरकार ने यदि एसआइटी गठित की तो उक्त सभी सीनियर IAS जांच के दायरे में शामिल होंगे। 

साल 2011 में गवर्निंग काउंसिल फेडरेशन ऑफ मालीबू टाउन रेजीडेंस एसोसिएशन सोहना के चेयरमैन विनोद कोहली और सोहना के रमन शर्मा ने लोकायुक्त कार्यालय में एक याचिका दायर की थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि बिल्डर और अधिकारियों की मिलीभगत से 204 एकड़ की इस कालोनी के निवासी बेहद परेशान हैं। शिकायत करने पर अधिकारियों की तरफ से बिल्डर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती। इस कालोनी की अब तक इनवायरमेंट क्लीयरेंस नहीं ली गई है। ग्रीन बेल्ट में बीएसएनएल एक्सचेंज और सीवर ट्रीटमेंट प्लांट बना हुआ है।

याची ने आरोप लगाया कि इस प्लॉटिड कालोनी में बिल्डर ने प्लॉट्स को फ्लोर वाइज बेच डाला। शिकायत के बादद पॉलिसी बनीं। इसके मुताबिक बिल्डर को 1000 रुपये प्रति वर्ग फीट फीस जमा करवानी थी, जो जमा नहीं हुई। किसी अधिकारी ने इसकी रिकवरी की तरफ ध्यान नहीं दिया। आरोप के मुताबिक बिल्डर ने इस कालोनी में बिना पानी और सीवर कनेक्शन के साल 1999 में बायर्स को पजेशन देना शुरू कर दिया था। आरोप लगाया गया कि बिल्डर ने अधिकतर कम्युनिटी बिल्डिंग्स को बेच डाला है। कम्युनिटी सेंटर नहीं बने। नियमानुसार 45 प्रतिशत ओपन स्पेस नहीं है। जमीन की हेराफेरी भी हुई है। बिजली सब स्टेशन नहीं बना है।

इन IAS के खिलाफ हो सकती है जांच

वर्ष 1991 सेअब तक Town and Country Planning Department के महानिदेशक 15 IAS रहे हैं। इनमें राजकुमार, मलिक सोनावने, भास्कर चटर्जी, आरएस गुजराल, एससी चौधरी, छतर सिंह, एसएस ढिल्लो, पी राघवेंद्र राव, आलोक निगम, एनसी वधवा, अनुराग रस्तोगी, अरुण कुमार गुप्ता, टीएल सत्यप्रकाश और के मकरंद पांडुरंग शामिल हैं। इनमें कुछ अधिकारी केंद्र में सेवाएं दे रहे तो कुछ रिटायर हो गए हैं।

सीनियर जज की अगुआई में एसआइटी बनाने का दिया सुझाव

लोकायुक्त जस्टिस एनके अग्रवाल ने सलाह दी है कि जांच करने वाली एसआइटी में हरियाणा के सबसे वरिष्ठ जिला जज, वरिष्ठ IAS जिसने सचिव पद पर काम किया हो और दो अन्य अधिकारियों को शामिल किया जाए। लोकायुक्त ने यह आदेश दो अलग अलग शिकायतों का निपटारा करते हुए दिए हैं, जो गुरुग्राम जिले से जुड़ी हैं।

तीन IAS ने किया अपने पद का बड़ा दुरुपयोग

गवर्निंग काउंसिल फेडरेशन ऑफ मालीबू टाउन रेजीडेंस एसोसिएशन सोहना के चेयरमैन विनोद कोहली और सोहना के रमन शर्मा ने अपनी शिकायत में कहा कि अधिकारियों ने कॉलोनाइजर्स व डेवलपर्स के हित के लिए काम किए हैं। शिकायत में मुख्य तौर पर तीन IAS पर मैसर्स मालिबू एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के पक्ष में अपनी स्थिति का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया।

लोकायुक्त ने कहा, कार्रवाई नहीं हुई तो बढ़ेगा भ्रष्टाचार

लोकायुक्त जस्टिस एनके अग्रवाल ने अपने 47 पृष्ठ के आदेश में कहा कि अगर शीघ्र और समय पर कार्रवाई नहीं की गई तो निश्चित रूप से लोगों व सरकार को बड़ा नुकसान होगा। अगर अभी कार्रवाई नहीं हुई तो इस तरह के अधिकारी भ्रष्टाचार को बढ़ावा देंगे। लोकायुक्त ने कहा कि लोक सेवक व उच्च पदों पर कार्यरत सभी अधिकारियों के लिए कानून बराबर है ऐसे में सरकार को भी प्रबल इच्छा के साथ ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।

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