पिछले साल के मुकाबले जिले में डेंगू के मामले बढ़े

जिले में पिछले साल की तुलना में अबकी बार 17 डेंगू के मरीज मिल चुके हैं जबकि 2020 में मात्र सात डेंगू के मरीज सामने आए थे।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 07:16 PM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 07:16 PM (IST)
पिछले साल के मुकाबले जिले में डेंगू के मामले बढ़े
पिछले साल के मुकाबले जिले में डेंगू के मामले बढ़े

जागरण संवाददाता, पलवल: कोरोना की तीसरी लहर के खतरे की आशंका के बीच जिले में डेंगू के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं। जिले में पिछले साल की तुलना में अबकी बार 17 डेंगू के मरीज मिल चुके हैं, जबकि 2020 में मात्र सात डेंगू के मरीज सामने आए थे। दूसरी तरफ बुखार का प्रकोप कम होने का नाम नहीं ले रहा है। बुखार से मरने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। जिले में बुखार से बच्चों समेत अबतक चालीस से अधिक लोगों की मौत हो चुकी हैं।

बुखार के साथ-साथ जुकाम, खांसी, उल्टी और दस्त से ग्रसित मरीज भी 18 वर्ष से कम के आ रहे हैं। जिला नागरिक अस्पताल में शिशु रोग विशेषज्ञ डाक्टर वासुदेव के मुताबिक पहले बुखार से पीड़ित बच्चों की संख्या बहुत कम थी। मगर पिछले डेढ़ महीने में यह संख्या में 70 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। सरकारी अस्पताल की ओपीडी में आने वाले 80 प्रतिशत से अधिक बच्चे बुखार से ग्रसित हैं। बता दें कि जिले में मलेरिया के अभी कुल तीन ही मामले ही सामने आए हैं। प्राइवेट व सरकारी अस्पतालों में बेड फुल

जिले में बुखार के बढ़ते प्रकोप का अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि इस वक्त सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में मौजूद बेड भी कम पड़ने लगे हैं।

अचानक प्लेटलेट्स हो रही कम

जिला नागरिक अस्पताल की ओपीडी पर लंबी-लंबी लाइनें बुखार और अन्य मौसमी बीमारियों के बढ़ते प्रकोप की गवाही दे रही हैं। अस्पताल में भर्ती मरीजों के बुखार के बाद अचानक प्लेटलेट्स कम होने के मामले सामने आ रहे हैं। चिकित्सकों का कहना है कि प्लेटलेट्स कम होने का मतलब यह नहीं कि मरीज को डेंगू है। ऐसी 70 बीमारियां है, जिनकी वजह से प्लेटलेट्स कम हो जाती है।

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