घग्गर के पानी से होगी व‌र्ल्ड हर्बल फारेस्ट की सिंचाई

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : मोरनी क्षेत्र की पहाड़ियों में प्रस्तावित व‌र्ल्ड हर्बल फॉरेस्ट में लगाए जाने

By Edited By: Publish:Thu, 30 Jul 2015 01:08 AM (IST) Updated:Thu, 30 Jul 2015 01:08 AM (IST)
घग्गर के पानी से होगी व‌र्ल्ड हर्बल फारेस्ट की सिंचाई

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : मोरनी क्षेत्र की पहाड़ियों में प्रस्तावित व‌र्ल्ड हर्बल फॉरेस्ट में लगाए जाने वाले औषधीय पौधों की सिंचाई घग्गर नदी के पानी से की जाएगी। पौधों को उचित मात्रा में पानी उपलब्ध कराने के लिए घग्घर नदी का पानी लिया जाएगा। डिप सिंचाई प्रणाली की व्यवस्था भी की जाएगी। विभिन्न स्थानों पर पानी संरक्षण के लिए छोटे बांध व चैक डैम बनेंगे।

स्वास्थ्य एवं आयुष मंत्री अनिल विज ने कहा कि प्रस्तावित 'व‌र्ल्ड हर्बल फॉरेस्ट' निर्माण के लिए मोरनी क्षेत्र की पहाड़ियों का सर्वे पूरा हो चुका है। अनेक खंड़ों की पहचान उपयुक्त क्षेत्र के तौर पर की गई है। मोरनी की पहाड़ियों में हर्बल फॉरेस्ट के निर्माण के लिए बलोटी, बड़वा, भूड़, भूड़ी, मीरपूर, मोरनी, थांगडॉग, थापली और त्रिलोकपुर ब्लाक सर्वे में औषधीय पौधे लगाने के लिए उपयुक्त हैं। इन्हें पर्यावरण की दृष्टि से बिल्कुल माकूल पाया गया है।

घग्गर नदी इसी क्षेत्र की पहाड़ियों में बहती है। इसलिए पौधों के लिए पानी की कमी नहीं रहेगी। विज ने कहा कि मोरनी हिल्स में करीब 52 हजार एकड़ भूमि पर विश्व के पहले व‌र्ल्ड हर्बल फ ारेस्ट का निर्माण किया जाएगा। लोगों को विस्तृत जानकारी देने के लिए फारेस्ट में अनेक चेतन केंद्र बनाए जाएंगे। फॉरेस्ट में मानव शरीर की संभावित बीमारियों में प्रयोग होने वाली आयुर्वेदिक औषधियों के पौधों को अलग-अलग स्थानों पर रोपित करने को थीम गार्डन बनेंगे। इनमें शरीर के विभिन्न भागों की बीमारियों के आधार पर औषधीय पौधे होंगे।

बॉक्स-1

पानी के नमूनों की जांच के आदेश

राब्यू, चंडीगढ़ : स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने डायरिया की आशंकाओं को देखते हुए अधिकारियों को पानी के नमूनो की जांच के आदेश दिए हैं। इसके लिए अलग से टीमों का गठन करने को भी कहा गया है।

विज ने पानीपत में डायरिया के मामलों को देखते हुए बुधवार को उच्च अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने डायरिया पर नियंत्रण के लिए विशेष कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। अधिकारियों ने स्वास्थ्य मंत्री को बताया कि पानीपत में कुछ मामले डायरिया के सामने आए है। विभाग इस पर पैनी नजर बनाए हुए है। क्षेत्र में कलोरीन तथा ओआरएस के पैकेट बांटे जा रहे है।

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